भारत-नेपाल सीमा पर तैनात एसएसबी 41वीं वाहिनी की बीआईटी टीम ने नियमित जांच के दौरान पानीटंकी स्थित पुराने पुल पर एक 16 वर्षीय नाबालिग लड़की को मानव तस्करी से बचाया।
एसएसबी सूत्रों के अनुसार, नाबालिग अनीता पाठक बीते एक महीने से अपने घर से लापता थी। जानकारी मिली कि उसे मौसी के ससुर के अंतिम संस्कार के बहाने भारत लाया जा रहा था, लेकिन असल उद्देश्य काम दिलाने के बहाने तस्करी करना हो सकता था। यह मामला अंतरराष्ट्रीय मानव तस्करी के संभावित प्रयास की ओर इशारा करता है।
मामले की गंभीरता को देखते हुए एसएसबी ने त्वरित कार्रवाई करते हुए नाबालिग के माता-पिता से संपर्क किया और उन्हें उसकी सुरक्षित लोकेशन के बारे में सूचित किया। नाबालिग की सुरक्षा और कल्याण सुनिश्चित करने के उद्देश्य से उसे नेपाल की एपीएफ (Armed Police Force) की मौजूदगी में नेपाली एनजीओ ‘किन नेपन’ को सौंपा गया।
इसके साथ ही दो संदिग्धों — सबिन सुंदास (20) और प्रकाश दार्जी (38) को भी एनजीओ प्रतिनिधियों को सौंपा गया। एनजीओ ने पुष्टि की है कि ये दोनों संदिग्धों को आगे नेपाल पुलिस को सौंपा जाएगा।
यह कार्रवाई एसएसबी 41वीं वाहिनी की सतर्कता, अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों के सहयोग और मानव तस्करी रोकने में उनकी प्रतिबद्धता को दर्शाती है।
सारस न्यूज़, सिलीगुड़ी।
भारत-नेपाल सीमा पर तैनात एसएसबी 41वीं वाहिनी की बीआईटी टीम ने नियमित जांच के दौरान पानीटंकी स्थित पुराने पुल पर एक 16 वर्षीय नाबालिग लड़की को मानव तस्करी से बचाया।
एसएसबी सूत्रों के अनुसार, नाबालिग अनीता पाठक बीते एक महीने से अपने घर से लापता थी। जानकारी मिली कि उसे मौसी के ससुर के अंतिम संस्कार के बहाने भारत लाया जा रहा था, लेकिन असल उद्देश्य काम दिलाने के बहाने तस्करी करना हो सकता था। यह मामला अंतरराष्ट्रीय मानव तस्करी के संभावित प्रयास की ओर इशारा करता है।
मामले की गंभीरता को देखते हुए एसएसबी ने त्वरित कार्रवाई करते हुए नाबालिग के माता-पिता से संपर्क किया और उन्हें उसकी सुरक्षित लोकेशन के बारे में सूचित किया। नाबालिग की सुरक्षा और कल्याण सुनिश्चित करने के उद्देश्य से उसे नेपाल की एपीएफ (Armed Police Force) की मौजूदगी में नेपाली एनजीओ ‘किन नेपन’ को सौंपा गया।
इसके साथ ही दो संदिग्धों — सबिन सुंदास (20) और प्रकाश दार्जी (38) को भी एनजीओ प्रतिनिधियों को सौंपा गया। एनजीओ ने पुष्टि की है कि ये दोनों संदिग्धों को आगे नेपाल पुलिस को सौंपा जाएगा।
यह कार्रवाई एसएसबी 41वीं वाहिनी की सतर्कता, अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों के सहयोग और मानव तस्करी रोकने में उनकी प्रतिबद्धता को दर्शाती है।
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