मणिपुर में भूस्खलन से शहीद हुए कर्सियांग क्षेत्र के शहीद होनेवाले कुल चार गोरखा जवानों के पार्थिव शरीर को लाव-लश्कर के साथ बागडोगरा, बेंगडूबी से सड़क मार्ग होते हुए दोपहर तकरीबन ढ़ाई बजे से चार बजे के बीच एक-एक कर पहुंचाया गया। कर्सियांग मोटर स्टैंड में कर्सियांग वासियों की ओर से आयोजित एक श्रद्धांजलि कार्यक्रम के तहत श्रद्धांजलि अर्पित की गई। शहीदों के पार्थिव शरीर कर्सियांग मोटर स्टैंड पहुंचते ही कर्सियांग वासियों ने शहीदों का नमन करते हुए श्रद्धांजलि अर्पण किया व वीर शहीद अमर रहे जैसे गगनभेदी नारेबाजी की। श्रद्धांजलि कार्यक्रम का संचालन आशा मुखिया लामा ने किया।
इस दौरान दोपहर तकरीबन ढ़ाई बजे कर्सियांग मोटर स्टैंड में चुंगथुंग, दार्जिलिंग निवासी शहीद नायक दिवाकर थापा (राना) का पार्थिव शरीर पहुंचा। इसके एक घंटे बाद कर्सियांग के गौरीशंकर चाय बागान निवासी शहीद हवलदार बेद्यान राई, दार्जिलिंग के सिंहमारी, नवीन ग्राम निवासी शहीद मार्कुस गुरूंग व हैप्पी वैली, सिरूवारी, दार्जिलिंग निवासी शहीद भूपेन राई का पार्थिव शरीर क्रमशः यहां पहुंचा।
कर्सियांग मोटर स्टैंड में कर्सियांग वासियों द्वारा शहीदों को नमन करते हुए श्रद्धांजलि अर्पित करने के बाद शहीदों के वाहनों के लाव-लश्कर को उनकी गंतव्य की ओर प्रस्थान किया गया। शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए कर्सियांग मोटर स्टैंड में काफी तादाद में कर्सियांग वासियों सहित भूतपूर्व सैनिकों की भीड़ जमी थी। जानकारी अनुसार कर्सियांग के रोहिणी गैरी गांव निवासी शहीद हवलदार मिलन तामंग के पार्थिव शरीर को बेंगडूबी में संपूर्ण औपचारिकता पूर्ण करने के बाद सीधे उनके पैतृक आवास रोहिणी गैरी गांव में पहुंचाया गया। आज शनिवार उनका पूरे सैन्य सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया गया।
गौरीशंकर चाय बागान निवासी शहीद हवलदार बेद्यान राई की अंतिम संस्कार रविवार 3 जुलाई के दिन किया जायेगा।
भारतीय गोरखा प्रजातांत्रिक मोर्चा के संस्थापक अध्यक्ष अनित थापा ने सुबह बागडोगरा, बेंगडूबी पहुंचकर वीर योद्धाओं को पुष्प अर्पित करते हुए अंतिम विदाई दी। इनके आह्वान पर वीर योद्धाओं के प्रति श्रद्धांजलि अर्पण करते हुए पहाड़ी क्षेत्रों के दार्जिलिंग, कर्सियांग, कालिमपोंग आदि शहरों में घर-घर में सायं मोमबत्ती जलाए गए। उन्होंने कहा कि मैं शोक संतप्त परिवार के साथ खड़ा हूं। मणिपुर में भूस्खलन के चपेट में पड़कर अपने प्राण गंवानेवाले जवान वीर जवान हैं। उनकी मृत्यु ने परिवार में बड़ी क्षति पहुंचाया है। हम वह क्षतिपूर्ति तो नहीं कर सकते, परंतु उनके साथ हम हैं।
सारस न्यूज, दार्जिलिंग।
मणिपुर में भूस्खलन से शहीद हुए कर्सियांग क्षेत्र के शहीद होनेवाले कुल चार गोरखा जवानों के पार्थिव शरीर को लाव-लश्कर के साथ बागडोगरा, बेंगडूबी से सड़क मार्ग होते हुए दोपहर तकरीबन ढ़ाई बजे से चार बजे के बीच एक-एक कर पहुंचाया गया। कर्सियांग मोटर स्टैंड में कर्सियांग वासियों की ओर से आयोजित एक श्रद्धांजलि कार्यक्रम के तहत श्रद्धांजलि अर्पित की गई। शहीदों के पार्थिव शरीर कर्सियांग मोटर स्टैंड पहुंचते ही कर्सियांग वासियों ने शहीदों का नमन करते हुए श्रद्धांजलि अर्पण किया व वीर शहीद अमर रहे जैसे गगनभेदी नारेबाजी की। श्रद्धांजलि कार्यक्रम का संचालन आशा मुखिया लामा ने किया।
इस दौरान दोपहर तकरीबन ढ़ाई बजे कर्सियांग मोटर स्टैंड में चुंगथुंग, दार्जिलिंग निवासी शहीद नायक दिवाकर थापा (राना) का पार्थिव शरीर पहुंचा। इसके एक घंटे बाद कर्सियांग के गौरीशंकर चाय बागान निवासी शहीद हवलदार बेद्यान राई, दार्जिलिंग के सिंहमारी, नवीन ग्राम निवासी शहीद मार्कुस गुरूंग व हैप्पी वैली, सिरूवारी, दार्जिलिंग निवासी शहीद भूपेन राई का पार्थिव शरीर क्रमशः यहां पहुंचा।
कर्सियांग मोटर स्टैंड में कर्सियांग वासियों द्वारा शहीदों को नमन करते हुए श्रद्धांजलि अर्पित करने के बाद शहीदों के वाहनों के लाव-लश्कर को उनकी गंतव्य की ओर प्रस्थान किया गया। शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए कर्सियांग मोटर स्टैंड में काफी तादाद में कर्सियांग वासियों सहित भूतपूर्व सैनिकों की भीड़ जमी थी। जानकारी अनुसार कर्सियांग के रोहिणी गैरी गांव निवासी शहीद हवलदार मिलन तामंग के पार्थिव शरीर को बेंगडूबी में संपूर्ण औपचारिकता पूर्ण करने के बाद सीधे उनके पैतृक आवास रोहिणी गैरी गांव में पहुंचाया गया। आज शनिवार उनका पूरे सैन्य सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया गया।
गौरीशंकर चाय बागान निवासी शहीद हवलदार बेद्यान राई की अंतिम संस्कार रविवार 3 जुलाई के दिन किया जायेगा।
भारतीय गोरखा प्रजातांत्रिक मोर्चा के संस्थापक अध्यक्ष अनित थापा ने सुबह बागडोगरा, बेंगडूबी पहुंचकर वीर योद्धाओं को पुष्प अर्पित करते हुए अंतिम विदाई दी। इनके आह्वान पर वीर योद्धाओं के प्रति श्रद्धांजलि अर्पण करते हुए पहाड़ी क्षेत्रों के दार्जिलिंग, कर्सियांग, कालिमपोंग आदि शहरों में घर-घर में सायं मोमबत्ती जलाए गए। उन्होंने कहा कि मैं शोक संतप्त परिवार के साथ खड़ा हूं। मणिपुर में भूस्खलन के चपेट में पड़कर अपने प्राण गंवानेवाले जवान वीर जवान हैं। उनकी मृत्यु ने परिवार में बड़ी क्षति पहुंचाया है। हम वह क्षतिपूर्ति तो नहीं कर सकते, परंतु उनके साथ हम हैं।
Leave a Reply