विश्व जूनोज दिवस 2024 के अवसर पर पशु चिकित्सा एवं पशु विज्ञान महाविद्यालय, अर्राबाड़ी, किशनगंज में “एक स्वास्थ्य दृष्टिकोण: ज़ूनोटिक रोगों से निपटने के लिए एकीकृत दृष्टिकोण” विषय पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। ज़ूनोटिक रोग वे बीमारियाँ हैं जो पशुओं और मनुष्यों के बीच फैल सकती हैं। ये रोग बैक्टीरिया, वायरस, परजीवी या कवक के कारण हो सकते हैं।
इस अवसर पर पशु चिकित्सा एवं पशु विज्ञान महाविद्यालय के छात्रों के लिए “एक विश्व, एक स्वास्थ्य: ज़ूनोज़ को रोकें, प्रसार को रोकें” विषय पर पोस्टर और निबंध प्रतियोगिता आयोजित की गई और कुल 20 छात्रों ने भाग लिया। कार्यशाला में एक व्याख्यान भी शामिल था जो डॉ. दीक्षा पी. गौरखेड़े, सहायक प्रोफेसर द्वारा दिया गया। इस कार्यशाला का आयोजन पशु चिकित्सा सार्वजनिक स्वास्थ्य और महामारी विज्ञान विभाग ने किया।
कार्यशाला के समापन समारोह कार्यक्रम की अध्यक्षता महाविद्यालय के डीन, डॉ. चंद्रहास ने की। इस अवसर पर उन्होंने संबोधन में मनुष्यों और जानवरों दोनों पर ज़ूनोटिक रोगों के प्रभाव और प्रकोप को रोकने के लिए और अधिक शोध की आवश्यकता पर जोर दिया और जानवरों के साथ काम करने वालों को ज़ूनोटिक रोगों से जुड़े जोखिमों के बारे में जानकारी साझा की। समापन समारोह के अवसर पर विभिन्न प्रतियोगिताओं में विजेता विद्यार्थियों को सम्मान-पत्र देकर सम्मानित किया गया।
सारस न्यूज़, पोठिया, किशनगंज।
विश्व जूनोज दिवस 2024 के अवसर पर पशु चिकित्सा एवं पशु विज्ञान महाविद्यालय, अर्राबाड़ी, किशनगंज में “एक स्वास्थ्य दृष्टिकोण: ज़ूनोटिक रोगों से निपटने के लिए एकीकृत दृष्टिकोण” विषय पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। ज़ूनोटिक रोग वे बीमारियाँ हैं जो पशुओं और मनुष्यों के बीच फैल सकती हैं। ये रोग बैक्टीरिया, वायरस, परजीवी या कवक के कारण हो सकते हैं।
इस अवसर पर पशु चिकित्सा एवं पशु विज्ञान महाविद्यालय के छात्रों के लिए “एक विश्व, एक स्वास्थ्य: ज़ूनोज़ को रोकें, प्रसार को रोकें” विषय पर पोस्टर और निबंध प्रतियोगिता आयोजित की गई और कुल 20 छात्रों ने भाग लिया। कार्यशाला में एक व्याख्यान भी शामिल था जो डॉ. दीक्षा पी. गौरखेड़े, सहायक प्रोफेसर द्वारा दिया गया। इस कार्यशाला का आयोजन पशु चिकित्सा सार्वजनिक स्वास्थ्य और महामारी विज्ञान विभाग ने किया।
कार्यशाला के समापन समारोह कार्यक्रम की अध्यक्षता महाविद्यालय के डीन, डॉ. चंद्रहास ने की। इस अवसर पर उन्होंने संबोधन में मनुष्यों और जानवरों दोनों पर ज़ूनोटिक रोगों के प्रभाव और प्रकोप को रोकने के लिए और अधिक शोध की आवश्यकता पर जोर दिया और जानवरों के साथ काम करने वालों को ज़ूनोटिक रोगों से जुड़े जोखिमों के बारे में जानकारी साझा की। समापन समारोह के अवसर पर विभिन्न प्रतियोगिताओं में विजेता विद्यार्थियों को सम्मान-पत्र देकर सम्मानित किया गया।
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