सारस न्यूज टीम, सिलीगुड़ी। पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा चाय बागानों के अस्थाई तथा स्थाई श्रमिकों के दैनिक मजदूरी में 30 और 15 प्रतिशत की वृद्धि किए जाने को लेकर भारतीय जनता पार्टी ने निशाना साधा है। भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता तथा दार्जिलिंग लोकसभा क्षेत्र के सांसद राजू बिष्ट ने इतने कम प्रतिशत में किए गए मजदूरी वृद्धि को भेदभाव-पूर्ण करार दिया है।
मंगलवार को राज्य के श्रम आयुक्त के माध्यम से चाय बागान श्रमिकों के दैनिक मजदूरी वृद्धि को लेकर जारी किए गए आदेश पर सांसद राजू बिष्ट ने अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि राज्य सरकार द्वारा चाय बागान श्रमिकों दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों के मजदूरी में प्रतिदिन 30 रुपये और स्थायी कर्मचारियों मौजूदा सकल वेतन में 15 प्रतिशत की वृद्धि की घोषणा की गई है। यह मामूली वेतन वृद्धि भेदभाव-पूर्ण है, जो दार्जिलिंग पर्वतीय, तराई और डुआर्स क्षेत्र के चाय बागान श्रमिकों के प्रति पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा किए गए घोर अन्याय को उजागर करती है। उन्होंने कहा कि भारतीय संसद में न्यू लेबर कोड को पारित करने के बावजूद, जो आटोमेटिक श्रमिकों के न्यूनतम मजदूरी तथा अन्य सुविधाओं को सुनिश्चित करती है। सांसद राजू बिष्ट का कहना है कि पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस सरकार द्वारा नए लेबर कोड के कार्यान्वयन के लिए नियम बनाने में देरी किए जाने की वजह इसे अभी तक पश्चिम बंगाल में लागू नहीं किया गया है। पश्चिम बंगाल में गैर कुशल श्रमिकों की न्यूनतम दैनिक मजदूरी लगभग 350 रुपये है, जबकि चाय बागान के अत्यधिक कुशल श्रमिकों को उनकी तुलना में काफी कम भुगतान किया जाता है। इस प्रकार नए लेबर कोड के कार्यान्वयन में देरी होने से चाय बागानों और सिनकोना उद्यान श्रमिकों को उनके संवैधानिक रूप सुनिश्चित की गई उचित वेतन के अधिकार से वंचित कर दिया है।
भाजपा प्रवक्ता ने संदेह व्यक्त करते हुए कहा कि सिलीगुड़ी महकमा परिषद चुनाव तथा गोरखालैंड टेरिटोरियल एडमिनिस्ट्रिेशन (जीटीए) की चुनाव घोषित किए जाने के बाद पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी द्वारा चाय बागान श्रमिकों के वेतन में वृद्धि करने की घोषणा करती हैं, तथा इसके बाद मामूली वेतन वृद्धि का आदेश जारी किया जाता है। उन्होंने कहा कि यह आदर्श चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन है। सांसद राजू बिष्ट ने कहा कि जीटीए और सिलीगुड़ी महकमा परिषद दोनों क्षेत्रों में हजारों चाय बागान कर्मचारी हैं। तथाकथित अंतरिम वृद्धि की घोषणा चाय बागान श्रमिकों के सामने आने वाले तीव्र वित्तीय तनाव को दूर करने के इरादे से नहीं की गई है, बल्कि चुनाव प्रभावित करने के उद्देश्य से की गई। जिससे तृणमूल काग्रेस के पक्ष में वोट पड़ सके। भाजपा नेता ने कहा कि पश्चिम बंगाल सरकार तुरंत राज्य में नए लेबर कोड को लागू करे, जो श्रमिकों के वेतन और अतिरिक्त सुविधाएं प्रदान करने में सहायक होगा।
सारस न्यूज टीम, सिलीगुड़ी। पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा चाय बागानों के अस्थाई तथा स्थाई श्रमिकों के दैनिक मजदूरी में 30 और 15 प्रतिशत की वृद्धि किए जाने को लेकर भारतीय जनता पार्टी ने निशाना साधा है। भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता तथा दार्जिलिंग लोकसभा क्षेत्र के सांसद राजू बिष्ट ने इतने कम प्रतिशत में किए गए मजदूरी वृद्धि को भेदभाव-पूर्ण करार दिया है।
मंगलवार को राज्य के श्रम आयुक्त के माध्यम से चाय बागान श्रमिकों के दैनिक मजदूरी वृद्धि को लेकर जारी किए गए आदेश पर सांसद राजू बिष्ट ने अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि राज्य सरकार द्वारा चाय बागान श्रमिकों दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों के मजदूरी में प्रतिदिन 30 रुपये और स्थायी कर्मचारियों मौजूदा सकल वेतन में 15 प्रतिशत की वृद्धि की घोषणा की गई है। यह मामूली वेतन वृद्धि भेदभाव-पूर्ण है, जो दार्जिलिंग पर्वतीय, तराई और डुआर्स क्षेत्र के चाय बागान श्रमिकों के प्रति पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा किए गए घोर अन्याय को उजागर करती है। उन्होंने कहा कि भारतीय संसद में न्यू लेबर कोड को पारित करने के बावजूद, जो आटोमेटिक श्रमिकों के न्यूनतम मजदूरी तथा अन्य सुविधाओं को सुनिश्चित करती है। सांसद राजू बिष्ट का कहना है कि पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस सरकार द्वारा नए लेबर कोड के कार्यान्वयन के लिए नियम बनाने में देरी किए जाने की वजह इसे अभी तक पश्चिम बंगाल में लागू नहीं किया गया है। पश्चिम बंगाल में गैर कुशल श्रमिकों की न्यूनतम दैनिक मजदूरी लगभग 350 रुपये है, जबकि चाय बागान के अत्यधिक कुशल श्रमिकों को उनकी तुलना में काफी कम भुगतान किया जाता है। इस प्रकार नए लेबर कोड के कार्यान्वयन में देरी होने से चाय बागानों और सिनकोना उद्यान श्रमिकों को उनके संवैधानिक रूप सुनिश्चित की गई उचित वेतन के अधिकार से वंचित कर दिया है।
भाजपा प्रवक्ता ने संदेह व्यक्त करते हुए कहा कि सिलीगुड़ी महकमा परिषद चुनाव तथा गोरखालैंड टेरिटोरियल एडमिनिस्ट्रिेशन (जीटीए) की चुनाव घोषित किए जाने के बाद पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी द्वारा चाय बागान श्रमिकों के वेतन में वृद्धि करने की घोषणा करती हैं, तथा इसके बाद मामूली वेतन वृद्धि का आदेश जारी किया जाता है। उन्होंने कहा कि यह आदर्श चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन है। सांसद राजू बिष्ट ने कहा कि जीटीए और सिलीगुड़ी महकमा परिषद दोनों क्षेत्रों में हजारों चाय बागान कर्मचारी हैं। तथाकथित अंतरिम वृद्धि की घोषणा चाय बागान श्रमिकों के सामने आने वाले तीव्र वित्तीय तनाव को दूर करने के इरादे से नहीं की गई है, बल्कि चुनाव प्रभावित करने के उद्देश्य से की गई। जिससे तृणमूल काग्रेस के पक्ष में वोट पड़ सके। भाजपा नेता ने कहा कि पश्चिम बंगाल सरकार तुरंत राज्य में नए लेबर कोड को लागू करे, जो श्रमिकों के वेतन और अतिरिक्त सुविधाएं प्रदान करने में सहायक होगा।
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