शुक्रवार को प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, ठाकुरगंज में सघन दस्त नियंत्रण पखवाड़ा कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ अनिल कुमार, सीडीपीओ जीनत यासमीन, बीएचएम वसंत कुमार, बीसीएम कौशल कुमार आदि ने संयुक्त रूप से फीता काट कर किया। इस मौके पर प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ अनिल कुमार ने बताया कि बरसात के मौसम में दूषित पानी पीने से कीटाणु पेट में चले जाते हैं, जिससे दस्त लगने की आशंका अधिक रहती है। उन्होंने कहा कि उल्टी-दस्त की बीमारी बच्चों के लिए बहुत ही खतरनाक और जानलेवा होती है। उन्होंने साफ-सफाई से रहने, ताजा भोजन करने एवं पानी उबालकर अथवा क्लोरीन की गोलियां डालकर साफ पानी पीने की सलाह दी।
बीएचएम वसंत कुमार ने बताया कि गर्मी के मौसम में डायरिया का प्रकोप बढ़ जाता है, ऐसे में जरूरी है कि शरीर में पानी की कमी न होने दें। शरीर को लगातार हाईड्रेट करते रहें। उन्होंने बताया कि डायरिया के मामले में ओआरएस का घोल और जिंक की गोली रामबाण की तरह काम करती है। स्वास्थ्य विभाग के निर्देश पर 15 जुलाई से 30 जुलाई तक दस्त नियंत्रण पखवाड़ा चलाया जा रहा है। इस पखवाड़े में आशा कार्यकर्ता आंगनबाड़ी केंद्र, उप स्वास्थ्य केंद्र व घर-घर जाकर डायरिया पीड़ितों को ओआरएस के पैकेट और जिंक की गोली वितरित करेंगी। आशा कार्यकर्ता घर-घर जाकर पांच वर्ष तक की आयु वाले सभी बच्चों के घर में ओआरएस के पैकेट और जिंक की गोलियां वितरित करेंगी। इसके अलावा बच्चों वाले घरों में ओआरएस का घोल तैयार करने की विधि भी बताएंगी ताकि जरूरत पड़ने पर घर में घोल तैयार कर बच्चे को दिया जा सके।
इस मौके पर बीएमसी मो एजाज अंसारी, महिला पर्यवेक्षिका नीतू कुमारी, अराधना कुमारी, एएनएम सुनीता कुमारी, आशा फेसीलेटर पिंकी झा, सुनीता देवी प्रखंड मूल्यांकन एवं अनुश्रवण सहायक अखिल प्रसून आदि सहित अन्य स्वास्थ्य कर्मी मौजुद थे।
सारस न्यूज, किशनगंज।
शुक्रवार को प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, ठाकुरगंज में सघन दस्त नियंत्रण पखवाड़ा कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ अनिल कुमार, सीडीपीओ जीनत यासमीन, बीएचएम वसंत कुमार, बीसीएम कौशल कुमार आदि ने संयुक्त रूप से फीता काट कर किया। इस मौके पर प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ अनिल कुमार ने बताया कि बरसात के मौसम में दूषित पानी पीने से कीटाणु पेट में चले जाते हैं, जिससे दस्त लगने की आशंका अधिक रहती है। उन्होंने कहा कि उल्टी-दस्त की बीमारी बच्चों के लिए बहुत ही खतरनाक और जानलेवा होती है। उन्होंने साफ-सफाई से रहने, ताजा भोजन करने एवं पानी उबालकर अथवा क्लोरीन की गोलियां डालकर साफ पानी पीने की सलाह दी।
बीएचएम वसंत कुमार ने बताया कि गर्मी के मौसम में डायरिया का प्रकोप बढ़ जाता है, ऐसे में जरूरी है कि शरीर में पानी की कमी न होने दें। शरीर को लगातार हाईड्रेट करते रहें। उन्होंने बताया कि डायरिया के मामले में ओआरएस का घोल और जिंक की गोली रामबाण की तरह काम करती है। स्वास्थ्य विभाग के निर्देश पर 15 जुलाई से 30 जुलाई तक दस्त नियंत्रण पखवाड़ा चलाया जा रहा है। इस पखवाड़े में आशा कार्यकर्ता आंगनबाड़ी केंद्र, उप स्वास्थ्य केंद्र व घर-घर जाकर डायरिया पीड़ितों को ओआरएस के पैकेट और जिंक की गोली वितरित करेंगी। आशा कार्यकर्ता घर-घर जाकर पांच वर्ष तक की आयु वाले सभी बच्चों के घर में ओआरएस के पैकेट और जिंक की गोलियां वितरित करेंगी। इसके अलावा बच्चों वाले घरों में ओआरएस का घोल तैयार करने की विधि भी बताएंगी ताकि जरूरत पड़ने पर घर में घोल तैयार कर बच्चे को दिया जा सके।
इस मौके पर बीएमसी मो एजाज अंसारी, महिला पर्यवेक्षिका नीतू कुमारी, अराधना कुमारी, एएनएम सुनीता कुमारी, आशा फेसीलेटर पिंकी झा, सुनीता देवी प्रखंड मूल्यांकन एवं अनुश्रवण सहायक अखिल प्रसून आदि सहित अन्य स्वास्थ्य कर्मी मौजुद थे।
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