ठाकुरगंज प्रखंड क्षेत्र के बरचौंदी ग्राम पंचायत के कई गांवों में रविवार को हुई बारिश और ओलावृष्टि से गेहूं, मकई केला आदि की फैसलों को भारी नुकसान पहुंचा हैं, पर तीन दिन से अधिक समय बीत जाने के बावजूद कृषि व उद्यान विभाग द्वारा नुकसान का जायजा व सर्वे करने के लिए नहीं पहुंचने पर स्थानीय किसानों ने काफी नाराजगी जाहिर की है। किसानों ने सरकार से मांग की है कि गेहूं, मकई, केला आदि की फसल की बर्बादी का सर्वे कर जल्द मुआवजा दिया जाए।
इसी दौरान बुधवार को बरचौंदी पंचायत के बिरेनगुड़ी, कुड़िमनी, मदारीडांगा, कुंजीमारी, मिलिक टोला, चट्टानबस्ती, झड़वाडांगा आदि अन्य गांवों के किसानों ने ओलावृष्टि एवं बेमौसम बरसात से नष्ट हुए फसलों के खेत में खड़े होकर विभाग के प्रति रोष जताया और कहा कि तीन दिन गुजर जाने के बाद भी अभी तक विभाग द्वारा प्रभावित किसानों की कोई सुधि नहीं ली गई हैं।
बिरेनगुड़ी गांव के किसान बुलु लाल गणेश, जोगी लाल गणेश, लखन लाल, देवलाल, शिव नारायण गणेश, उमेश लाल आदि ने कहा कि बारिश व ओलावृष्टि से बरचौंदी राजस्व ग्राम के करीब दर्जनों किसानों के सैकड़ों एकड़ जमीन पर लगे मकई, केला आदि फसलों को भारी नुकसान पहुंचा है। मकई के पौधे से दाने निकल चुके थे और मात्र 20-25 दिन बाद इसकी कटाई की जाती, पर ओलावृष्टि और तेज आंधी के साथ भारी बारिश से सारा कुछ नष्ट हो गया। केले के पौधे में लगे फल को भी काफी नुकसान पहुंचा है। स्थानीय किसान अकालु गणेश, राम लाल, बिरजू गणेश, अब्दुल रशीद श्रीकांत गणेश, वसंत गणेश आदि ने बताया कि ओलावृष्टि से खेतों में लगे फसलों को काफी नुकसान हुआ है। फसलों को देख हमारी चिंता भी बढ़ गई है। हमारे परिवार में भरण पोषण की चिंता सताने लगी है। इसलिए सरकार व विभाग को चाहिए कि प्राकृतिक आपदा से हुई फसल को नुकसान की भरपाई के लिए मुआवजा दिया जाए। किसानों ने बारिश और ओलावृष्टि से नष्ट हुई फसल के लिए मुआवजे की मांग की। किसान मो नसीम, नजरूल हक, पहाड़ सिंह, खगेंद्र लाल, मफीजुद्दीन, बरत लाल गणेश, रमेश लाल आदि ने कहा कि भारी बारिश और ओलावृष्टि से खेतों में लगे रबी फसलों की 90 प्रतिशत से अधिक फसलें नष्ट हो गई हैं। इनलोगों ने नष्ट फसलों का निष्पक्षता से सर्वे कर जल्द मुआवजा प्रभावित किसानों को देने की मांग की।
इस दौरान बरचौंदी पंचायत के मुखिया प्रतिनिधि बिरेंद्र प्रसाद सिंह ने कहा कि प्रकृति ने पंचायत के किसानों पर कहर बरपाया हैं। ओलावृष्टि से फसलें पुरी तरह नष्ट हो गईं हैं। उन्होंने लागत के आधार पर लाभकारी मूल्य दिए जाने की मांग करते हुए कहा कि ऐसी प्राकृतिक आपदा के समय किसानों को नुकसान की भरपाई के लिए प्रशासन को सहयोग करना चाहिए।
इस संबंध में प्रखंड कृषि पदाधिकारी राजेश कुमार ने बताया कि प्रखंड क्षेत्र के ओलावृष्टि प्रभावित संबंधित क्षेत्रों का सर्वे करने के लिए किसान सलाहकार व कृषि समन्वयक को निर्देशित करते हुए 15 अप्रैल तक प्रखंड कृषि कार्यालय में रिपोर्ट करने के लिए कहा गया है। सर्वे रिपोर्ट मिलने के बाद जिला कृषि कार्यालय किशनगंज को सुपुर्द किया जाएगा। तदोपरांत सरकार व विभाग से प्राप्त निर्देश का अनुपालन कर प्रभावित किसानों के नियमानुसार मुआवजा राशि वितरित कर दी जाएगी।
सारस न्यूज टीम, सारस न्यूज, ठाकुरगंज।
ठाकुरगंज प्रखंड क्षेत्र के बरचौंदी ग्राम पंचायत के कई गांवों में रविवार को हुई बारिश और ओलावृष्टि से गेहूं, मकई केला आदि की फैसलों को भारी नुकसान पहुंचा हैं, पर तीन दिन से अधिक समय बीत जाने के बावजूद कृषि व उद्यान विभाग द्वारा नुकसान का जायजा व सर्वे करने के लिए नहीं पहुंचने पर स्थानीय किसानों ने काफी नाराजगी जाहिर की है। किसानों ने सरकार से मांग की है कि गेहूं, मकई, केला आदि की फसल की बर्बादी का सर्वे कर जल्द मुआवजा दिया जाए।
इसी दौरान बुधवार को बरचौंदी पंचायत के बिरेनगुड़ी, कुड़िमनी, मदारीडांगा, कुंजीमारी, मिलिक टोला, चट्टानबस्ती, झड़वाडांगा आदि अन्य गांवों के किसानों ने ओलावृष्टि एवं बेमौसम बरसात से नष्ट हुए फसलों के खेत में खड़े होकर विभाग के प्रति रोष जताया और कहा कि तीन दिन गुजर जाने के बाद भी अभी तक विभाग द्वारा प्रभावित किसानों की कोई सुधि नहीं ली गई हैं।
बिरेनगुड़ी गांव के किसान बुलु लाल गणेश, जोगी लाल गणेश, लखन लाल, देवलाल, शिव नारायण गणेश, उमेश लाल आदि ने कहा कि बारिश व ओलावृष्टि से बरचौंदी राजस्व ग्राम के करीब दर्जनों किसानों के सैकड़ों एकड़ जमीन पर लगे मकई, केला आदि फसलों को भारी नुकसान पहुंचा है। मकई के पौधे से दाने निकल चुके थे और मात्र 20-25 दिन बाद इसकी कटाई की जाती, पर ओलावृष्टि और तेज आंधी के साथ भारी बारिश से सारा कुछ नष्ट हो गया। केले के पौधे में लगे फल को भी काफी नुकसान पहुंचा है। स्थानीय किसान अकालु गणेश, राम लाल, बिरजू गणेश, अब्दुल रशीद श्रीकांत गणेश, वसंत गणेश आदि ने बताया कि ओलावृष्टि से खेतों में लगे फसलों को काफी नुकसान हुआ है। फसलों को देख हमारी चिंता भी बढ़ गई है। हमारे परिवार में भरण पोषण की चिंता सताने लगी है। इसलिए सरकार व विभाग को चाहिए कि प्राकृतिक आपदा से हुई फसल को नुकसान की भरपाई के लिए मुआवजा दिया जाए। किसानों ने बारिश और ओलावृष्टि से नष्ट हुई फसल के लिए मुआवजे की मांग की। किसान मो नसीम, नजरूल हक, पहाड़ सिंह, खगेंद्र लाल, मफीजुद्दीन, बरत लाल गणेश, रमेश लाल आदि ने कहा कि भारी बारिश और ओलावृष्टि से खेतों में लगे रबी फसलों की 90 प्रतिशत से अधिक फसलें नष्ट हो गई हैं। इनलोगों ने नष्ट फसलों का निष्पक्षता से सर्वे कर जल्द मुआवजा प्रभावित किसानों को देने की मांग की।
इस दौरान बरचौंदी पंचायत के मुखिया प्रतिनिधि बिरेंद्र प्रसाद सिंह ने कहा कि प्रकृति ने पंचायत के किसानों पर कहर बरपाया हैं। ओलावृष्टि से फसलें पुरी तरह नष्ट हो गईं हैं। उन्होंने लागत के आधार पर लाभकारी मूल्य दिए जाने की मांग करते हुए कहा कि ऐसी प्राकृतिक आपदा के समय किसानों को नुकसान की भरपाई के लिए प्रशासन को सहयोग करना चाहिए।
इस संबंध में प्रखंड कृषि पदाधिकारी राजेश कुमार ने बताया कि प्रखंड क्षेत्र के ओलावृष्टि प्रभावित संबंधित क्षेत्रों का सर्वे करने के लिए किसान सलाहकार व कृषि समन्वयक को निर्देशित करते हुए 15 अप्रैल तक प्रखंड कृषि कार्यालय में रिपोर्ट करने के लिए कहा गया है। सर्वे रिपोर्ट मिलने के बाद जिला कृषि कार्यालय किशनगंज को सुपुर्द किया जाएगा। तदोपरांत सरकार व विभाग से प्राप्त निर्देश का अनुपालन कर प्रभावित किसानों के नियमानुसार मुआवजा राशि वितरित कर दी जाएगी।
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