गलगलिया थाना क्षेत्र के कटहलबाड़ी स्थित चेंगा नदी में बंगाल के शिक्षक वीरेंद्र खुजुर के डूबने से हुई मौत के मामले में ग्रामीणों के अनुसार अवैध रूप से बालू खनन का मामला भी सामने आ रहा है। ग्रामीणों का इस मामले में कहना है कि प्रतिदिन इस स्थल पर यंत्र के माध्यम से बालू का खनन किया जाता है जो कि, नियमानुसार गलत है। लेकिन इसे रोकने वाला कोई नहीं है और इसी कारण नदी में जगह-जगह काफी गड्ढा होने के कारण शिक्षक के डूबने से मौत हुई है। ग्रामीणों ने मीडिया को बताया कि पहले तो जीआर इंफ्राटेकचर ने बड़े पैमाने पर खनन किया और अब गीता इंटरप्राइजेज द्वारा 50 से 60 फिट गढ्ढा कर बालू खनन किया जा रहा है।
वहीं खनन विभाग इस पर पूरी तरह से मौन धारण किये बैठी हुई है। ग्रामीणों का सीधे तौर पर कहना है कि अवैध खनन के कारण ही यह दुर्घटना घटी है। अवैध खनन के विरुद्ध महीनों से बेसरबाटी पंचायत के जनप्रतिनिधि से लेकर दर्जनों ग्रामीणों ने संबंधित विभाग के आला अधिकारियों को आवेदन देकर कार्रवाई की मांग करते आ रहे हैं, मगर इसे रोकने को लेकर अब तक कोई कार्रवाही नही की गई। ग्रामीणों का कहना है कि बालू खनन करने वाले अपनी ऊंची पहुंच रखते हैं, और इसी कारण स्थानीय स्तर पर कोई पदाधिकारी इस मामले में सीधे सीधे कार्रवाई करने से बच रहे हैं।इतना ही नहीं नदी किनारे भी एक सीमा तक बालू खनन का कार्य नहीं किया जाना है लेकिन, इन मानकों का पालन नहीं किया जा रहा है। जिसका खामियाजा आम जनों को भुगतना पड़ रहा है। ग्रामीणों ने कहा कि कार्रवाही नही होने से हम जन-आंदोलन के लिए बाध्य हो रहे हैं।
सारस न्यूज़, गलगलिया, किशनगंज।
गलगलिया थाना क्षेत्र के कटहलबाड़ी स्थित चेंगा नदी में बंगाल के शिक्षक वीरेंद्र खुजुर के डूबने से हुई मौत के मामले में ग्रामीणों के अनुसार अवैध रूप से बालू खनन का मामला भी सामने आ रहा है। ग्रामीणों का इस मामले में कहना है कि प्रतिदिन इस स्थल पर यंत्र के माध्यम से बालू का खनन किया जाता है जो कि, नियमानुसार गलत है। लेकिन इसे रोकने वाला कोई नहीं है और इसी कारण नदी में जगह-जगह काफी गड्ढा होने के कारण शिक्षक के डूबने से मौत हुई है। ग्रामीणों ने मीडिया को बताया कि पहले तो जीआर इंफ्राटेकचर ने बड़े पैमाने पर खनन किया और अब गीता इंटरप्राइजेज द्वारा 50 से 60 फिट गढ्ढा कर बालू खनन किया जा रहा है।
वहीं खनन विभाग इस पर पूरी तरह से मौन धारण किये बैठी हुई है। ग्रामीणों का सीधे तौर पर कहना है कि अवैध खनन के कारण ही यह दुर्घटना घटी है। अवैध खनन के विरुद्ध महीनों से बेसरबाटी पंचायत के जनप्रतिनिधि से लेकर दर्जनों ग्रामीणों ने संबंधित विभाग के आला अधिकारियों को आवेदन देकर कार्रवाई की मांग करते आ रहे हैं, मगर इसे रोकने को लेकर अब तक कोई कार्रवाही नही की गई। ग्रामीणों का कहना है कि बालू खनन करने वाले अपनी ऊंची पहुंच रखते हैं, और इसी कारण स्थानीय स्तर पर कोई पदाधिकारी इस मामले में सीधे सीधे कार्रवाई करने से बच रहे हैं।इतना ही नहीं नदी किनारे भी एक सीमा तक बालू खनन का कार्य नहीं किया जाना है लेकिन, इन मानकों का पालन नहीं किया जा रहा है। जिसका खामियाजा आम जनों को भुगतना पड़ रहा है। ग्रामीणों ने कहा कि कार्रवाही नही होने से हम जन-आंदोलन के लिए बाध्य हो रहे हैं।
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