नक्सलबाड़ी: कहा जाता है कि जब लोग सोते हैं, तब सुरक्षा बल के जवान जागते हैं, और जब लोग जागते हैं, तब वे चौकस रहते हैं। देश की सुरक्षा में सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। एसएसबी न केवल सीमा की रक्षा करता है, बल्कि सीमावर्ती क्षेत्रों में रहने वाले लोगों के जीवनस्तर को सुधारने में भी योगदान देता है।
एसएसबी कई वर्षों से भारत-नेपाल सीमा पर निवासियों को विभिन्न रोजगारमूलक प्रशिक्षण देकर उन्हें आत्मनिर्भर बनाने का कार्य कर रहा है। इसी क्रम में, गुरुवार को आठवीं वाहिनी एसएसबी, खपरैल के वाह्य सीमा चौकी बड़ा मनीरामजोत में राष्ट्रीय मधुमक्खी पालन एवं शहद मिशन के तहत पायलट प्रोजेक्ट के रूप में पांच दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन किया गया।
इस कार्यशाला का शुभारंभ उप-कमांडेंट मुकेश कुमार द्वारा दीप प्रज्वलित कर किया गया। उन्होंने कहा कि एसएसबी अपने कार्यक्षेत्र में सीमावर्ती गांवों में मधुमक्खी पालन एवं अन्य व्यावसायिक प्रशिक्षण आयोजित करता रहा है, जिससे स्थानीय स्तर पर रोजगार का सृजन हो सके, सीमावर्ती क्षेत्रों से पलायन रुके और लोग आत्मनिर्भर बनें।
इस प्रशिक्षण शिविर में स्थानीय महिलाओं को मधुमक्खी पालन के आधुनिक तरीके सिखाए जाएंगे, जिससे वे इस क्षेत्र में स्वरोजगार प्राप्त कर सकें। इस अवसर पर सहायक कमांडेंट शिकंदर कुमार, स्थानीय जनप्रतिनिधि ग्राम प्रधान सजनीसुवा राय, उप-सभापति अजय कुमार दास समेत अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।
सारस न्यूज़, सिलीगुड़ी।
नक्सलबाड़ी: कहा जाता है कि जब लोग सोते हैं, तब सुरक्षा बल के जवान जागते हैं, और जब लोग जागते हैं, तब वे चौकस रहते हैं। देश की सुरक्षा में सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। एसएसबी न केवल सीमा की रक्षा करता है, बल्कि सीमावर्ती क्षेत्रों में रहने वाले लोगों के जीवनस्तर को सुधारने में भी योगदान देता है।
एसएसबी कई वर्षों से भारत-नेपाल सीमा पर निवासियों को विभिन्न रोजगारमूलक प्रशिक्षण देकर उन्हें आत्मनिर्भर बनाने का कार्य कर रहा है। इसी क्रम में, गुरुवार को आठवीं वाहिनी एसएसबी, खपरैल के वाह्य सीमा चौकी बड़ा मनीरामजोत में राष्ट्रीय मधुमक्खी पालन एवं शहद मिशन के तहत पायलट प्रोजेक्ट के रूप में पांच दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन किया गया।
इस कार्यशाला का शुभारंभ उप-कमांडेंट मुकेश कुमार द्वारा दीप प्रज्वलित कर किया गया। उन्होंने कहा कि एसएसबी अपने कार्यक्षेत्र में सीमावर्ती गांवों में मधुमक्खी पालन एवं अन्य व्यावसायिक प्रशिक्षण आयोजित करता रहा है, जिससे स्थानीय स्तर पर रोजगार का सृजन हो सके, सीमावर्ती क्षेत्रों से पलायन रुके और लोग आत्मनिर्भर बनें।
इस प्रशिक्षण शिविर में स्थानीय महिलाओं को मधुमक्खी पालन के आधुनिक तरीके सिखाए जाएंगे, जिससे वे इस क्षेत्र में स्वरोजगार प्राप्त कर सकें। इस अवसर पर सहायक कमांडेंट शिकंदर कुमार, स्थानीय जनप्रतिनिधि ग्राम प्रधान सजनीसुवा राय, उप-सभापति अजय कुमार दास समेत अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।
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