खोरीबाड़ी: रमजान के पवित्र माह का चांद दिखाई देने के बाद मुस्लिम भाईचारे का सबसे बड़ा त्योहार ईद उल फितर मंगलवार को खोरीबाड़ी व नक्सलबाड़ी प्रखंड क्षेत्र में श्रद्धापूर्वक मनाया गया।कोविड-19 (कोरोना वायरस ) के कारण लगातार दो वर्ष तक लोग उमंग से कोई भी पर्व नहीं मना पाए थे। लेकिन इस बार ईद पर्व को धूमधाम से मनाएं। विभिन्न मस्जिदों व ईदगाहों में विशेष नमाज अदा कर मुस्लिम भाईयों ने अमन की दुआ मांगी। वहीं नमाज के बाद एक-दूसरे को ईद की बधाई दी। ईद को लेकर बच्चों में खासा उत्साह रहा। ईद को लेकर सुबह से ही नये वस्त्र पहनकर मस्जिद व ईदगाह में मुस्लिम भाईयों के पहुंचने का सिलसिला जारी रहा। निर्धारित समय पर विशेष नमाज अदा की गयी। ईदगाहों व मस्जिदों में मेले जैसा दृश्य था। बच्चे खिलौने व खाने- पीने की चीज खरीदने के लिए आतुर रहे। जबकि सभी धर्म समुदाय के लोग एक दूसरे से गले मिलकर बधाई देते रहे।दूसरी ओर ईद पर्व को लेकर किसी प्रकार की अप्रिय घटना न घटित हो इसके लिए पुलिस प्रशासन द्वारा मस्जिदों, चौंक व अन्य धार्मिक स्थानों पर मौजूद थे।
विशेष संवाददाता, सारस न्यूज़, दार्जिलिंग।
खोरीबाड़ी: रमजान के पवित्र माह का चांद दिखाई देने के बाद मुस्लिम भाईचारे का सबसे बड़ा त्योहार ईद उल फितर मंगलवार को खोरीबाड़ी व नक्सलबाड़ी प्रखंड क्षेत्र में श्रद्धापूर्वक मनाया गया।कोविड-19 (कोरोना वायरस ) के कारण लगातार दो वर्ष तक लोग उमंग से कोई भी पर्व नहीं मना पाए थे। लेकिन इस बार ईद पर्व को धूमधाम से मनाएं। विभिन्न मस्जिदों व ईदगाहों में विशेष नमाज अदा कर मुस्लिम भाईयों ने अमन की दुआ मांगी। वहीं नमाज के बाद एक-दूसरे को ईद की बधाई दी। ईद को लेकर बच्चों में खासा उत्साह रहा। ईद को लेकर सुबह से ही नये वस्त्र पहनकर मस्जिद व ईदगाह में मुस्लिम भाईयों के पहुंचने का सिलसिला जारी रहा। निर्धारित समय पर विशेष नमाज अदा की गयी। ईदगाहों व मस्जिदों में मेले जैसा दृश्य था। बच्चे खिलौने व खाने- पीने की चीज खरीदने के लिए आतुर रहे। जबकि सभी धर्म समुदाय के लोग एक दूसरे से गले मिलकर बधाई देते रहे।दूसरी ओर ईद पर्व को लेकर किसी प्रकार की अप्रिय घटना न घटित हो इसके लिए पुलिस प्रशासन द्वारा मस्जिदों, चौंक व अन्य धार्मिक स्थानों पर मौजूद थे।
Leave a Reply