Saaras News – सारस न्यूज़ – चुन – चुन के हर खबर, ताकि आप न रहें बेखबर

शराब की प्रिंट रेट से अधिक वसूली कर रहा खोरीबाड़ी स्थित देबीगंज वाइन शॉप।

सारस न्यूज, सिलीगुड़ी।

50 व 100 से अधिक रुपये लेकर कर रहा लाखों रुपये की अवैध वसूली।

खोरीबाड़ी के देबीगंज एफएल ऑफ शॉप/सीएसशॉप (होटल सुरुछि रेस्टोरेंट कम बार ) वाइन शॉप से शराब की बिक्री से अवैध कमाई जोरो पर है। यहां खुलेआम एमआरपी से ज्यादा कीमत पर शराब की बिक्री हो रही है।
सरकारी देबीगंज एफएलऑफशॉप/सीएसशॉप शराब दुकान पर ग्राहकों से मनमानी कीमत वसूली जा रही है। इस दुकान में 50 से लेकर 100 रुपये तक की अवैध वसूली की जा रही है। ग्राहकों का कहना है कि विदेशी शराब में आईबी व आरएस के 750 एमएल में 100 रुपये, 375 एमएल में 50 रुपये, बियर में 50 रुपये तथा महंगे ब्रांड की शराब की बोतलों में प्रिंट रेट से 100 रुपये तक अधिक वसूले जा रहे हैं।

ग्राहकों ने बताया कि देबीगंज में नारायण चौधरी के नाम पर संचालित एफएलऑफशॉप/सीएसशॉप वाइन शॉप में प्रत्येक दिन हजारों रुपयों की अवैध वसूली की जा रही है। जिससे महीने में लाखों की अवैध कमाई हो रही है। कीमतों को लेकर शराब दुकानदार और ग्राहकों के साथ रोज नोकझोंक हो रही है। साथ ही अधिक कीमतों की वसूली वाइन शॉप द्वारा की जा रही है। बावजूद उत्पाद विभाग के अधिकारी खामोश पड़े हैं।

सूत्र बताते हैं कि खोरीबाड़ी के सीमावर्ती क्षेत्र सिंघयाजोत, चक्करमारी, सोनापिंडी, डांगुजोत में अवैध शराब की दुकान संचालित है। इन इलाके में करीब 20 से अधिक अवैध शराब की दुकानें संचालित है। इन दुकानों के मिलीभगत से ऊंची कीमत में देबीगंज के वाइन शॉप द्वारा शराब की बिक्री होती है। ग्राहकों का कहना है कि शराब लेने जाने पर वाइन शॉप में बैठे दुकानदार कहते हैं कि शराब नहीं है। ब्लेंक में है और 750 एमएल की शराब की प्रिंट रेट से 100 अधिक का दाम लगाकर लेते हैं। साथ ही 375 एमएल में 50 रुपये अधिक जोड़कर प्रिंट रेट से अधिक रुपये ले रहे हैं। बियर का भी वही हाल है। ग्राहक बताते हैं कि कभी कभी दुकानदार पवन चौधरी से नोकझोंक भी होती रहती है। आरोप है कि दुकानदार ग्राहकों से अभद्र व्यवहार करते हैं। दुकानदार प्रिंट रेट से अधिक दाम कहकर कहते हैं कि लेना है तो लो नहीं तो मत लो। यही वजह से ग्राहकों से नोकझोंक भी होती है। इस संबंध में एक्साइज विभाग के प्रभारी संजय राय ने बताया कि प्रिंट रेट से अधिक शराब के पैसे वसूलने की जानकारी नहीं थी। अब जानकारी मिली है, तो इसकी जांच कराई जाएगी। दोषी पाए जाने पर कार्रवाई होगी। दुकानों के अंदर और बाहर प्रिंट रेट की सूची चिपकाना आवश्यक है इसकी भी जांच होगी।


Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *