महिला संवाद कार्यक्रम में महिलाएँ मुक्त स्वर में अपनी बातें रख रही हैं। बेझिझक अपने क्षेत्र-विशेष की समस्याएँ और आकांक्षाएँ व्यक्त कर रही हैं। दिघलबैंक प्रखंड के धनतोला पंचायत की सरिता हेम्ब्रम ने अपनी आकांक्षा व्यक्त करते हुए बताया कि आय, जाति, निवास इत्यादि प्रमाण पत्र बनवाने के लिए दूर-दराज़ क्षेत्र से प्रखंड कार्यालय आने में दिक्कत होती है। दिघलबैंक प्रखंड कार्यालय के अलावा दुर्गम क्षेत्रों में भी आर.टी.पी.एस. सब-सेंटर खोले जाने चाहिए। वहीं, बहादुरगंज प्रखंड के चंदवार पंचायत की बिंदा देवी और कुंती देवी ने अपनी आकांक्षा व्यक्त करते हुए बताया कि क्षेत्र विशेष में मक्का के उत्पादन को देखते हुए इससे संबंधित खाद्य प्रसंस्करण उद्योग लगाया जाना चाहिए, ताकि यहाँ के मक्का किसानों को फसल की अच्छी कीमत और स्थानीय लोगों को रोजगार मिल सके।
महिला संवाद कार्यक्रम में महिलाएँ अपनी बात रख रही हैं और स्थानीय व नीतिगत सभी मुद्दों पर विचार व्यक्त कर रही हैं। कार्यक्रम में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में आधुनिक सुविधाएं उपलब्ध कराने और पंचायतों में जन औषधि केंद्र खोलने की आकांक्षा भी व्यक्त की गई। महिला संवाद कार्यक्रम में जागरूकता रथ आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। इस पर लगी बड़ी सी एल.ई.डी. स्क्रीन पर महिलाएँ सरकार की योजनाओं से संबंधित वीडियो-फिल्में देख रही हैं। महिला सशक्तिकरण की दिशा में बिहार सरकार की विभिन्न महत्वाकांक्षी योजनाओं का लाभ लेकर सफलता की राह पर मिसाल बनी महिलाओं की कहानी भी इन वीडियो-फिल्मों में शामिल की गई है। सफलता की कहानी महिलाओं की जुबानी देख-सुनकर महिलाएँ प्रेरित हो रही हैं। पोठिया प्रखंड के नौकट्टा पंचायत की मंजरी बेगम ने फिल्म देख कर अपना विचार व्यक्त करते हुए कहा कि बिहार में महिलाओं को सरकारी नौकरी में पैंतीस प्रतिशत आरक्षण का लाभ मिल रहा है। मैं भी अपनी बेटी को पढ़ा-लिखा कर अफसर बनाऊँगी। महिला संवाद कार्यक्रम चरणबद्ध तरीके से जिले के सभी ग्राम संगठनों में किया जाना है। बढ़ती गर्मी में भी महिलाएँ अपने विचार और आकांक्षाएँ व्यक्त करने के लिए सजग दिख रही हैं और पूरे उत्साह से कार्यक्रम में भाग ले रही हैं।
राहुल कुमार, सारस न्यूज, किशनगंज।
महिला संवाद कार्यक्रम में महिलाएँ मुक्त स्वर में अपनी बातें रख रही हैं। बेझिझक अपने क्षेत्र-विशेष की समस्याएँ और आकांक्षाएँ व्यक्त कर रही हैं। दिघलबैंक प्रखंड के धनतोला पंचायत की सरिता हेम्ब्रम ने अपनी आकांक्षा व्यक्त करते हुए बताया कि आय, जाति, निवास इत्यादि प्रमाण पत्र बनवाने के लिए दूर-दराज़ क्षेत्र से प्रखंड कार्यालय आने में दिक्कत होती है। दिघलबैंक प्रखंड कार्यालय के अलावा दुर्गम क्षेत्रों में भी आर.टी.पी.एस. सब-सेंटर खोले जाने चाहिए। वहीं, बहादुरगंज प्रखंड के चंदवार पंचायत की बिंदा देवी और कुंती देवी ने अपनी आकांक्षा व्यक्त करते हुए बताया कि क्षेत्र विशेष में मक्का के उत्पादन को देखते हुए इससे संबंधित खाद्य प्रसंस्करण उद्योग लगाया जाना चाहिए, ताकि यहाँ के मक्का किसानों को फसल की अच्छी कीमत और स्थानीय लोगों को रोजगार मिल सके।
महिला संवाद कार्यक्रम में महिलाएँ अपनी बात रख रही हैं और स्थानीय व नीतिगत सभी मुद्दों पर विचार व्यक्त कर रही हैं। कार्यक्रम में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में आधुनिक सुविधाएं उपलब्ध कराने और पंचायतों में जन औषधि केंद्र खोलने की आकांक्षा भी व्यक्त की गई। महिला संवाद कार्यक्रम में जागरूकता रथ आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। इस पर लगी बड़ी सी एल.ई.डी. स्क्रीन पर महिलाएँ सरकार की योजनाओं से संबंधित वीडियो-फिल्में देख रही हैं। महिला सशक्तिकरण की दिशा में बिहार सरकार की विभिन्न महत्वाकांक्षी योजनाओं का लाभ लेकर सफलता की राह पर मिसाल बनी महिलाओं की कहानी भी इन वीडियो-फिल्मों में शामिल की गई है। सफलता की कहानी महिलाओं की जुबानी देख-सुनकर महिलाएँ प्रेरित हो रही हैं। पोठिया प्रखंड के नौकट्टा पंचायत की मंजरी बेगम ने फिल्म देख कर अपना विचार व्यक्त करते हुए कहा कि बिहार में महिलाओं को सरकारी नौकरी में पैंतीस प्रतिशत आरक्षण का लाभ मिल रहा है। मैं भी अपनी बेटी को पढ़ा-लिखा कर अफसर बनाऊँगी। महिला संवाद कार्यक्रम चरणबद्ध तरीके से जिले के सभी ग्राम संगठनों में किया जाना है। बढ़ती गर्मी में भी महिलाएँ अपने विचार और आकांक्षाएँ व्यक्त करने के लिए सजग दिख रही हैं और पूरे उत्साह से कार्यक्रम में भाग ले रही हैं।
Leave a Reply