19वीं वाहिनी सशस्त्र सीमा बल ठाकुरगंज के एसएसबी जवानों द्वारा झाला गांव के समीप भारतीय कपड़ा जब्त किए जाने के मामले ने तूल पकड़ लिया है। इस संबंध में झाला गांव के निवासी सदानंद पासवान ने एसएसबी के डीआईजी, कमांडेंट से लेकर इसकी लिखित शिकायत एसपी किशनगंज से किया है।
आवेदक सदानंद पासवान का कहना है कि वे 20 -25 हजार रुपये लेकर ठाकुरगंज बाजार से बिल के साथ कपड़े खरीदते है और गांव-गांव घुम कर कपड़े बेचते हैं। जिससे उनके परिवार का भरण पोषण होता है। पर इसी बीच शनिवार की संध्या उनलोगों ने ठाकुरगंज बाजार स्थित ओसवाल स्टोर से जीएसटी बिल के साथ फेरी के लिए कपड़े खरीदा और टोटो से कपड़े लेकर घर जा रहा था कि अपने ही गांव में एसएसबी के जवान अचानक धमक गए और उनके कपड़ो को जब्त करते हुए उनके बेटे मनु पासवान, टोटो चालक उदय कुमार रॉय व अंशु कुमार राजभर को भी ई रिक्शा पर लेकर चले गए और सभी को कस्टम के हवाले कर दिया। उनका कहना है कि जीएसटी बिल दिखाने के बाद भी हमारे बच्चों को नहीं छोड़ा गया। उन्होंने बताया कि वे लोग मजदूर वर्ग से आते है। गांव गांव में फेरी लगाकर कपड़ा बेचते हैं। ऐसी स्थिति में यदि हम गरीबों को परेशान किया जाए तो उनका परिवार उजड़ जाएगा। इस बावत एसएसबी के उप कमांडेंट जीतलाल ने बताया कि चूंकि झाला गांव नेपाल की सीमा से सटा है। इसलिए जवानों द्वारा जब्ती की गई है। वैसे जांच जारी है। यदि सब कुछ सही रहा तो उन्हें छोड़ दिया जाएगा।
सारस न्यूज, किशनगंज।
19वीं वाहिनी सशस्त्र सीमा बल ठाकुरगंज के एसएसबी जवानों द्वारा झाला गांव के समीप भारतीय कपड़ा जब्त किए जाने के मामले ने तूल पकड़ लिया है। इस संबंध में झाला गांव के निवासी सदानंद पासवान ने एसएसबी के डीआईजी, कमांडेंट से लेकर इसकी लिखित शिकायत एसपी किशनगंज से किया है।
आवेदक सदानंद पासवान का कहना है कि वे 20 -25 हजार रुपये लेकर ठाकुरगंज बाजार से बिल के साथ कपड़े खरीदते है और गांव-गांव घुम कर कपड़े बेचते हैं। जिससे उनके परिवार का भरण पोषण होता है। पर इसी बीच शनिवार की संध्या उनलोगों ने ठाकुरगंज बाजार स्थित ओसवाल स्टोर से जीएसटी बिल के साथ फेरी के लिए कपड़े खरीदा और टोटो से कपड़े लेकर घर जा रहा था कि अपने ही गांव में एसएसबी के जवान अचानक धमक गए और उनके कपड़ो को जब्त करते हुए उनके बेटे मनु पासवान, टोटो चालक उदय कुमार रॉय व अंशु कुमार राजभर को भी ई रिक्शा पर लेकर चले गए और सभी को कस्टम के हवाले कर दिया। उनका कहना है कि जीएसटी बिल दिखाने के बाद भी हमारे बच्चों को नहीं छोड़ा गया। उन्होंने बताया कि वे लोग मजदूर वर्ग से आते है। गांव गांव में फेरी लगाकर कपड़ा बेचते हैं। ऐसी स्थिति में यदि हम गरीबों को परेशान किया जाए तो उनका परिवार उजड़ जाएगा। इस बावत एसएसबी के उप कमांडेंट जीतलाल ने बताया कि चूंकि झाला गांव नेपाल की सीमा से सटा है। इसलिए जवानों द्वारा जब्ती की गई है। वैसे जांच जारी है। यदि सब कुछ सही रहा तो उन्हें छोड़ दिया जाएगा।
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