भारत और अमेरिका के बीच चल रहे व्यापारिक तनाव के जल्द खत्म होने के संकेत मिलने लगे हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने संकेत दिया है कि वाशिंगटन भारत के साथ एक नई ट्रेड डील करने की दिशा में काम कर रहा है। ट्रंप ने कहा कि दोनों देशों के बीच मजबूत आर्थिक साझेदारी न सिर्फ अमेरिका और भारत के लिए, बल्कि पूरी दुनिया के लिए लाभदायक साबित होगी।
पिछले कुछ महीनों से भारत और अमेरिका के बीच व्यापारिक नीतियों को लेकर मतभेद बढ़ गए थे। रिपोर्टों के मुताबिक, अमेरिका ने भारत से आने वाले कुछ उत्पादों पर टैरिफ (शुल्क) घटाकर 16 प्रतिशत करने का प्रस्ताव दिया था, ताकि व्यापार संतुलन में सुधार किया जा सके।
विशेषज्ञों का मानना है कि अगर यह डील जल्द होती है, तो दोनों देशों के निवेशकों और उद्योग जगत को राहत मिलेगी। साथ ही, आईटी, फार्मा, और कृषि जैसे क्षेत्रों में सहयोग और भी मजबूत हो सकता है।
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी यह कदम महत्वपूर्ण माना जा रहा है, क्योंकि अमेरिका और भारत दोनों एशिया-प्रशांत क्षेत्र में रणनीतिक साझेदारी को आगे बढ़ाने के इच्छुक हैं। अब सभी की निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि आने वाले हफ्तों में यह ट्रेड डील किस रूप में सामने आती है और इससे दोनों देशों के आर्थिक रिश्तों में कितना सुधार होता है।
सारस न्यूज, वेब डेस्क।
भारत और अमेरिका के बीच चल रहे व्यापारिक तनाव के जल्द खत्म होने के संकेत मिलने लगे हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने संकेत दिया है कि वाशिंगटन भारत के साथ एक नई ट्रेड डील करने की दिशा में काम कर रहा है। ट्रंप ने कहा कि दोनों देशों के बीच मजबूत आर्थिक साझेदारी न सिर्फ अमेरिका और भारत के लिए, बल्कि पूरी दुनिया के लिए लाभदायक साबित होगी।
पिछले कुछ महीनों से भारत और अमेरिका के बीच व्यापारिक नीतियों को लेकर मतभेद बढ़ गए थे। रिपोर्टों के मुताबिक, अमेरिका ने भारत से आने वाले कुछ उत्पादों पर टैरिफ (शुल्क) घटाकर 16 प्रतिशत करने का प्रस्ताव दिया था, ताकि व्यापार संतुलन में सुधार किया जा सके।
विशेषज्ञों का मानना है कि अगर यह डील जल्द होती है, तो दोनों देशों के निवेशकों और उद्योग जगत को राहत मिलेगी। साथ ही, आईटी, फार्मा, और कृषि जैसे क्षेत्रों में सहयोग और भी मजबूत हो सकता है।
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी यह कदम महत्वपूर्ण माना जा रहा है, क्योंकि अमेरिका और भारत दोनों एशिया-प्रशांत क्षेत्र में रणनीतिक साझेदारी को आगे बढ़ाने के इच्छुक हैं। अब सभी की निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि आने वाले हफ्तों में यह ट्रेड डील किस रूप में सामने आती है और इससे दोनों देशों के आर्थिक रिश्तों में कितना सुधार होता है।
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