बिहार विधानसभा आम निर्वाचन 2025 को निष्पक्ष, शांतिपूर्ण और पारदर्शी ढंग से संपन्न कराने के लिए जिला प्रशासन द्वारा आज इंटर उच्च विद्यालय, किशनगंज में माइक्रो ऑब्जर्वरों का एक दिवसीय व्यापक प्रशिक्षण आयोजित किया गया। सुबह 11 बजे शुरू हुआ यह प्रशिक्षण सत्र अपराह्न 4 बजे तक चला, जिसमें जिले के सभी 495 माइक्रो ऑब्जर्वरों ने हिस्सा लिया।
प्रशिक्षण के दौरान माइक्रो ऑब्जर्वरों को निर्वाचन प्रक्रिया की बारीकियों से अवगत कराया गया। मुख्य रूप से मॉक पोल की प्रक्रिया, EVM और VVPAT के संचालन, मतदान दिवस की कार्यप्रणाली, रिपोर्टिंग प्रारूप और मतदान केंद्रों पर अनुपालन योग्य मानकों पर विस्तृत जानकारी दी गई।
सभी ऑब्जर्वरों को फॉर्म-12 भी उपलब्ध कराया गया, जिससे वे अपने मताधिकार का प्रयोग पोस्टल बैलेट के माध्यम से कर सकें।
11 नवम्बर को होगी प्रतिनियुक्ति प्रशिक्षण के अंतर्गत यह स्पष्ट किया गया कि माइक्रो ऑब्जर्वरों की भूमिका पूर्णतः प्रेक्षणात्मक होगी। ये अधिकारी 11 नवम्बर को होने वाले मतदान में जिले के संवेदनशील और अति संवेदनशील बूथों पर तैनात किए जाएंगे। इनका कार्य मतदान प्रक्रिया का पर्यवेक्षण करना होगा, न कि पीठासीन या मतदान अधिकारी के रूप में कार्य करना।
इन बिंदुओं पर रखेंगे नजर मतदान दिवस को माइक्रो ऑब्जर्वर निम्न प्रमुख बिंदुओं पर विशेष निगरानी रखेंगे:
मतदान केंद्र की तैयारी और न्यूनतम सुविधाओं की उपलब्धता
मॉक पोल की प्रक्रिया और उसके नियमों का पालन
कंट्रोल यूनिट से मॉक पोल मतों का विलोपन और प्रमाणन
मतदान अभिकर्ताओं की उपस्थिति और व्यवहार
मतदाता पहचान की प्रक्रिया और दस्तावेजों की जांच
ASD सूची का सत्यापन
अमिट स्याही का प्रयोग और गोपनीयता की सुरक्षा
किसी भी शिकायत की निगरानी और रिपोर्टिंग
किसी भी गड़बड़ी या अनियमितता की स्थिति में माइक्रो ऑब्जर्वर तुरंत संबंधित सामान्य प्रेक्षक को सूचना देंगे।
जिला निर्वाचन कार्यालय के अनुसार, यह प्रशिक्षण कार्यक्रम इस उद्देश्य से आयोजित किया गया कि माइक्रो ऑब्जर्वर पूरी निष्ठा, सतर्कता और दक्षता के साथ अपने कर्तव्यों का निर्वहन करें, जिससे चुनाव की पारदर्शिता और विश्वसनीयता बनी रहे।
सारस न्यूज, किशनगंज।
बिहार विधानसभा आम निर्वाचन 2025 को निष्पक्ष, शांतिपूर्ण और पारदर्शी ढंग से संपन्न कराने के लिए जिला प्रशासन द्वारा आज इंटर उच्च विद्यालय, किशनगंज में माइक्रो ऑब्जर्वरों का एक दिवसीय व्यापक प्रशिक्षण आयोजित किया गया। सुबह 11 बजे शुरू हुआ यह प्रशिक्षण सत्र अपराह्न 4 बजे तक चला, जिसमें जिले के सभी 495 माइक्रो ऑब्जर्वरों ने हिस्सा लिया।
प्रशिक्षण के दौरान माइक्रो ऑब्जर्वरों को निर्वाचन प्रक्रिया की बारीकियों से अवगत कराया गया। मुख्य रूप से मॉक पोल की प्रक्रिया, EVM और VVPAT के संचालन, मतदान दिवस की कार्यप्रणाली, रिपोर्टिंग प्रारूप और मतदान केंद्रों पर अनुपालन योग्य मानकों पर विस्तृत जानकारी दी गई।
सभी ऑब्जर्वरों को फॉर्म-12 भी उपलब्ध कराया गया, जिससे वे अपने मताधिकार का प्रयोग पोस्टल बैलेट के माध्यम से कर सकें।
11 नवम्बर को होगी प्रतिनियुक्ति प्रशिक्षण के अंतर्गत यह स्पष्ट किया गया कि माइक्रो ऑब्जर्वरों की भूमिका पूर्णतः प्रेक्षणात्मक होगी। ये अधिकारी 11 नवम्बर को होने वाले मतदान में जिले के संवेदनशील और अति संवेदनशील बूथों पर तैनात किए जाएंगे। इनका कार्य मतदान प्रक्रिया का पर्यवेक्षण करना होगा, न कि पीठासीन या मतदान अधिकारी के रूप में कार्य करना।
इन बिंदुओं पर रखेंगे नजर मतदान दिवस को माइक्रो ऑब्जर्वर निम्न प्रमुख बिंदुओं पर विशेष निगरानी रखेंगे:
मतदान केंद्र की तैयारी और न्यूनतम सुविधाओं की उपलब्धता
मॉक पोल की प्रक्रिया और उसके नियमों का पालन
कंट्रोल यूनिट से मॉक पोल मतों का विलोपन और प्रमाणन
मतदान अभिकर्ताओं की उपस्थिति और व्यवहार
मतदाता पहचान की प्रक्रिया और दस्तावेजों की जांच
ASD सूची का सत्यापन
अमिट स्याही का प्रयोग और गोपनीयता की सुरक्षा
किसी भी शिकायत की निगरानी और रिपोर्टिंग
किसी भी गड़बड़ी या अनियमितता की स्थिति में माइक्रो ऑब्जर्वर तुरंत संबंधित सामान्य प्रेक्षक को सूचना देंगे।
जिला निर्वाचन कार्यालय के अनुसार, यह प्रशिक्षण कार्यक्रम इस उद्देश्य से आयोजित किया गया कि माइक्रो ऑब्जर्वर पूरी निष्ठा, सतर्कता और दक्षता के साथ अपने कर्तव्यों का निर्वहन करें, जिससे चुनाव की पारदर्शिता और विश्वसनीयता बनी रहे।
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