चंदन मंडल, सारस न्यूज़, दार्जिलिंग।
खोरीबाड़ी : जच्चा-बच्चा की मौत के पीछे कहीं न कहीं सरकारी सिस्टम जिम्मेदार है। बतासी प्राथमिक अस्पताल में तीन दिनों से बिजली नहीं होने से मरीजों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा है। यहां तक की मरीजों को दिन में भी इलाज नहीं कर रहे हैं।
गुरुवार की शाम को बतासी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में अपनी दो माह की बच्ची को लेकर आई एक युवती को एक महिला स्वास्थ्य कर्मी द्वारा बिजली नहीं है इलाज नहीं हो पाएगा ऐसा कहकर लौटा दिया गया और कल सुबह आने को कहा गया। स्थानीय सूत्रों ने बताया कि तीन दिनों से लाइट नहीं होने के कारण आने वाले मरीजों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। वहीं बतासी प्राथमिक अस्पताल के एक महिला स्वास्थ्य कर्मी ने कहा कि तीन दिनों से बिजली नहीं होने से हमलोगों को ही काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। बिजली नहीं होने के कारण पानी की समस्या उत्पन्न हो गई है। वहीं बतासी प्राथमिक स्वास्थ्य आपातकालीन में आई उक्त युवती ने कहा कि मैं शाम 5: 30 बजे अपनी दो माह की बेटी को लेकर आई तो एक महिला स्वास्थ्य कर्मी मुझसे पहले पूछा क्या हुआ ? इसके बाद जब मैंने अपनी बच्ची की दिक्कत बताई तो उन्होंने कहा की लाइट नहीं है और अभी लाइट बनाया जा रहा है और डॉक्टर्स वहीं गए हैं। तुम कल आना, लाइट नहीं है और लाइट आने के बाद चेक किया जायेगा।
इस संबंध में खोरीबाड़ी बीएमओएच डां. सफीउल आलम से फोन बात करने पर जब पूछा गया कि बतासी अस्पताल में तीन दिनों से लाइट नहीं है? तो उन्होंने कहा लाइट तो है। इन्वर्टर का भी व्यवस्था नहीं है क्या ? तो उन्होंने कहा सबचीज का व्यवस्था है। ये सब रिपोर्ट आपको कौन करता है। सवाल यहां यह उठता है कि अगर बतासी प्राथमिक अस्पताल में सब व्यवस्था है तो फिर शाम में बतासी स्वास्थ्य आपातकालीन में गई उक्त युवती को क्यों लाइट नहीं है, एक महिला स्वास्थ्य कर्मी द्वारा कहकर लौटा दिया गया ? या फिर उक्त महिला स्वास्थ्य कर्मी द्वारा झूठ बोला गया कि लाइट नहीं है और लाइट नहीं होने से हमलोगों को पानी की समस्या उत्पन्न हो गई है या फिर बतासी अस्पताल में इन्वर्टर का व्यवस्था नहीं है। इस तरह के कई सवाल लोगों के मन में उठ रहे हैं।
