राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग द्वारा “चिल्ड्रेन इन स्ट्रीट सिचुएशन”– वैसे बच्चे(बालक एवम बालिका) जो बेघर हैं और सड़क, गलियों आदि जगहों पर रात गुजारते हैं या कचरा चुनने का काम करते है या भिक्षावृत्ति में लिप्त बच्चे या तंबाकू या तंबाकू पदार्थ के विक्रय में लिप्त बच्चे या नशाखुरानी या बाल श्रम में लिप्त बच्चे जो अकेले रात गुजारते हैं या रात में अपने परिवार के साथ रहते हैं” के संरक्षण एवम सामाजिक पुनर्वासन हेतु एक स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर(sop-2.0) जारी किया गया है, के विभिन्न बिंदुओं पर बैठक में चर्चा की गई। माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा स्वयं इसका संज्ञान लेकर ऐसे बच्चों के उज्ज्वल भविष्य के लिए शीघ्रता से इस विषय पर कार्य करने का निदेश दिया गया है।
बैठक में जिले में इस प्रकार के अधिक संभावना वाले स्थलों को हॉट स्पॉट के रूप चिन्हित किया गया। पूरे जिले में 11 हॉट स्पॉट चिन्हित किया गया। उपरोक्त चिन्हित हॉट स्पॉट एवम अन्य जगहों पर जिला धावा दल के माध्यम से बच्चों को यथा शीघ्र विमुक्त करने का निदेश बैठक में जिला पदाधिकारी द्वारा दिया गया।
जिला पदाधिकारी डॉ आदित्य प्रकाश के द्वारा निदेश दिया गया कि विमुक्त कराए गए बच्चों के संरक्षण एवम सामाजिक पुनर्वासन का कार्य भी तत्काल निष्पादित किया जाय। उन्हें शिक्षा और स्किल डेवलपमेन्ट से जोड़ा जाए। उन्होंने रेल थाना को बाल व्यापार के शिकार बच्चों को संरक्षण में लेने हेतु सतर्क रहने और त्वरित कार्रवाई करने का निदेश दिया।
बैठक में सहायक निदेशक, जिला बाल संरक्षण इकाई रविशंकर तिवारी, पुलिस उपाधीक्षक(मु०) अजित प्रताप सिंह , जिला प्रोग्राम पदाधिकारी आई सी डी एस श्रीमती कविप्रिया, बाल संरक्षण पदाधिकारी रंजन मिश्रा, राजीव रंजन ग्रेन, श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी, प्रभारी रेल थाना एवं चाईल्ड लाइन के समन्वयक, सभी सब सेंटर के प्रतिनिधि शामिल हुए।
सारस न्यूज़ टीम, सारस न्यूज़।
राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग द्वारा “चिल्ड्रेन इन स्ट्रीट सिचुएशन”– वैसे बच्चे(बालक एवम बालिका) जो बेघर हैं और सड़क, गलियों आदि जगहों पर रात गुजारते हैं या कचरा चुनने का काम करते है या भिक्षावृत्ति में लिप्त बच्चे या तंबाकू या तंबाकू पदार्थ के विक्रय में लिप्त बच्चे या नशाखुरानी या बाल श्रम में लिप्त बच्चे जो अकेले रात गुजारते हैं या रात में अपने परिवार के साथ रहते हैं” के संरक्षण एवम सामाजिक पुनर्वासन हेतु एक स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर(sop-2.0) जारी किया गया है, के विभिन्न बिंदुओं पर बैठक में चर्चा की गई। माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा स्वयं इसका संज्ञान लेकर ऐसे बच्चों के उज्ज्वल भविष्य के लिए शीघ्रता से इस विषय पर कार्य करने का निदेश दिया गया है।
बैठक में जिले में इस प्रकार के अधिक संभावना वाले स्थलों को हॉट स्पॉट के रूप चिन्हित किया गया। पूरे जिले में 11 हॉट स्पॉट चिन्हित किया गया। उपरोक्त चिन्हित हॉट स्पॉट एवम अन्य जगहों पर जिला धावा दल के माध्यम से बच्चों को यथा शीघ्र विमुक्त करने का निदेश बैठक में जिला पदाधिकारी द्वारा दिया गया।
जिला पदाधिकारी डॉ आदित्य प्रकाश के द्वारा निदेश दिया गया कि विमुक्त कराए गए बच्चों के संरक्षण एवम सामाजिक पुनर्वासन का कार्य भी तत्काल निष्पादित किया जाय। उन्हें शिक्षा और स्किल डेवलपमेन्ट से जोड़ा जाए। उन्होंने रेल थाना को बाल व्यापार के शिकार बच्चों को संरक्षण में लेने हेतु सतर्क रहने और त्वरित कार्रवाई करने का निदेश दिया।
बैठक में सहायक निदेशक, जिला बाल संरक्षण इकाई रविशंकर तिवारी, पुलिस उपाधीक्षक(मु०) अजित प्रताप सिंह , जिला प्रोग्राम पदाधिकारी आई सी डी एस श्रीमती कविप्रिया, बाल संरक्षण पदाधिकारी रंजन मिश्रा, राजीव रंजन ग्रेन, श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी, प्रभारी रेल थाना एवं चाईल्ड लाइन के समन्वयक, सभी सब सेंटर के प्रतिनिधि शामिल हुए।
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