पानीटंकी: बुधवार को दुलालजोत नेपाली भाषा दिवस समारोह समिति की पहल पर 33वां नेपाली भाषा दिवस धूमधाम से मनाया गया। कार्यक्रम की शुरुआत दुलालजोत हाई स्कूल से निकाले गए भव्य जुलूस से हुई, जो गंडगोलजोत, बद्राजोत और पानीटंकी बाज़ार होते हुए पुनः स्कूल प्रांगण में जाकर सम्पन्न हुआ।
जुलूस में पारंपरिक नेपाली नृत्य, वाद्ययंत्रों की धुन और आदिवासी समुदाय की विविध सांस्कृतिक प्रस्तुतियों ने लोगों को आकर्षित किया। यह दिवस 36 वर्षों तक चले लंबे संघर्ष की याद दिलाता है, जिसके बाद 20 अगस्त 1992 को भारतीय संविधान में नेपाली भाषा को आठवीं अनुसूचित भाषा का दर्जा प्राप्त हुआ।
हर साल इस ऐतिहासिक दिन की स्मृति में नेपाली समुदाय विशेष हर्ष और गर्व के साथ इसे मनाता है। इस अवसर पर आयोजित सांस्कृतिक कार्यक्रमों ने समारोह की शोभा और बढ़ा दी।
समारोह समिति के अध्यक्ष रामकुमार छेत्री ने कहा कि सभी भाषाओं को सम्मान मिलना चाहिए और हमारी भी यही आकांक्षा है कि नेपाली भाषा को बराबरी का सम्मान प्राप्त हो।
सारस न्यूज़, खोरीबाड़ी।
पानीटंकी: बुधवार को दुलालजोत नेपाली भाषा दिवस समारोह समिति की पहल पर 33वां नेपाली भाषा दिवस धूमधाम से मनाया गया। कार्यक्रम की शुरुआत दुलालजोत हाई स्कूल से निकाले गए भव्य जुलूस से हुई, जो गंडगोलजोत, बद्राजोत और पानीटंकी बाज़ार होते हुए पुनः स्कूल प्रांगण में जाकर सम्पन्न हुआ।
जुलूस में पारंपरिक नेपाली नृत्य, वाद्ययंत्रों की धुन और आदिवासी समुदाय की विविध सांस्कृतिक प्रस्तुतियों ने लोगों को आकर्षित किया। यह दिवस 36 वर्षों तक चले लंबे संघर्ष की याद दिलाता है, जिसके बाद 20 अगस्त 1992 को भारतीय संविधान में नेपाली भाषा को आठवीं अनुसूचित भाषा का दर्जा प्राप्त हुआ।
हर साल इस ऐतिहासिक दिन की स्मृति में नेपाली समुदाय विशेष हर्ष और गर्व के साथ इसे मनाता है। इस अवसर पर आयोजित सांस्कृतिक कार्यक्रमों ने समारोह की शोभा और बढ़ा दी।
समारोह समिति के अध्यक्ष रामकुमार छेत्री ने कहा कि सभी भाषाओं को सम्मान मिलना चाहिए और हमारी भी यही आकांक्षा है कि नेपाली भाषा को बराबरी का सम्मान प्राप्त हो।
Leave a Reply