खोरीबाड़ी : खोरीबाड़ी में रोपनी का कार्य पानी की कमी से प्रभावित है। बारिश नहीं होने से सभी किसान चिंतित हैं। कई किसान धान की रोपनी डीजल व मोटर पंप के सहारे कर रहे हैं। इंद्रदेव अभी भी किसानों से रूठे-रूठे चल रहे हैं। जून के अंतिम व जुलाई के पहले सप्ताह हुई बारिश ने किसानों के चेहरों पर चमक ला दी थी। लेकिन कई दिनों से हो रही कड़ाके की धूप ने किसानों को फिर से चेहरा उदास कर दिया है। किसान डीजल और मोटर पंप के सहारे अपना खेती में धान रोपनी का कार्य कर रहे है और महिलाएं हंसी ठिठोली के साथ झूमझूम कर गीत गाते हुए धान की रोपनी कर रही हैं। चारों तरफ खेतों में रोपनी को लेकर किसान जुताई के साथ ही अन्य तैयारी में जुटे हुए हैं। किसानों द्वारा ट्रैक्टर से खेतों को रोपनी के लिए तैयार किया जा रहा है। धान की रोपनी को लेकर उत्साह का वातावरण कायम है।
इंद्रदेव की कृपा कम होने के कारण किसान पंपसेट का सहारा लेकर खेतों को तैयार कर रहे हैं। एक तरफ धान के बिचड़े को उखाड़कर खेतों तक पहुंचाने की कवायद हो रही है तो दूसरी तरफ रोपनहार सजे-सजाए खेतों में उत्साहित होकर रोपनी कर रही हैं। वहीं कई दिनों से हो रही तेज धूप से खेतों में लगे बिचड़े फिर से सूखने लगे हैं। ऐसी स्थिति में किसानों को बिचड़ा सही सलामत रखने के लिए डीजल पंप का भी सहारा लेना पड़ रहा है। डीजल काफी महंगा होने से किसानों की जेब पर भी काफी बोझ बढ़ गया है। किसानों का कहना है कि बारिश नहीं होने की वजह से डीजल पंप चलाना पड़ रहा है। किसान मनोज महतो बताते हैं कि भरपूर मात्रा में पानी नहीं मिलने और अत्यधिक गर्मी होने की वजह से बिचड़े में रोग पकड़ने का खतरा बना हुआ है। इस बार वर्षा कम होने से रोपनी की रफ्तार काफी कम है। लेकिन मैंने पंपसेट चलाकर धान की रोपनी करना शुरू कर दिया है। धान का बिचड़ा तैयार रहने के कारण बिना देरी किए हुए धान की रोपनी में जुटे हुए हैं, जिससे धान फसल की रोपनी हो जाएगी। लेकिन बारिश अच्छी नहीं हुई तो फसल बर्बाद होने की संभावना है। साथ ही बारिश अच्छी रही तो अच्छा पैदावार भी होगा।
विशेष संवाददाता, सारस न्यूज़, दार्जिलिंग।
खोरीबाड़ी : खोरीबाड़ी में रोपनी का कार्य पानी की कमी से प्रभावित है। बारिश नहीं होने से सभी किसान चिंतित हैं। कई किसान धान की रोपनी डीजल व मोटर पंप के सहारे कर रहे हैं। इंद्रदेव अभी भी किसानों से रूठे-रूठे चल रहे हैं। जून के अंतिम व जुलाई के पहले सप्ताह हुई बारिश ने किसानों के चेहरों पर चमक ला दी थी। लेकिन कई दिनों से हो रही कड़ाके की धूप ने किसानों को फिर से चेहरा उदास कर दिया है। किसान डीजल और मोटर पंप के सहारे अपना खेती में धान रोपनी का कार्य कर रहे है और महिलाएं हंसी ठिठोली के साथ झूमझूम कर गीत गाते हुए धान की रोपनी कर रही हैं। चारों तरफ खेतों में रोपनी को लेकर किसान जुताई के साथ ही अन्य तैयारी में जुटे हुए हैं। किसानों द्वारा ट्रैक्टर से खेतों को रोपनी के लिए तैयार किया जा रहा है। धान की रोपनी को लेकर उत्साह का वातावरण कायम है।
इंद्रदेव की कृपा कम होने के कारण किसान पंपसेट का सहारा लेकर खेतों को तैयार कर रहे हैं। एक तरफ धान के बिचड़े को उखाड़कर खेतों तक पहुंचाने की कवायद हो रही है तो दूसरी तरफ रोपनहार सजे-सजाए खेतों में उत्साहित होकर रोपनी कर रही हैं। वहीं कई दिनों से हो रही तेज धूप से खेतों में लगे बिचड़े फिर से सूखने लगे हैं। ऐसी स्थिति में किसानों को बिचड़ा सही सलामत रखने के लिए डीजल पंप का भी सहारा लेना पड़ रहा है। डीजल काफी महंगा होने से किसानों की जेब पर भी काफी बोझ बढ़ गया है। किसानों का कहना है कि बारिश नहीं होने की वजह से डीजल पंप चलाना पड़ रहा है। किसान मनोज महतो बताते हैं कि भरपूर मात्रा में पानी नहीं मिलने और अत्यधिक गर्मी होने की वजह से बिचड़े में रोग पकड़ने का खतरा बना हुआ है। इस बार वर्षा कम होने से रोपनी की रफ्तार काफी कम है। लेकिन मैंने पंपसेट चलाकर धान की रोपनी करना शुरू कर दिया है। धान का बिचड़ा तैयार रहने के कारण बिना देरी किए हुए धान की रोपनी में जुटे हुए हैं, जिससे धान फसल की रोपनी हो जाएगी। लेकिन बारिश अच्छी नहीं हुई तो फसल बर्बाद होने की संभावना है। साथ ही बारिश अच्छी रही तो अच्छा पैदावार भी होगा।
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