हर साल 29 सितंबर को हृदय रोग से संबंधित जागरूकता के लिए विश्व हृदय दिवस मनाया जाता है। इस दौरान लोगों को हृदय संबंधी रोगों से बचाव और सुरक्षित रहने के उपायों की जानकारी दी जाती है। इस वर्ष भी जिले में गुरुवार से विश्व हृदय पखवाड़े का आयोजन शुरू हुआ। पखवाड़े के दौरान लोग 29 सितंबर से 05 अक्टूबर तक निकटतम अस्पताल में आयोजित शिविर में भाग लेकर स्वास्थ्य जांच करा सकते हैं।
हृदय संबंधी समस्याओं का गंभीरता से ध्यान रखना आवश्यक: एनसीडीओ
जिला गैर-संचारी रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ. उर्मिला कुमारी ने बताया कि आज के व्यस्त जीवन में 30 वर्ष से अधिक उम्र के किसी भी व्यक्ति को हृदय संबंधी समस्याएं हो सकती हैं। इससे बचने के लिए संतुलित भोजन के साथ जीवनशैली पर ध्यान देना आवश्यक है। असंतुलित खानपान और गलत जीवनशैली के कारण लोग गैर-संचारी रोगों, जैसे मधुमेह, उच्च रक्तचाप, कैंसर, और हृदय संबंधी रोगों से पीड़ित हो रहे हैं। लोगों को नियमित रूप से अपने रक्तचाप और मधुमेह की जांच करानी चाहिए, क्योंकि ये हृदय रोगों को बढ़ावा दे सकते हैं और हार्ट अटैक का जोखिम बढ़ जाता है। सरकार ने सभी स्वास्थ्य केंद्रों में गैर-संचारी रोग केंद्र खोले हैं, जहां नियमित रूप से लोगों की जांच की जाती है।
हृदय रोग से सुरक्षा के लिए संतुलित आहार आवश्यक
डॉ. उर्मिला कुमारी ने कहा कि वर्तमान समय में बहुत से लोग असमय भोजन करते हैं। पिज्जा, बर्गर और अन्य फास्ट फूड खाना स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है। इनसे रक्तचाप और मधुमेह जैसी बीमारियां उत्पन्न होती हैं, जो आगे चलकर हृदय रोग का कारण बन सकती हैं। संतुलित आहार का सेवन आवश्यक है और इसे समय पर लेना चाहिए।
विभिन्न स्वास्थ्य केंद्रों में निःशुल्क हृदय जांच व परामर्श शिविर का आयोजन
जिले के सभी स्वास्थ्य केंद्रों में विश्व हृदय दिवस के अवसर पर शिविर का आयोजन किया गया, जिसमें लोगों की हृदय संबंधी जांच की गई और उन्हें सुरक्षित रहने के उपायों के बारे में परामर्श दिया गया। सामुदायिक, प्राथमिक, एवं हेल्थ एंड वेलनेस केंद्रों में हृदय रोग से बचाव के बारे में जानकारी दी गई। सिविल सर्जन डॉ. राजेश कुमार ने बताया कि भारत में हृदय रोग और मधुमेह के मरीजों की संख्या अधिक है, क्योंकि लोग स्वास्थ्य के प्रति कम जागरूक हैं और पौष्टिक आहार का सेवन कम करते हैं। उन्होंने बताया कि 30 वर्ष से अधिक उम्र के हर व्यक्ति को नियमित रूप से रक्तचाप और मधुमेह की जांच करानी चाहिए, क्योंकि ये “साइलेंट किलर” के रूप में जाने जाते हैं। रक्तचाप या मधुमेह की अनियमितता से हृदय रोग और शरीर के अंगों में लकवा जैसी समस्याएं हो सकती हैं। इससे बचने के लिए नियमित जांच आवश्यक है।
राहुल कुमार, सारस न्यूज़, किशनगंज।
हर साल 29 सितंबर को हृदय रोग से संबंधित जागरूकता के लिए विश्व हृदय दिवस मनाया जाता है। इस दौरान लोगों को हृदय संबंधी रोगों से बचाव और सुरक्षित रहने के उपायों की जानकारी दी जाती है। इस वर्ष भी जिले में गुरुवार से विश्व हृदय पखवाड़े का आयोजन शुरू हुआ। पखवाड़े के दौरान लोग 29 सितंबर से 05 अक्टूबर तक निकटतम अस्पताल में आयोजित शिविर में भाग लेकर स्वास्थ्य जांच करा सकते हैं।
हृदय संबंधी समस्याओं का गंभीरता से ध्यान रखना आवश्यक: एनसीडीओ
जिला गैर-संचारी रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ. उर्मिला कुमारी ने बताया कि आज के व्यस्त जीवन में 30 वर्ष से अधिक उम्र के किसी भी व्यक्ति को हृदय संबंधी समस्याएं हो सकती हैं। इससे बचने के लिए संतुलित भोजन के साथ जीवनशैली पर ध्यान देना आवश्यक है। असंतुलित खानपान और गलत जीवनशैली के कारण लोग गैर-संचारी रोगों, जैसे मधुमेह, उच्च रक्तचाप, कैंसर, और हृदय संबंधी रोगों से पीड़ित हो रहे हैं। लोगों को नियमित रूप से अपने रक्तचाप और मधुमेह की जांच करानी चाहिए, क्योंकि ये हृदय रोगों को बढ़ावा दे सकते हैं और हार्ट अटैक का जोखिम बढ़ जाता है। सरकार ने सभी स्वास्थ्य केंद्रों में गैर-संचारी रोग केंद्र खोले हैं, जहां नियमित रूप से लोगों की जांच की जाती है।
हृदय रोग से सुरक्षा के लिए संतुलित आहार आवश्यक
डॉ. उर्मिला कुमारी ने कहा कि वर्तमान समय में बहुत से लोग असमय भोजन करते हैं। पिज्जा, बर्गर और अन्य फास्ट फूड खाना स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है। इनसे रक्तचाप और मधुमेह जैसी बीमारियां उत्पन्न होती हैं, जो आगे चलकर हृदय रोग का कारण बन सकती हैं। संतुलित आहार का सेवन आवश्यक है और इसे समय पर लेना चाहिए।
विभिन्न स्वास्थ्य केंद्रों में निःशुल्क हृदय जांच व परामर्श शिविर का आयोजन
जिले के सभी स्वास्थ्य केंद्रों में विश्व हृदय दिवस के अवसर पर शिविर का आयोजन किया गया, जिसमें लोगों की हृदय संबंधी जांच की गई और उन्हें सुरक्षित रहने के उपायों के बारे में परामर्श दिया गया। सामुदायिक, प्राथमिक, एवं हेल्थ एंड वेलनेस केंद्रों में हृदय रोग से बचाव के बारे में जानकारी दी गई। सिविल सर्जन डॉ. राजेश कुमार ने बताया कि भारत में हृदय रोग और मधुमेह के मरीजों की संख्या अधिक है, क्योंकि लोग स्वास्थ्य के प्रति कम जागरूक हैं और पौष्टिक आहार का सेवन कम करते हैं। उन्होंने बताया कि 30 वर्ष से अधिक उम्र के हर व्यक्ति को नियमित रूप से रक्तचाप और मधुमेह की जांच करानी चाहिए, क्योंकि ये “साइलेंट किलर” के रूप में जाने जाते हैं। रक्तचाप या मधुमेह की अनियमितता से हृदय रोग और शरीर के अंगों में लकवा जैसी समस्याएं हो सकती हैं। इससे बचने के लिए नियमित जांच आवश्यक है।
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