बिहार सरकार की शिक्षा विभाग की लापरवाहियों से तंग आकर बिहार डी एल एड के प्रशिक्षुओं ने आज दिनांक 23/01/22 को ट्वीटर पर एक अभियान शुरू किया है। इस अभियान का उद्देश्य है बिहार सरकार को प्रशिक्षुओं की परेशानी से अवगत कराना। प्रशिक्षुओं का कहना है कि कोरोना का हवाला देकर उनके सत्र और एग्जाम में देरी के साथ साथ उनका रिजल्ट जारी करने में भी देरी की जा रही है। जब कोरोना के समय में इलेक्शन हो सकते हैं, परीक्षाएं हो सकती है, तो रिजल्ट क्यों नहीं जारी किया जा सकता। सरकार उनके भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रही है और उनकी मांग को गंभीरता से नहीं ले रही है। सत्र पहले से ही 6 महीने देरी से चल रहा है और ऊपर से रिज़ल्ट जारी करने में भी देरी की जा रही है। प्रशिक्षुओं ने पहले भी यह मुद्दा सरकार के सामने रखने की कोशिश की, पर सरकार लगातार उसे नजरंदाज किए जा रही है। प्रशिक्षुओं का सरकार के लिए आक्रोश ट्विटर पर साफ नजर आ रहा है।
बिहार शिक्षा विभाग ने कुछ दिन पहले बिहार डीएलएड के 2019-21 के अंतिम वर्ष के रिजल्ट जारी करने के संबंध में बिहार विद्यालय परीक्षा समिति के अध्यक्ष को पत्र लिखकर रिजल्ट जारी करने का आदेश भी दिया लेकिन फिर भी मूल्यांकन कार्य शुरू नहीं किया गया है। एक तरह से देखा जाए तो बिहार बोर्ड शिक्षा विभाग की टीआरएफ से मिले पत्र और आदेश को गंभीरता से नहीं ले रहा। प्रशिक्षुओं की मांग है कि सरकार उनके भविष्य के साथ खिलवाड़ करना बंद करे और 15 फरवरी तक उनका रिजल्ट जारी कर दे। युवाओं की इन समस्याओं को नजरंदाज करना और गंभीरता से न लेना निंदा के योग्य है। प्रशिक्षुओं ने सरकार से सहयोग की मांग की है कि मूल्यांकन कार्य जल्दी शुरू किया जाए और 15 फ़रवरी तक रिजल्ट जारी करे।
बिहार बोर्ड और शिक्षा विभाग ने डीएलएड प्रशिक्षुओ के करियर को बर्बाद कर दिया एक तो सत्र 6 महीना लेट हो गया और ऊपर से अभी तक मूल्यांकन कार्य शुरू नहीं हुआ ,अविलंब मूल्यांकन शुरू कर 15 फरवरी तक रिजल्ट जारी करे @officialbseb@btetctet@BiharEducation_#declare_deled_result
बिहार सरकार की शिक्षा विभाग की लापरवाहियों से तंग आकर बिहार डी एल एड के प्रशिक्षुओं ने आज दिनांक 23/01/22 को ट्वीटर पर एक अभियान शुरू किया है। इस अभियान का उद्देश्य है बिहार सरकार को प्रशिक्षुओं की परेशानी से अवगत कराना। प्रशिक्षुओं का कहना है कि कोरोना का हवाला देकर उनके सत्र और एग्जाम में देरी के साथ साथ उनका रिजल्ट जारी करने में भी देरी की जा रही है। जब कोरोना के समय में इलेक्शन हो सकते हैं, परीक्षाएं हो सकती है, तो रिजल्ट क्यों नहीं जारी किया जा सकता। सरकार उनके भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रही है और उनकी मांग को गंभीरता से नहीं ले रही है। सत्र पहले से ही 6 महीने देरी से चल रहा है और ऊपर से रिज़ल्ट जारी करने में भी देरी की जा रही है। प्रशिक्षुओं ने पहले भी यह मुद्दा सरकार के सामने रखने की कोशिश की, पर सरकार लगातार उसे नजरंदाज किए जा रही है। प्रशिक्षुओं का सरकार के लिए आक्रोश ट्विटर पर साफ नजर आ रहा है।
बिहार शिक्षा विभाग ने कुछ दिन पहले बिहार डीएलएड के 2019-21 के अंतिम वर्ष के रिजल्ट जारी करने के संबंध में बिहार विद्यालय परीक्षा समिति के अध्यक्ष को पत्र लिखकर रिजल्ट जारी करने का आदेश भी दिया लेकिन फिर भी मूल्यांकन कार्य शुरू नहीं किया गया है। एक तरह से देखा जाए तो बिहार बोर्ड शिक्षा विभाग की टीआरएफ से मिले पत्र और आदेश को गंभीरता से नहीं ले रहा। प्रशिक्षुओं की मांग है कि सरकार उनके भविष्य के साथ खिलवाड़ करना बंद करे और 15 फरवरी तक उनका रिजल्ट जारी कर दे। युवाओं की इन समस्याओं को नजरंदाज करना और गंभीरता से न लेना निंदा के योग्य है। प्रशिक्षुओं ने सरकार से सहयोग की मांग की है कि मूल्यांकन कार्य जल्दी शुरू किया जाए और 15 फ़रवरी तक रिजल्ट जारी करे।
बिहार बोर्ड और शिक्षा विभाग ने डीएलएड प्रशिक्षुओ के करियर को बर्बाद कर दिया एक तो सत्र 6 महीना लेट हो गया और ऊपर से अभी तक मूल्यांकन कार्य शुरू नहीं हुआ ,अविलंब मूल्यांकन शुरू कर 15 फरवरी तक रिजल्ट जारी करे @officialbseb@btetctet@BiharEducation_#declare_deled_result
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