माननीय उच्च न्यायलय, पटना द्वारा पारित आदेश के आलोक में गरीब/कमजोर लोगों द्वारा अपने आवश्यक कार्यों यथा किसी गंभीर बीमारी, शादी विवाह एवं अन्य महत्वपूर्ण कार्य हेतु प्राइवेट बैंक, स्वयं सहायता समूह अथवा अन्य किसी व्यक्ति से निर्धारित ब्याज पर निश्चित अवधि के लिए ऋण लेकर कार्यों को सम्पन्न किया जाता है, परन्तु ऋण चुकाने की अवधि के दौरान किसी परिस्थितवश ऋण चुकाने में असमर्थ रहने के कारण ऋणदाताओं के द्वारा दबाव बनाया जाता है, जिसके कारण वे विवश होकर गंभीर तनाव में आ जाते है एवं आत्महत्या करने जैसे फैसले कर लेते है। यह भी देखा जा रहा है कि गरीब/कमजोर लोगों के उनके जमीन/अन्य महंगे वस्तुओं को संबंधित ऋणदाता के पास गिरवी रख दिया जाता है। इसी क्रम में ऋणदाता द्वारा दवाब बनाकर उनकी सम्पत्ति यथा भूमि को ऋण के बदले अपने नाम करवा लिया जाता है। कटिहार जिले में एक ऐसे मामले में एक ही परिवार के सभी सदस्यों ने दवाब में आकर आत्महत्या कर लिया।
ज्ञातव्य हो कि माननीय उच्च न्यायालय द्वारा ऐसे मामलों को गंभीरता से लिया जा रहा है। माननीय न्यायालय द्वारा ऐसे मामलों में ऋणदाता के नाम की गई भूमि पर सख्त कार्रवाई करने का निर्देश प्राप्त है। किशनगंज पुलिस की आमजनों से अपील है कि ऐसे मामले जहाँ ऋण के बदले किसी गरीब या अन्य व्यक्ति को अपनी भूमि ऋणदाता को दबाव/जबरन हस्तांतरित की गयी हो या भूमि हस्तांतरण के लिए दवाब बनाया जा रहा हो तो वे इसकी जानकारी पुलिस अधीक्षक, किशनगंज को दें ताकि ऐसे ऋणदाताओं के विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जा सके। इसकी जानकारी पुलिस अधीक्षक, किशनगंज एवं राज्य अपराध अभिलेख ब्यूरो, बिहार, पटना को निम्न माध्यम से दी जा सकती है।
अपर पुलिस महानिदेशक, राज्य अपराध अभिलेख, ब्यूरो, बिहार पटना का ईमेल आई0डी0- adgmod-bih@nic.in
आपके द्वारा भेजे गये आवेदन पर सख्त-से-सख्त कारवाई की जायेगी।
पुलिस अधीक्षक, किशनगंज
सारस न्यूज टीम, सारस न्यूज, किशनगंज।
माननीय उच्च न्यायलय, पटना द्वारा पारित आदेश के आलोक में गरीब/कमजोर लोगों द्वारा अपने आवश्यक कार्यों यथा किसी गंभीर बीमारी, शादी विवाह एवं अन्य महत्वपूर्ण कार्य हेतु प्राइवेट बैंक, स्वयं सहायता समूह अथवा अन्य किसी व्यक्ति से निर्धारित ब्याज पर निश्चित अवधि के लिए ऋण लेकर कार्यों को सम्पन्न किया जाता है, परन्तु ऋण चुकाने की अवधि के दौरान किसी परिस्थितवश ऋण चुकाने में असमर्थ रहने के कारण ऋणदाताओं के द्वारा दबाव बनाया जाता है, जिसके कारण वे विवश होकर गंभीर तनाव में आ जाते है एवं आत्महत्या करने जैसे फैसले कर लेते है। यह भी देखा जा रहा है कि गरीब/कमजोर लोगों के उनके जमीन/अन्य महंगे वस्तुओं को संबंधित ऋणदाता के पास गिरवी रख दिया जाता है। इसी क्रम में ऋणदाता द्वारा दवाब बनाकर उनकी सम्पत्ति यथा भूमि को ऋण के बदले अपने नाम करवा लिया जाता है। कटिहार जिले में एक ऐसे मामले में एक ही परिवार के सभी सदस्यों ने दवाब में आकर आत्महत्या कर लिया।
ज्ञातव्य हो कि माननीय उच्च न्यायालय द्वारा ऐसे मामलों को गंभीरता से लिया जा रहा है। माननीय न्यायालय द्वारा ऐसे मामलों में ऋणदाता के नाम की गई भूमि पर सख्त कार्रवाई करने का निर्देश प्राप्त है। किशनगंज पुलिस की आमजनों से अपील है कि ऐसे मामले जहाँ ऋण के बदले किसी गरीब या अन्य व्यक्ति को अपनी भूमि ऋणदाता को दबाव/जबरन हस्तांतरित की गयी हो या भूमि हस्तांतरण के लिए दवाब बनाया जा रहा हो तो वे इसकी जानकारी पुलिस अधीक्षक, किशनगंज को दें ताकि ऐसे ऋणदाताओं के विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जा सके। इसकी जानकारी पुलिस अधीक्षक, किशनगंज एवं राज्य अपराध अभिलेख ब्यूरो, बिहार, पटना को निम्न माध्यम से दी जा सकती है।
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