खोरीबाड़ी: रायगंज में पत्रकार उत्पीड़न के मामले में आरोपी को कोर्ट से बेल होने के विरोध में पूरे उत्तर बंगाल में पत्रकारों द्वारा विरोध प्रदर्शन किया गया। इसी कड़ी में ग्रामीण क्षेत्र के पत्रकारों ने शनिवार को घोषपुकुर चौकी व बागडोगरा थाने पर धरना दिया। विरोध का आयोजन कंफेडरेशन ऑफ नॉर्थ बंगाल एंड सिक्किम जर्नलिस्ट्स व सिलीगुड़ी जर्नलिस्ट्स क्लब द्वारा किया गया।
इस दिन पत्रकारों ने घोषपुकुर इलाके में राष्ट्रीय राजमार्ग पर मौन जुलूस निकाला। इसके बाद बाागडोगरा थाने में इसी तरह का कार्यक्रम आयोजित किया गया। इलेक्ट्रॉनिक और प्रिंट मीडिया के दर्जनों पत्रकारों ने विरोध प्रदर्शन किया। पत्रकारों ने थाने के सामने, मोबाइल, पेन और विभिन्न चैनलों के माइक रखकर कुछ देर तक मौन विरोध किया। पत्रकारों ने कहां कि लोकतंत्र के चौथे स्तंभ कहे जाने वाले पत्रकार किसी भी घटना के घटने के बाद कैसे कार्य करें। जब पत्रकारों पर ही हमला होने लगे। पत्रकारों ने पुलिस प्रशासन से अपील की उनके काम में बाधा न डालें क्योंकि पत्रकारों को अपना काम कैसे करना है वो भली भांति जानते हैं।
पत्रकारों ने कहा रायगंज में जिस आरोपी ने पत्रकार पर हमला किया है। उसे तुरंत छोड़ दिया गया। क्या इसलिए कि वह एक पुलिस कर्मी है? आरोपी को कड़ी से कड़ी सजा मिलनी चाहिए। उसे इतनी जल्दी अगर प्रशासन छोड़ देती है तो ऐसे लोगों को मनोबल बढ़ता है। अगर उक्त आरोपी को कड़ी से कड़ी सजा नहीं दी गई तो पत्रकारों द्वारा और जोरदार प्रदर्शन किया जायेगा।
चंदन मंडल, सारस न्यूज, खोरीबाड़ी।
खोरीबाड़ी: रायगंज में पत्रकार उत्पीड़न के मामले में आरोपी को कोर्ट से बेल होने के विरोध में पूरे उत्तर बंगाल में पत्रकारों द्वारा विरोध प्रदर्शन किया गया। इसी कड़ी में ग्रामीण क्षेत्र के पत्रकारों ने शनिवार को घोषपुकुर चौकी व बागडोगरा थाने पर धरना दिया। विरोध का आयोजन कंफेडरेशन ऑफ नॉर्थ बंगाल एंड सिक्किम जर्नलिस्ट्स व सिलीगुड़ी जर्नलिस्ट्स क्लब द्वारा किया गया।
इस दिन पत्रकारों ने घोषपुकुर इलाके में राष्ट्रीय राजमार्ग पर मौन जुलूस निकाला। इसके बाद बाागडोगरा थाने में इसी तरह का कार्यक्रम आयोजित किया गया। इलेक्ट्रॉनिक और प्रिंट मीडिया के दर्जनों पत्रकारों ने विरोध प्रदर्शन किया। पत्रकारों ने थाने के सामने, मोबाइल, पेन और विभिन्न चैनलों के माइक रखकर कुछ देर तक मौन विरोध किया। पत्रकारों ने कहां कि लोकतंत्र के चौथे स्तंभ कहे जाने वाले पत्रकार किसी भी घटना के घटने के बाद कैसे कार्य करें। जब पत्रकारों पर ही हमला होने लगे। पत्रकारों ने पुलिस प्रशासन से अपील की उनके काम में बाधा न डालें क्योंकि पत्रकारों को अपना काम कैसे करना है वो भली भांति जानते हैं।
पत्रकारों ने कहा रायगंज में जिस आरोपी ने पत्रकार पर हमला किया है। उसे तुरंत छोड़ दिया गया। क्या इसलिए कि वह एक पुलिस कर्मी है? आरोपी को कड़ी से कड़ी सजा मिलनी चाहिए। उसे इतनी जल्दी अगर प्रशासन छोड़ देती है तो ऐसे लोगों को मनोबल बढ़ता है। अगर उक्त आरोपी को कड़ी से कड़ी सजा नहीं दी गई तो पत्रकारों द्वारा और जोरदार प्रदर्शन किया जायेगा।
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