सारस न्यूज़, चंदन मंडल,सिलीगुड़ी: दुर्गा माता की पूजा आराधना और नौ दिवसीय का उपासना शारदीय नवरात्रि पर्व आगामी तीन अक्टूबर (गुरुवार) को कलश स्थापना के साथ शुरू होने जा रहा है। इसे लेकर खोरीबाड़ी सहित नक्सलबाड़ी, फांसीदेवा व खोरीबाड़ी से सटे आसपास इलाके में तैयारियां जोरों पर है। पूजा पंडाल विशाल बनाये जा रहे हैं। पंडालों को अधिक से अधिक आकर्षक बनाने के लिए उन्हें देश दुनिया – के चर्चित मंदिरों व ऐतिहासिक स्मारकों की तरह भव्य बनाए जा रहे हैं। पूरे राज्य भर में ‘थीम’ को आधार बनाकर पूजा पंडाल बनाये जा रहे हैं। ताकि लाखों की संख्या में लोगों की भीड़ उमड़े। वहीं दार्जिलिंग जिले के खोरीबाड़ी के बतासी पीएसए क्लब सार्वजनिक दुर्गा पूजा कमेटी इस साल 58 वें वर्ष में ‘सबुजेर धृति’ के तर्ज पर दुर्गा पूजा पंडाल बना रहा है। इस संबध में बतासी पीएसए क्लब सार्वजनिक दुर्गा पूजा कमेटी के ज्वाइंट सेक्रेटरी मुकुल सरकार ने कहा कि राज्य का सबसे बड़ा दुर्गा पूजा पर्व है। जिससे पूरे राज्य भर में अत्यधिक भीड़ होती है।
बिहार व पड़ोसी देश नेपाल से दर्शन को पहुंचते हैं श्रद्धालु
मुकुल सरकार ने कहा बतासी पीएसए क्लब सार्वजनिक दुर्गा पूजा देखने देखने के लिए उत्तर बंगाल समेत बिहार व पड़ोसी देश नेपाल से लोग मां दुर्गा के दर्शन करने आते हैं। खासकर सप्तमी से प्रति दिन लाखों की संख्या में श्रद्धालु मां दुर्गा के दर्शन करने आते हैं। साथ ही मेले का आनंद लेते हैं और दुर्गा मां से अपने परिवार की सुख शांति के लिए कामना करते हैं। उन्होंने कहा राज्य में प्राचीन समय से ही मां दुर्गा का मायका माना जाता है। मां दुर्गा के मायके के आने के साथ ही नवरात्र व्रत शुरु हो जाते हैं। दस दिनों तक चलने वाले इस त्योहार के दौरान यहां का पूरा माहौल शक्ति की देवी दुर्गा के रंग का हो जाता है। राज्य में बंगाली हिंदुओं के लिए दुर्गा और काली की आराधना से बड़ा कोई उत्सव नहीं है। देश-विदेश जहां कहीं भी रहें, इस पर्व को खास बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ते हैं।
सारस न्यूज़, चंदन मंडल,सिलीगुड़ी: दुर्गा माता की पूजा आराधना और नौ दिवसीय का उपासना शारदीय नवरात्रि पर्व आगामी तीन अक्टूबर (गुरुवार) को कलश स्थापना के साथ शुरू होने जा रहा है। इसे लेकर खोरीबाड़ी सहित नक्सलबाड़ी, फांसीदेवा व खोरीबाड़ी से सटे आसपास इलाके में तैयारियां जोरों पर है। पूजा पंडाल विशाल बनाये जा रहे हैं। पंडालों को अधिक से अधिक आकर्षक बनाने के लिए उन्हें देश दुनिया – के चर्चित मंदिरों व ऐतिहासिक स्मारकों की तरह भव्य बनाए जा रहे हैं। पूरे राज्य भर में ‘थीम’ को आधार बनाकर पूजा पंडाल बनाये जा रहे हैं। ताकि लाखों की संख्या में लोगों की भीड़ उमड़े। वहीं दार्जिलिंग जिले के खोरीबाड़ी के बतासी पीएसए क्लब सार्वजनिक दुर्गा पूजा कमेटी इस साल 58 वें वर्ष में ‘सबुजेर धृति’ के तर्ज पर दुर्गा पूजा पंडाल बना रहा है। इस संबध में बतासी पीएसए क्लब सार्वजनिक दुर्गा पूजा कमेटी के ज्वाइंट सेक्रेटरी मुकुल सरकार ने कहा कि राज्य का सबसे बड़ा दुर्गा पूजा पर्व है। जिससे पूरे राज्य भर में अत्यधिक भीड़ होती है।
बिहार व पड़ोसी देश नेपाल से दर्शन को पहुंचते हैं श्रद्धालु
मुकुल सरकार ने कहा बतासी पीएसए क्लब सार्वजनिक दुर्गा पूजा देखने देखने के लिए उत्तर बंगाल समेत बिहार व पड़ोसी देश नेपाल से लोग मां दुर्गा के दर्शन करने आते हैं। खासकर सप्तमी से प्रति दिन लाखों की संख्या में श्रद्धालु मां दुर्गा के दर्शन करने आते हैं। साथ ही मेले का आनंद लेते हैं और दुर्गा मां से अपने परिवार की सुख शांति के लिए कामना करते हैं। उन्होंने कहा राज्य में प्राचीन समय से ही मां दुर्गा का मायका माना जाता है। मां दुर्गा के मायके के आने के साथ ही नवरात्र व्रत शुरु हो जाते हैं। दस दिनों तक चलने वाले इस त्योहार के दौरान यहां का पूरा माहौल शक्ति की देवी दुर्गा के रंग का हो जाता है। राज्य में बंगाली हिंदुओं के लिए दुर्गा और काली की आराधना से बड़ा कोई उत्सव नहीं है। देश-विदेश जहां कहीं भी रहें, इस पर्व को खास बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ते हैं।
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