पोखरा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के संचालन में आने से छह महीने पहले, विशेषज्ञ द्वारा पास के लैंडफिल साइट को स्थानांतरित करने का सुझाव दिया जा रहा था। लेकिन हवाई अड्डे के उद्घाटन (1 जनवरी, 2023) से एक सप्ताह पहले ही लैंडफिल साइट को स्थानांतरित करने का काम पूरा हो गया था। लैंडफिल साइट को स्थानांतरित करने के बाद वहां के पक्षी भोजन और आश्रय की तलाश में थे। लेकिन जिम्मेदार द्वारा पक्षी के आवास और आहार पर ध्यान नहीं दिया गया। आशंका जताई जा रही है कि येती एयरलाइंस का विमान रविवार को उन्हीं पक्षियों से टकरा कर दुर्घटनाग्रस्त हो गया, जो भोजन और आश्रय की तलाश में भटक रहे थे। उड्डयन क्षेत्र के एक विशेषज्ञ के मुताबिक, हादसा तब हुआ जब विमान बिना किसी तकनीकी समस्या के लैंडिंग के अंतिम दौर में था। अगर जहाज में कोई तकनीकी दिक्कत होती तो पहले ही पता चल जाता। विशेषज्ञ ने कहा, ‘जहाज और हवाई अड्डे के टॉवर के बीच अंत तक संचार सुचारू रहा है, इसलिए यह नहीं कहा जा सकता कि कोई तकनीकी समस्या है। हो सकता है कि जहाज किसी पक्षी से टकरा गया हो।
विजय गुप्ता, सारस न्यूज, गलगलिया।
पोखरा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के संचालन में आने से छह महीने पहले, विशेषज्ञ द्वारा पास के लैंडफिल साइट को स्थानांतरित करने का सुझाव दिया जा रहा था। लेकिन हवाई अड्डे के उद्घाटन (1 जनवरी, 2023) से एक सप्ताह पहले ही लैंडफिल साइट को स्थानांतरित करने का काम पूरा हो गया था। लैंडफिल साइट को स्थानांतरित करने के बाद वहां के पक्षी भोजन और आश्रय की तलाश में थे। लेकिन जिम्मेदार द्वारा पक्षी के आवास और आहार पर ध्यान नहीं दिया गया। आशंका जताई जा रही है कि येती एयरलाइंस का विमान रविवार को उन्हीं पक्षियों से टकरा कर दुर्घटनाग्रस्त हो गया, जो भोजन और आश्रय की तलाश में भटक रहे थे। उड्डयन क्षेत्र के एक विशेषज्ञ के मुताबिक, हादसा तब हुआ जब विमान बिना किसी तकनीकी समस्या के लैंडिंग के अंतिम दौर में था। अगर जहाज में कोई तकनीकी दिक्कत होती तो पहले ही पता चल जाता। विशेषज्ञ ने कहा, ‘जहाज और हवाई अड्डे के टॉवर के बीच अंत तक संचार सुचारू रहा है, इसलिए यह नहीं कहा जा सकता कि कोई तकनीकी समस्या है। हो सकता है कि जहाज किसी पक्षी से टकरा गया हो।
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