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अमेरिका की आबादी में पहली बार गिरावट का संकेत, प्रवासियों की संख्या में भारी कमी से बढ़ी चिंता।

सारस न्यूज, वेब डेस्क।


अमेरिका की जनसंख्या को लेकर एक ऐतिहासिक मोड़ सामने आ रहा है। 250 सालों में पहली बार देश की आबादी में गिरावट दर्ज होने जा रही है। आधिकारिक अनुमानों के मुताबिक, साल 2025 के अंत तक अमेरिका की जनसंख्या 5.25 लाख लोगों तक घट सकती है।

इस गिरावट के पीछे सबसे बड़ा कारण माना जा रहा है — विदेशों से आने वाले प्रवासियों की संख्या में भारी कमी।

प्रवासी कम, जनसंख्या भी कम

अमेरिका लंबे समय से दुनियाभर से आने वाले प्रवासियों के दम पर अपनी आबादी और आर्थिक मजबूती बनाए रखता रहा है। लेकिन हाल के वर्षों में वैश्विक परिस्थितियों, महामारी के प्रभाव और आव्रजन नीतियों में सख्ती के चलते अब प्रवासियों का आना थम सा गया है।

आंकड़े बताते हैं कि इस साल प्रवासियों की संख्या में अब तक की सबसे बड़ी गिरावट देखने को मिली है, जिसका सीधा असर जनसंख्या पर पड़ा है।

जन्म दर में भी गिरावट, और बढ़ रही एक नई चिंता

जहां एक ओर प्रवासियों की संख्या घटी है, वहीं दूसरी तरफ अमेरिका में जन्म दर भी लगातार नीचे जा रही है। मौजूदा जन्म दर 1.6 बच्चे प्रति महिला तक पहुंच गई है, जबकि किसी भी देश की जनसंख्या को स्थिर बनाए रखने के लिए यह दर 2.1 होनी चाहिए।

इस बीच एक और चिंता उभर रही है — विशेषज्ञों का कहना है कि देश के अंदर ही पैदा हो रही कुछ युवा पीढ़ी के बीच कट्टरपंथी विचारधाराओं और असामाजिक प्रवृत्तियों का फैलाव देखा जा रहा है, जिससे आने वाले समय में घरेलू आतंकवाद जैसी समस्याएं उभर सकती हैं।

2025 में अमेरिका की जनसंख्या स्थिति:

  • अनुमानित जनसंख्या गिरावट: -5,25,000
  • जन्म दर: 1.6 प्रति महिला
  • स्थिर जनसंख्या के लिए आवश्यक दर: 2.1
  • प्रवासियों की संख्या: कोविड के बाद सबसे कम स्तर पर

विशेषज्ञों की चेतावनी

डेमोग्राफी और नीति विशेषज्ञों का मानना है कि यदि यह रुझान जारी रहा, तो अमेरिका को आने वाले वर्षों में श्रमशक्ति की कमी, आर्थिक विकास में सुस्ती, और सामाजिक असंतुलन जैसी चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है।

साथ ही, युवाओं में बढ़ता उग्र विचारधारा की प्रवृत्ति, देश की आंतरिक सुरक्षा के लिए खतरे की घंटी हो सकती है।

निष्कर्ष:

अमेरिका में आबादी की यह गिरावट सिर्फ एक संख्या नहीं, बल्कि सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक स्तर पर गहरे प्रभाव छोड़ने वाली स्थिति है। यह देखना दिलचस्प होगा कि बाइडेन प्रशासन या भविष्य की सरकारें इस संकट से निपटने के लिए कौन-कौन से ठोस कदम उठाती हैं।

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