सीमा सुरक्षा बल, चौबीसों घंटे देश की सीमाओं की सुरक्षा और बचाव के प्राथमिक कार्य को करने के अलावा, एकजुटता और खेल भावना को बढ़ावा देने वाली गतिविधियों के संचालन में भी सक्रिय रूप से शामिल है। इसी क्रम में सीमा सुरक्षा बल की ओर से “साइकिल रैली” का आयोजन किया गया है। इस रैली में बीएसएफ के 18 जवानों ने हिस्सा लिया। यह रैली मेघालय, असम, धुबरी होते हुए आज सिलीगुड़ी पहुंची है। उक्त रैली बुधवार शाम 176वीं बटालियन फूलबाड़ी पहुंची।
आज गुरुवार की सुबह बीएसएफ नॉर्थ बंगाल फ्रंटियर इंस्पेक्टर जनरल अजय सिंह ने हरी झंडी दिखाकर रैली को आगे के लिए रवाना किया। इस दौरान बीएसएफ के अन्य अधिकारी व आम लोग उपस्थित थे। बताते चलें कि आजादी की 75वीं वर्षगांठ के अवसर पर नशा मुक्त देश बनाने सहित विभिन्न मुद्दों पर लोगों को जागरूक करने हेतु यह साइकिल रैली 01 नवंबर को अगरतला से निकाली गई जो 2500 किमी की सड़क पार कर 12 दिसंबर को कोलकाता पहुंचेगी। इस ‘साइकिल रैली’ का उद्देश्य सैनिकों के बीच भाईचारे की भावना और खेल भावना को बढ़ावा देना और सीमावर्ती आबादी के बीच संबंध को मजबूत करना और आपसी सहयोग, समन्वय और विश्वास को बढ़ाना है। जिससे सीमावर्ती आबादी के बीच सुरक्षा और विश्वास की भावना पैदा हो।
विजय गुप्ता, सारस न्यूज, गलगलिया।
सीमा सुरक्षा बल, चौबीसों घंटे देश की सीमाओं की सुरक्षा और बचाव के प्राथमिक कार्य को करने के अलावा, एकजुटता और खेल भावना को बढ़ावा देने वाली गतिविधियों के संचालन में भी सक्रिय रूप से शामिल है। इसी क्रम में सीमा सुरक्षा बल की ओर से “साइकिल रैली” का आयोजन किया गया है। इस रैली में बीएसएफ के 18 जवानों ने हिस्सा लिया। यह रैली मेघालय, असम, धुबरी होते हुए आज सिलीगुड़ी पहुंची है। उक्त रैली बुधवार शाम 176वीं बटालियन फूलबाड़ी पहुंची।
आज गुरुवार की सुबह बीएसएफ नॉर्थ बंगाल फ्रंटियर इंस्पेक्टर जनरल अजय सिंह ने हरी झंडी दिखाकर रैली को आगे के लिए रवाना किया। इस दौरान बीएसएफ के अन्य अधिकारी व आम लोग उपस्थित थे। बताते चलें कि आजादी की 75वीं वर्षगांठ के अवसर पर नशा मुक्त देश बनाने सहित विभिन्न मुद्दों पर लोगों को जागरूक करने हेतु यह साइकिल रैली 01 नवंबर को अगरतला से निकाली गई जो 2500 किमी की सड़क पार कर 12 दिसंबर को कोलकाता पहुंचेगी। इस ‘साइकिल रैली’ का उद्देश्य सैनिकों के बीच भाईचारे की भावना और खेल भावना को बढ़ावा देना और सीमावर्ती आबादी के बीच संबंध को मजबूत करना और आपसी सहयोग, समन्वय और विश्वास को बढ़ाना है। जिससे सीमावर्ती आबादी के बीच सुरक्षा और विश्वास की भावना पैदा हो।
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