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भारत-बांग्ला देश सीमा पर तस्‍करों ने अब फेंसिंग का तार काटा तो होगा यह हश्र।

संसू, सारस न्यूज़, किशनगंज।

सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ)  तन-मन, धैर्य व साहस के साथ देश की सीमाओं की रखवाली कर रहा है। भारत-बांग्ला देश सीमा पर अपराधिक गतिविधियों व अवैध घुसपैठ को रोकने के लिए बीएसएफ दिन रात लगी रहती है। उक्त बातें बीएसएफ नॉर्थ बंगाल फ्रंटियर के आइजी अजय सिंह ने कही हैं। उन्होंने मंगलवार को बीएसएफ उत्तर बंगाल फ्रंटियर मुख्यालय में आयोजित प्रेस वार्ता में कहा कि बीएसएफ उत्तर बंगाल फ्रंटियर को लगभग 936 किलोमीटर की निगरानी करने का जिम्मा है।  जिस क्षेत्र में फेंसिंग नहीं है, वहां पर नए टेक्‍नोलॉजी के साथ निगरानी बढ़ाई जा रही है। उन्होंने कहा कि लगभग 100 किलोमीटर सीमावर्ती क्षेत्र बिना फेंसिंग के हैं। बिना  फेंसिंग वाले क्षेत्रों पर कड़ी निगरानी रखी जा सके इसके लिए, लो कॉस्ट टेक्नोलॉजी सॉल्यूशन, स्थापित किए जा रहे हैं। यहां से भी अब तस्‍कर हमारी नजर से बच नहीं सकेंगे।

तस्‍कर ना तो तार काट सकेंगे ना ही उसपर चढ़ पाएंगे।

उन्‍होंने बताया कि उक्त टेक्नोलॉजी के लिए लगभग 15 दिन पहले केंद्र सरकार से बीएसएफ उत्तर बंगाल फ्रंटियर के लिए 18 करोड़ स्वीकृत किए गए हैं। बिना फेंसिंग वाले क्षेत्रों में 80 मीटर से 100 मीटर के दायरे में सीसीटीवी कैमरे स्थापित किए जाएंगे। जगह-जगह हाई मास्ट लाइट लगाए जाएंगे। नाइट विजन डिवाइस लगाए जाएंगे। इसके अलावा बिना फेंसिंग वाले क्षेत्रों में एंटी क्लाइंब व एंटी कट वायर फेंसिंग किए जा रहे हैं। जिससे तस्कर फेंसिंग किए गए तार को किसी भी औजार से काट नहीं सकते हैं, और ना ही उसके सहारे चढ़कर सीमा पार कर सकते हैं।

उन्होंने कहा कि उत्तर बंगाल फ्रंटियर अंतर्गत सीमा क्षेत्र में मुख्य चुनौती पशु तस्करी व मादक पदार्थों के तस्करी का है। जिन सीमावर्ती क्षेत्रों से तस्करी करने की कोशिश होती है, उसे कामयाब नहीं होने दिया जाता है। आईजी ने कहा कि बिना फेंसिंग वाले क्षेत्रों में भी जिन जगहों पर फेंसिंग के तार पुराने हो चुके हैं अथवा टूट रहे हैं उस जगह पर भी एंटी क्लाइंब एंटी कट फेंसिंग किए जा रहे हैं। जिससे तस्करों के नापाक मंसूबों को कामयाब नो होने दिया जाए।

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