मरीज की मौत के पीछे कहीं न कहीं सरकारी सिस्टम जिम्मेदार होता है। अक्सर सुनने को मिलता है कि सरकारी अस्पतालों में स्वास्थ्य सेवाओं की लापरवाही के चलते मरीजों की जान चली जाती है। ताजा मामला गुरुवार को फांसीदेवा ग्रामीण अस्पताल में सामने आया, जहां चिकित्सा में लापरवाही के चलते एक मरीज की मौत हो गई। मृतक का नाम मोहम्मद तमीजुद्दीन था, जो फांसीदेवा थाना क्षेत्र के कालूजोत का निवासी था
गुरुवार को हुई इस घटना के बाद अस्पताल में तनाव का माहौल बन गया। प्राप्त जानकारी के अनुसार, मोहम्मद तमीजुद्दीन को तीन दिन पहले पेट की समस्या के कारण अस्पताल में भर्ती कराया गया था। आरोप है कि मरीज को भर्ती करने के बाद उचित चिकित्सा सुविधा नहीं दी गई और बिना इलाज के ही अस्पताल में छोड़ दिया गया। गुरुवार को जब उसकी मौत हो गई तो स्थिति और भी गंभीर हो गई।
लोगों ने ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो, इसकी मांग की और प्रशासन से उचित कार्रवाई की अपील की। पीड़ित स्वजनों ने अस्पताल प्रशासन से न्याय की गुहार लगाई है।
घटना की सूचना मिलते ही फांसीदेवा थाने की पुलिस मौके पर पहुंची और शव को पोस्टमार्टम के लिए उत्तर बंगाल मेडिकल कॉलेज व अस्पताल भेज दिया गया। वहीं, सिलीगुड़ी महकमा परिषद के कर्माध्यक्ष आइनुल हक भी मौके पर पहुंचे।
इस संबंध में फांसीदेवा बीएमओएच डॉ. शाहीनूर इस्लाम ने बताया कि चिकित्सा में कोई लापरवाही नहीं हुई। मरीज को पूरी चिकित्सा सुविधा दी जा रही थी। उन्होंने बताया कि मरीज की मौत दिल का दौरा पड़ने से हुई है।
सारस न्यूज, नक्सलबाड़ी।
मरीज की मौत के पीछे कहीं न कहीं सरकारी सिस्टम जिम्मेदार होता है। अक्सर सुनने को मिलता है कि सरकारी अस्पतालों में स्वास्थ्य सेवाओं की लापरवाही के चलते मरीजों की जान चली जाती है। ताजा मामला गुरुवार को फांसीदेवा ग्रामीण अस्पताल में सामने आया, जहां चिकित्सा में लापरवाही के चलते एक मरीज की मौत हो गई। मृतक का नाम मोहम्मद तमीजुद्दीन था, जो फांसीदेवा थाना क्षेत्र के कालूजोत का निवासी था
गुरुवार को हुई इस घटना के बाद अस्पताल में तनाव का माहौल बन गया। प्राप्त जानकारी के अनुसार, मोहम्मद तमीजुद्दीन को तीन दिन पहले पेट की समस्या के कारण अस्पताल में भर्ती कराया गया था। आरोप है कि मरीज को भर्ती करने के बाद उचित चिकित्सा सुविधा नहीं दी गई और बिना इलाज के ही अस्पताल में छोड़ दिया गया। गुरुवार को जब उसकी मौत हो गई तो स्थिति और भी गंभीर हो गई।
लोगों ने ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो, इसकी मांग की और प्रशासन से उचित कार्रवाई की अपील की। पीड़ित स्वजनों ने अस्पताल प्रशासन से न्याय की गुहार लगाई है।
घटना की सूचना मिलते ही फांसीदेवा थाने की पुलिस मौके पर पहुंची और शव को पोस्टमार्टम के लिए उत्तर बंगाल मेडिकल कॉलेज व अस्पताल भेज दिया गया। वहीं, सिलीगुड़ी महकमा परिषद के कर्माध्यक्ष आइनुल हक भी मौके पर पहुंचे।
इस संबंध में फांसीदेवा बीएमओएच डॉ. शाहीनूर इस्लाम ने बताया कि चिकित्सा में कोई लापरवाही नहीं हुई। मरीज को पूरी चिकित्सा सुविधा दी जा रही थी। उन्होंने बताया कि मरीज की मौत दिल का दौरा पड़ने से हुई है।
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