खोरीबाड़ी : भारत-नेपाल सीमा पर स्थित एसएसबी 41वीं वाहिनी के भातगांव कंपनी के ऊपर बरसात आने से कटाव के संकट मंडराने लगे हैं। बताते चले कि एसएसबी 41वीं वाहिनी रानीडांगा अंतर्गत भातगांव कंपनी भारत-नेपाल सीमा पर प्रवाहित मेची नदी तट पर स्थित है। पहाड़ी नदी होने के कारण वर्षा के मौसम में नदी का जलस्तर काफी बढ़ जाता है और मेची नदी का रौद्र रूप हर वर्ष देखने को मिलता है। साथ ही नदी का जलस्तर बढ़ने व अत्यधिक तेज प्रवाह होने के कारण प्रति वर्ष कटाव भी होती है। अगर जल्द ही उक्त कैम्प के उत्तरी हिस्से में बोल्डर से तट निर्माण नही किया गया तो बाढ़ में कैम्प का आधा भाग नदी अपने साथ बहा कर ले जाएगी। जिससे एसएसबी जवानों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। एसएसबी रानीडांगा 41वीं वाहिनी के कमांडेंट सुभाष चंद नेगी ने भातगांव कैम्प के उत्तरी हिस्से में हो रही कटाव पर चिंता जताई है। चुकी मानसून आने में अब कुछ ही समय बचा है। हालांकि उन्होंने बताया कि इसकी सूचना संबंधित पदाधिकारियों को दे दी गई है। लेकिन अबतक तटबंध कार्य शुरू नहीं हुआ है। जिसके कारण उन्होंने चिंता जताई है। उन्होंने कहा अगर जल्द ही मेची नदी से बचाव के लिए बांध नहीं बनाया गया तो एसएसबी की कंपनी की कटाव व जवान खतरे में आ सकता है। उन्होंने कहा मेची नदी का जलस्तर बढ़ने के खतरे को देखते हुए कैम्प के उत्तरी हिस्से में एसएसबी स्वयं बोरी में भड़कर तटबंध का कार्य कर रही है।
चंदन मंडल, सारस न्यूज, खोरीबाड़ी।
खोरीबाड़ी : भारत-नेपाल सीमा पर स्थित एसएसबी 41वीं वाहिनी के भातगांव कंपनी के ऊपर बरसात आने से कटाव के संकट मंडराने लगे हैं। बताते चले कि एसएसबी 41वीं वाहिनी रानीडांगा अंतर्गत भातगांव कंपनी भारत-नेपाल सीमा पर प्रवाहित मेची नदी तट पर स्थित है। पहाड़ी नदी होने के कारण वर्षा के मौसम में नदी का जलस्तर काफी बढ़ जाता है और मेची नदी का रौद्र रूप हर वर्ष देखने को मिलता है। साथ ही नदी का जलस्तर बढ़ने व अत्यधिक तेज प्रवाह होने के कारण प्रति वर्ष कटाव भी होती है। अगर जल्द ही उक्त कैम्प के उत्तरी हिस्से में बोल्डर से तट निर्माण नही किया गया तो बाढ़ में कैम्प का आधा भाग नदी अपने साथ बहा कर ले जाएगी। जिससे एसएसबी जवानों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। एसएसबी रानीडांगा 41वीं वाहिनी के कमांडेंट सुभाष चंद नेगी ने भातगांव कैम्प के उत्तरी हिस्से में हो रही कटाव पर चिंता जताई है। चुकी मानसून आने में अब कुछ ही समय बचा है। हालांकि उन्होंने बताया कि इसकी सूचना संबंधित पदाधिकारियों को दे दी गई है। लेकिन अबतक तटबंध कार्य शुरू नहीं हुआ है। जिसके कारण उन्होंने चिंता जताई है। उन्होंने कहा अगर जल्द ही मेची नदी से बचाव के लिए बांध नहीं बनाया गया तो एसएसबी की कंपनी की कटाव व जवान खतरे में आ सकता है। उन्होंने कहा मेची नदी का जलस्तर बढ़ने के खतरे को देखते हुए कैम्प के उत्तरी हिस्से में एसएसबी स्वयं बोरी में भड़कर तटबंध का कार्य कर रही है।
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