सारस न्यूज, किशनगंज।
ठाकुरगज के खारुदाह व पोठिया के खरखरी के बीच महानंदा नदी पर पुल निर्माण को लेकर किशनगंज- ठाकुरगज मार्ग (केटीटीजी रोड) पर स्थानीय लोगों ने धरना प्रदर्शन कर घंटों जाम किया। इस दौरान ठाकुरगंज व पोठिया प्रखंड के बड़ी संख्या में लोगों ने प्रदर्शन कर प्रशासनिक अधिकारियों एवं जनप्रतिनिधियों के विरुद्ध अपनी भड़ास निकाली। घंटों जाम रहने से इस मार्ग पर आवागमन पूरी तरह बाधित रही किसी भी तरह के वाहनों को प्रदर्शनकारियों ने आने जाने न दी। प्रदर्शनकारी उस स्थान पर पुल निर्माण की मांग को दोहराते रहे।

इस क्रम में आवाम की मांग को सौ फीसद जायज ठहराते हुए प्रदर्शनकारियों के समर्थन में ठाकुरगज विधयाक सऊद आलम पहुंचे। विधायक सऊद आलम ने पुल की निर्माण की मांग पर डटे प्रदर्शनकारियों का हौसला अफजाई करते हुए कहा कि ठाकुरगंज प्रखंड के खारुदह पंचायत तथा पोठिया प्रखंड के रायपुर के बीच बहने वाली महानंदा नदी पर पुल का निर्माण होना समय की मांग हैं। दोनों प्रखंड के दर्जनों पंचायतों के हजारों लोगों के लिए यह मील का पत्थर साबित होनेवाली डिमांड है। इस स्थान पर पुल के निर्माण होने से दर्जनों गांवों में विकास के द्वार खुलेंगे एवं जिला मुख्यालय सहित देश के अन्य हिस्सों से जुड़ने में सुविधा उपलब्ध होगी।
उन्होंने कहा कि सूबे के मुखिया नीतीश कुमार ने विधानसभा चुनाव 2020 के दौरान उक्त स्थान पर पुल बनाने का वादा किया था लेकिन आजतक पुल नही बन पाया है। पुल निर्माण के लिए लोगों फिर से य धरना प्रदर्शन आयोजित करने के लिए विवश होना पड़ा। लेकिन सरकार की उदासीनता रवैया के कारण अब तक पुल निर्माण नही हो पा रहा है जिसके मांग को लेकर आज सड़क पर उतरना पड़ा। उन्होंने कहा कि पुल के निर्माण के लिए विधानसभा में भी मुद्दा उठाया गया है। कई बार विभाग का चक्कर लगाया। लेकिन जानबूझकर सरकार पुल बनाने में दिलचस्पी नहीं दिखा रही है।

वहीं इस दौरान पोठिया प्रखण्ड विकास पदाधिकारी छाया कुमारी और पहाड़कट्टा थानाध्यक्ष शिव कुमार प्रसाद ने केटीटीजी मार्ग को जाम को हटाने एवं यातायात बहाल करने के लिए प्रदर्शनकारियों से बातचीत करने के लिए कई प्रयास किए जो विफल रहा। वहीं धरना प्रर्दशन एवं सड़क जाम शनिवार सुबह 08 बजे लेकर शाम 06 बजे तक करीब 10 घंटे चला। देर शाम जिलाधिकारी किशनगंज द्वारा गठित टीम मौके पर पहुंचकर लिखित आश्वासन दिया कि 10 दिनों के अंदर स्थल निरीक्षण कर पुल निर्माण के लिए डीपीआर बना विभाग को रिपोर्ट सौंपा जाएगा। अंत में प्रदर्शनकारियों ने प्रशासन को आगाह किया कि अगर निर्धारित समय पर यथाशीघ्र लोगों की जायज मांग नहीं करती हैं तो यह प्रदर्शन और भी बड़ी होगी। उसके उपरांत धरना प्रर्दशन को खत्म किया गया।