सारस न्यूज़ टीम, किशनगंज।
- 03 एडवांस लाइफ सपोर्ट एंबुलेंस एवं 03 बेसिक लाइफ सपोर्ट एंबुलेंस है शामिल।
किशनगंज जिला पदाधिकारी श्रीकांत शास्त्री ने मंगलवार को 06 नए एम्बुलेंस को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। जिले में स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने के उद्देश्य से बिहार सरकार द्वारा प्राप्त 102 एम्बुलेंस सेवा के तहत 03 एडवांस लाइफ सपोर्ट एम्बुलेंस एवं 03 बेसिक लाइफ सपोर्ट एंबुलेंस को जिला पदाधिकारी श्रीकांत शास्त्री ने हरी झंडी दिखाकर जिले के विभिन्न स्वास्थ्य केन्द्रों के लिए रवाना किया।
ज्ञात हो की जिले में पूर्व से 19 एम्बुलेंस संचालित हैं। वहीं पूर्व में संचालित एंबुलेंस के जर्जर होने के कारण स्वास्थ्य केंद्र को पुरानी एम्बुलेंस के स्थान पर एक नई एम्बुलेंस आवंटित की गई हैं। उल्लेखनीय है मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने गत दिनों 534 एम्बुलेंस गाड़ियों को सूबे के विभिन्न जिलों के लिए रवाना किया था। इस दौरान जिलाधिकारी श्रीकांत शास्त्री ने बताया स्वास्थ्य केन्द्रों को नई एम्बुलेंस मिलने से अब मरीजों व सड़क हादसों में घायलों को समय से अस्पताल पहुंचाया जा सकेगा। जिला पदाधिकारी रवाना करने के पूर्व एम्बुलेंस के अंदर की व्यवस्थाओं एवं कार्यप्रणाली की जानकारी ली। इस दौरान उन्होंने कहा कि यह बहुत खुशी की बात है, कि आमलोगों को बेहतर एम्बुलेंस सेवा उपलब्ध कराने के उद्देश्य से 06 नई एम्बुलेंस का आमलोगों को सपुर्द किया जा रहा है। उक्त कार्यक्रम में मुख्य रूप से सिविल सर्जन डॉ कौशल किशोर, एसीएमओ डॉ सुरेश प्रशाद, जिला योजना समन्वयक विश्वजीत कुमार, एवं एनी स्वास्थ्यकर्मी उपस्थित थे। जिले के लिए वरदान साबित होंगी।
एम्बुलेंस आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए जिला पदाधिकारी श्रीकांत शास्त्री ने बताया की जिले को कुल 06 एम्बुलेंस आवंटित किया गया है। इसमें से 03 एडवांस लाइफ सपोर्ट एम्बुलेंस जिला सदर अस्पताल, ठाकुरगंज एवं बहादुरगंज सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों के लिए है। इस एम्बुलेंस में ऑक्सीजन सुविधा के साथ-साथ वेंटिलेटर, डिफिब्रीलेटर-सह-कॉर्डियक मॉनिटर, सेन्ट्रल वेन कैथेटर्स आदि की सुविधा उपलब्ध होती है। इस प्रकार एक एडवांस लाइफ सपोर्ट एंबुलेंस चलंत वाहन चिकित्सा कक्ष की तरह कार्य करता है। शेष 03 बेसिक लाइफ सपोर्ट एम्बुलेंस हैं। जिसे पोठिया, कोचाधामन एवं टेढ़ागाछ प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों को दिया गया है। जो ऑक्सीजन सुविधायुक्त वैसे एम्बुलेंस होते हैं जिनका उपयोग सामान्य रोगियों के परिवहन में किया जाता है। उक्त एम्बुलेंस एकीकृत रेफरल ट्रांसपोर्ट प्रणाली से संचालित जननी एवं 102 एवं 112 एम्बुलेंस एप के माध्यम से घर में बुलाई जा सकती हैं। यह उन लोगों के लिए वरदान साबित होंगी जो सड़क दुर्घटना में घायल हो जाते हैं। साथ ही ऐसे मरीज जिन्हें जिला या स्वास्थ्य केन्द्र स्तर पर रेफर किया जाता है। पूर्व में जो गाड़ियां थीं वे पुरानी हो गई थी।अब यह नई गाड़ियां मरीजों के लिए वरदान होंगी। इनमें से कुछ गाड़ियों में आधुनिक चिकित्सा प्रणाली के उपकरण लगाए गए हैं जिनमें तत्काल मरीज को मदद मिल सकेगी।
गर्भवती, शिशुओं, गंभीर रूप से बीमारों को होगा फायदा:-
सिविल सर्जन डॉ कौशल किशोर ने कहा कि इन एम्बुलेंसों के परिचालन से आपातकालीन स्वास्थ्य परिवहन सेवा में गुणात्मक सुधार होगा और आम लोगों को इसका काफी लाभ प्राप्त होगा। उन्होंने कहा कि यह जो काम हुआ है, वह बहुत ही अच्छा हुआ है। ग्रामीण क्षेत्रों एवं शहरी क्षेत्रों के मरीजों को समय सीमा के अंदर आपात कालीन स्वास्थ्य परिवहन सेवा उपलब्ध होने से काफी सहूलियत होगी। इस पहल से मरीजों को उच्चतर इलाज की सुविधा वाले अस्पतालों में ले जाने काफी सुविधा होगी। ग्रामीण क्षेत्रों की गर्भवती माताओं, बीमार शिशुओं, गंभीर रूप से बीमार मरीजों एवं दुर्घटनाग्रस्त मरीजों की इससे तत्काल स्वास्थ्य सहायता उपलब्ध हो सकेगी।