सिलीगुड़ी के नजदीक, खासकर मिरिक, दार्जिलिंग और कालिम्पोंग क्षेत्र में भारी बारिश के कारण भूस्खलन और बाढ़ से जबरदस्त तबाही हुई है। इस घटना में अभी तक कम से कम 23 लोगों की मौत हो चुकी है और कई लोग घायल हैं या लापता हैं। सिलीगुड़ी और मिरिक के बीच का संपर्क पूरी तरह टूट गया है क्योंकि बालासन नदी पर दूधिया का प्रमुख लोहे का पुल बह गया है। कई राष्ट्रीय और राज्यीय राजमार्गों पर भूस्खलन के कारण यातायात ठप है और सैकड़ों पर्यटक प्रभावित क्षेत्रों में फंसे हुए हैं.
प्रमुख बातें
दार्जिलिंग, मिरिक, कालिम्पोंग, जलपाईगुड़ी और कर्सियांग क्षेत्र में 35 से अधिक जगहों पर भूस्खलन की घटनाएं सामने आई हैं।
बालासन नदी पर बना दूधिया पुल बहने के कारण सिलीगुड़ी-मिरिक मार्ग पूरी तरह बाधित है.
एनएच-110, एनएच-717ई जैसे अहम मार्गों पर मलबा जमा है, जिससे सिलीगुड़ी और सिक्किम का संपर्क काफी प्रभावित हुआ है.
NDRF, पुलिस, सेना और स्थानीय प्रशासन राहत एवं बचाव कार्य में जुटे हैं; अब तक कई लोगों को मलबे से जिंदा निकाला गया है.
मौसम विभाग ने दार्जिलिंग, कालिम्पोंग और सिलीगुड़ी समेत पूरे उत्तर बंगाल में रेड अलर्ट जारी किया है। लगातार बारिश और नए भूस्खलन की आशंका बनी हुई है.
स्थानीय स्थिति
मिरिक, नागरकाटा, सुखानी, अंगरावास और हुसेन खोला जैसे गांव सबसे ज्यादा प्रभावित हैं। कई घर पूरी तरह तबाह हो गए हैं और हजारों बीघा खेत जलमग्न हो गए हैं.
दार्जिलिंग, मिरिक और सिलीगुड़ी को जोड़ने वाले अधिकांश पुल व सड़कें क्षतिग्रस्त या अवरुद्ध हैं.
सरकार और प्रशासन ने राहत शिविर स्थापित किए हैं और सीएम ममता बनर्जी ने प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करने की घोषणा की है। लोगों और पर्यटकों को प्रशासनिक निर्देशों का पालन करने की अपील की गई है.
सारस न्यूज़, वेब डेस्क।
सिलीगुड़ी के नजदीक, खासकर मिरिक, दार्जिलिंग और कालिम्पोंग क्षेत्र में भारी बारिश के कारण भूस्खलन और बाढ़ से जबरदस्त तबाही हुई है। इस घटना में अभी तक कम से कम 23 लोगों की मौत हो चुकी है और कई लोग घायल हैं या लापता हैं। सिलीगुड़ी और मिरिक के बीच का संपर्क पूरी तरह टूट गया है क्योंकि बालासन नदी पर दूधिया का प्रमुख लोहे का पुल बह गया है। कई राष्ट्रीय और राज्यीय राजमार्गों पर भूस्खलन के कारण यातायात ठप है और सैकड़ों पर्यटक प्रभावित क्षेत्रों में फंसे हुए हैं.
प्रमुख बातें
दार्जिलिंग, मिरिक, कालिम्पोंग, जलपाईगुड़ी और कर्सियांग क्षेत्र में 35 से अधिक जगहों पर भूस्खलन की घटनाएं सामने आई हैं।
बालासन नदी पर बना दूधिया पुल बहने के कारण सिलीगुड़ी-मिरिक मार्ग पूरी तरह बाधित है.
एनएच-110, एनएच-717ई जैसे अहम मार्गों पर मलबा जमा है, जिससे सिलीगुड़ी और सिक्किम का संपर्क काफी प्रभावित हुआ है.
NDRF, पुलिस, सेना और स्थानीय प्रशासन राहत एवं बचाव कार्य में जुटे हैं; अब तक कई लोगों को मलबे से जिंदा निकाला गया है.
मौसम विभाग ने दार्जिलिंग, कालिम्पोंग और सिलीगुड़ी समेत पूरे उत्तर बंगाल में रेड अलर्ट जारी किया है। लगातार बारिश और नए भूस्खलन की आशंका बनी हुई है.
स्थानीय स्थिति
मिरिक, नागरकाटा, सुखानी, अंगरावास और हुसेन खोला जैसे गांव सबसे ज्यादा प्रभावित हैं। कई घर पूरी तरह तबाह हो गए हैं और हजारों बीघा खेत जलमग्न हो गए हैं.
दार्जिलिंग, मिरिक और सिलीगुड़ी को जोड़ने वाले अधिकांश पुल व सड़कें क्षतिग्रस्त या अवरुद्ध हैं.
सरकार और प्रशासन ने राहत शिविर स्थापित किए हैं और सीएम ममता बनर्जी ने प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करने की घोषणा की है। लोगों और पर्यटकों को प्रशासनिक निर्देशों का पालन करने की अपील की गई है.
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