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छठी वर्ग का बच्चा सीएम नीतीश के सामने पहुंच खोली पापा की पोल, मास्टर को भी नहीं छोड़ा

सारस न्यूज टीम, नालंदा।

बिहार में शनिवार को एक बच्चे की मुख्यमंत्री से हुई चंद सेकेंड की बातें पुरे प्रदेश में चर्चा का विषय हैं। दरअसल, सीएम नीतीश कुमार अपनी पत्नी मंजू सिन्हा की 16वीं पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि देने अपने पैतृक गांव नालंदा के कल्याण विगहा पहुंचे थे। कार्यक्रम के बाद नीतीश स्थानीय लोगों की समस्या सुन रहे थे। इसी दौरान भीड़ से निकलकर हरनौत प्रखंड के नीमा कोल निवासी रणविजय यादव का 12 वर्षीय पुत्र सोनू कुमार सीएम के सामने पहुंच गया। छठी कक्षा में पढ़ने वाला सोनू आया तो था अपनी पढ़ाई जारी रखने के लिए मदद मांगने लेकिन उसने पिता के शराब पीने की शिकायत की और सरकारी स्कूल में पढ़ाई के हालत भी बता दिए। सोनू की बात सुन मुख्यमंत्री मुस्कुराए और उसकी हिम्मत की तारीफ की। नीतीश ने प्रभारी डीएम सह डीडीसी वैभव श्रीवास्तव को निर्देश दिया कि बच्चे की समस्या को देखा जाए। डीडीसी ने सरथा पंचायत के मुखिया प्रतिनिधि रवि शंकर कुमार से कहा है कि आप सोनू को लेकर किसी भी कार्य दिवस पर हमारे कार्यालय में आइए। 

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दरअसल, सीएम नीतीश कुमार श्रद्धांजलि देने के बाद वे गांव के शोक संतप्त तीन परिवारों से मिले और उसके बाद मध्य विद्यालय परिसर में स्थानीय लोगों से मिल उनकी समस्याएं सुन रहे थे। इस बीच सोनू कुमार को सीएम के आने की जानकारी मिल गई। सोनू साइकिल से कार्यक्रम स्थल पहुंच गया। यहां सीएम से मिलने में उसे सुरक्षा कारणों से दिक्कत हो रही थी। उसकी नजर उसकी पंचायत की मुखिया निर्मला देवी के पति रवि शंकर कुमार पर पड़ी। रविशंकर की मदद से सोनू सीएम के सामने पहुंच गया। और सोनू ने डीडीसी व डीएसपी की मौजूदगी में सीएम से कहा कि मेरे पिता दही बेचते हैं। उससे जो आमदनी होती है उसे शराब पीने में खर्च कर देते हैं। सोनू ने बताया कि मैं विवश होकर अपनी पढ़ाई का खर्च निकालने के लिए अपने से छोटी कक्षा के बच्चों को ट्यूशन पढ़ाता हूं। सीएम से उसने कहा कि सरकारी स्कूल में शिक्षा की स्थिति ठीक नहीं है। शिक्षक देर से स्कूल आते हैं। गप्पेमार कर निकल जाते हैं। खुद शिक्षकों को अंग्रेजी नहीं आती। नीतीश से बच्चे ने अंग्रेजी मीडियम स्कूल में नाम लिखाने का भी आग्रह किया। 

स्थानीय मुखिया पति रवि शंकर ने बताया कि पिछले साल पंचायत चुनाव प्रचार के दौरान बच्चे से मुलाकात हुई थी। सोनू मेधावी है। वह हरनौत के एक निजी विद्यालय में पढ़ता था। फीस जमा नहीं करने के कारण स्कूल प्रबंधन ने उसे छठी क्लास की वार्षिक परीक्षा में शामिल नहीं कराकर नाम काट दिया। वह आगे की पढाई जारी रखना चाहता है। उसकी चाहत पढ़-लिखकर डीएम बनने की है। पढ़ाई का खर्च निकालने के लिए गांव में ही चौहरमल बाबा के मंदिर पर पांचवीं क्लास तक के 40 बच्चों को ट्यूशन पढ़ाता है। स्वयं छठी क्लास का विद्यार्थी और 5वीं तक के ब्च्चों के लिए सोनू सर कहलाने वाला यह बच्चा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से शनिवार को दूसरे प्रयास में मिल पाया।

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