बरसात का मौसम जहां ठंडी हवाओं और बारिश की फुहारों से राहत देता है, वहीं यह कई तरह की बीमारियों का मौसम भी है। इनमें सबसे आम और परेशान करने वाली समस्या है पेट के इंफेक्शन। नमी, गंदगी और दूषित पानी की वजह से इस मौसम में बैक्टीरिया, वायरस और परजीवी तेजी से पनपते हैं, जो पाचन तंत्र को प्रभावित करते हैं।
🌧️ मॉनसून में पेट के इंफेक्शन के आम कारण:
दूषित पानी – बारिश में पानी की टंकियों, हैंडपंप या सप्लाई में गंदगी घुस जाती है।
स्ट्रीट फूड – खुले में रखा हुआ या ठीक से न पका खाना बैक्टीरिया का घर बन जाता है।
अधपका भोजन – खासकर नॉनवेज या पत्तेदार सब्जियां, जिन्हें ठीक से धोया या पकाया न जाए।
गंदे हाथों से खाना – संक्रमण का सबसे आसान रास्ता यही है।
⚠️ लक्षण जिन्हें नज़रअंदाज़ न करें:
बार-बार दस्त लगना
उल्टी या मितली
पेट में ऐंठन और दर्द
बुखार और कमजोरी
डिहाइड्रेशन (पानी की कमी)
✅ पेट के इंफेक्शन से बचाव के आसान उपाय:
सिर्फ उबला या फिल्टर किया पानी पिएं।
बाहर का कटे-फटे फल या सलाद खाने से बचें।
दूध और दूध से बनी चीज़ें ताज़ी और उबली हुई लें।
खाना हमेशा ढककर रखें, ताकि मक्खियां और धूल न लगे।
हाथ खाने से पहले साबुन से 20 सेकंड तक धोएं।
भीगे या गीले बर्तनों में खाना न रखें।
पत्तेदार सब्जियों को पकाने से पहले हल्के गरम पानी में धोएं।
💡 इम्युनिटी बूस्टर फूड्स:
अदरक और हल्दी वाला दूध – सूजन और बैक्टीरिया से बचाव करता है।
दही या छाछ – अच्छे बैक्टीरिया पाचन में मदद करते हैं।
नींबू पानी – विटामिन C से इम्युनिटी बढ़ती है।
लहसुन – प्राकृतिक एंटीबायोटिक।
🚑 कब डॉक्टर के पास जाएं:
अगर पेट के इंफेक्शन में 2 दिन से ज्यादा दस्त, लगातार बुखार, खून वाली उल्टी या दस्त, या तेज कमजोरी महसूस हो, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
सारस न्यूज़, वेब डेस्क।
बरसात का मौसम जहां ठंडी हवाओं और बारिश की फुहारों से राहत देता है, वहीं यह कई तरह की बीमारियों का मौसम भी है। इनमें सबसे आम और परेशान करने वाली समस्या है पेट के इंफेक्शन। नमी, गंदगी और दूषित पानी की वजह से इस मौसम में बैक्टीरिया, वायरस और परजीवी तेजी से पनपते हैं, जो पाचन तंत्र को प्रभावित करते हैं।
🌧️ मॉनसून में पेट के इंफेक्शन के आम कारण:
दूषित पानी – बारिश में पानी की टंकियों, हैंडपंप या सप्लाई में गंदगी घुस जाती है।
स्ट्रीट फूड – खुले में रखा हुआ या ठीक से न पका खाना बैक्टीरिया का घर बन जाता है।
अधपका भोजन – खासकर नॉनवेज या पत्तेदार सब्जियां, जिन्हें ठीक से धोया या पकाया न जाए।
गंदे हाथों से खाना – संक्रमण का सबसे आसान रास्ता यही है।
⚠️ लक्षण जिन्हें नज़रअंदाज़ न करें:
बार-बार दस्त लगना
उल्टी या मितली
पेट में ऐंठन और दर्द
बुखार और कमजोरी
डिहाइड्रेशन (पानी की कमी)
✅ पेट के इंफेक्शन से बचाव के आसान उपाय:
सिर्फ उबला या फिल्टर किया पानी पिएं।
बाहर का कटे-फटे फल या सलाद खाने से बचें।
दूध और दूध से बनी चीज़ें ताज़ी और उबली हुई लें।
खाना हमेशा ढककर रखें, ताकि मक्खियां और धूल न लगे।
हाथ खाने से पहले साबुन से 20 सेकंड तक धोएं।
भीगे या गीले बर्तनों में खाना न रखें।
पत्तेदार सब्जियों को पकाने से पहले हल्के गरम पानी में धोएं।
💡 इम्युनिटी बूस्टर फूड्स:
अदरक और हल्दी वाला दूध – सूजन और बैक्टीरिया से बचाव करता है।
दही या छाछ – अच्छे बैक्टीरिया पाचन में मदद करते हैं।
नींबू पानी – विटामिन C से इम्युनिटी बढ़ती है।
लहसुन – प्राकृतिक एंटीबायोटिक।
🚑 कब डॉक्टर के पास जाएं:
अगर पेट के इंफेक्शन में 2 दिन से ज्यादा दस्त, लगातार बुखार, खून वाली उल्टी या दस्त, या तेज कमजोरी महसूस हो, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
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