दार्जिलिंग लोकसभा क्षेत्र के सांसद व भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता राजू बिष्ट ने सोमवार को संसद में चाय बागानों व सिनकोना बागान के श्रमिकों को प्रजा पट्टा व जमीन का अधिकार पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा नहीं दिए जाने का उठाया। बिष्ट ने कहा कि सोमवार को संसद के नियम 377 के केंद्र सरकार से दार्जिलिंग पार्वत्य क्षेत्र, तराई और डुआर्स क्षेत्र के चाय बागान और सिनकोना बागान के श्रमिकों को प्रजा पट्टा और जमीन का अधिकार देने के लिए आवश्यक कार्रवाई करने का आग्रह किया।
बिष्ट ने अपने भाषण की शुरुआत 107 बटालियन टेरिटोरियल आर्मी (11 गोरखा राइफल्स) के बहादुर जवानों को याद करते हुए की, जो हाल ही में मणिपुर लैंडस्लाइड में शहीद हो गए थे। बिष्ट ने सदन का ध्यान वाणिज्य और संसदीय स्थायी समिति की 171वीं रिपोर्ट की ओर आकर्षित किया, जिसका शीर्षक ‘भारतीय चाय उद्योग को विशेष रूप से दार्जिलिंग क्षेत्र के प्रभावित करने वाले मुद्दे’ था। उन्हें सूचित किया कि समिति ने दार्जिलिंग हिल्स, तराई और डूआर्स क्षेत्र मे चाय उद्योग को प्रभावित करने वाली गंभीर समस्याओं को पाया है। उनमें से मुख्य उन श्रमिकों के लिए प्रजा पट्टा और भूमि अधिकारों से वंचित होना है। बिष्ट ने कहा कि चाय मजदूरों का अपनी जमीन पर न केवल जीने के लिए बल्कि अपने मृत परिवार के सदस्यों को दफनाने के अधिकारों के लिए निरंतर संघर्ष करना पड़ता है। उन्होंने संसद को सूचित किया कि समिति ने सिफारिश की है कि एक विशिष्ट कानून बनाने की आवश्यकता है जो चाय श्रमिकों के अधिकारों और उनकी पैतृक भूमि और संसाधनों के स्वामित्व को मान्यता देता हो। इसलिए मैंने केंद्र सरकार से एक कानून बनाने का अनुरोध किया है जो चाय बागानों के लिए न्याय सुनिश्चित करने के लिए वन अधिकार अधिनियम (2006) की तर्ज पर वृक्षारोपण अधिकार अधिनियम के माध्यम से हमारे चाय बागान और सिनकोना गार्डन श्रमिकों के लिए प्रजा पट्टा के अधिकारों की गारंटी देगा।
भाजपा सांसद ने कहा कि पश्चिम बंगाल में तृणमूल सरकार बागान श्रमिकों को प्रजा पट्टा के अधिकार से वंचित करने की कोशिश कर सकती है और मुझे पता है कि न्याय के लिए हमारा संघर्ष लंबा होगा, लेकिन मुझे यह भी विश्वास है कि सभी के समर्थन और एकजुटता के साथ हम जीतेंगे और चाय के बागानों और सिनकोना बागानों में मेहनत करने वाली बहनों और भाइयों को उनकी जमीन का प्रजा पट्टा मिलेगा। उन्होंने कहा कि मैं आप सभी को विश्वास दिलाता हूं जब तक हमारे सभी चाय और सिनकोना बागान के परिवारों को प्रजा पट्टा नहीं दिया जाता, तब तक मैं चैन से नहीं बैठने वाला नहीं हूं।
सारस न्यूज, सिलिगुड़ी।
दार्जिलिंग लोकसभा क्षेत्र के सांसद व भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता राजू बिष्ट ने सोमवार को संसद में चाय बागानों व सिनकोना बागान के श्रमिकों को प्रजा पट्टा व जमीन का अधिकार पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा नहीं दिए जाने का उठाया। बिष्ट ने कहा कि सोमवार को संसद के नियम 377 के केंद्र सरकार से दार्जिलिंग पार्वत्य क्षेत्र, तराई और डुआर्स क्षेत्र के चाय बागान और सिनकोना बागान के श्रमिकों को प्रजा पट्टा और जमीन का अधिकार देने के लिए आवश्यक कार्रवाई करने का आग्रह किया।
बिष्ट ने अपने भाषण की शुरुआत 107 बटालियन टेरिटोरियल आर्मी (11 गोरखा राइफल्स) के बहादुर जवानों को याद करते हुए की, जो हाल ही में मणिपुर लैंडस्लाइड में शहीद हो गए थे। बिष्ट ने सदन का ध्यान वाणिज्य और संसदीय स्थायी समिति की 171वीं रिपोर्ट की ओर आकर्षित किया, जिसका शीर्षक ‘भारतीय चाय उद्योग को विशेष रूप से दार्जिलिंग क्षेत्र के प्रभावित करने वाले मुद्दे’ था। उन्हें सूचित किया कि समिति ने दार्जिलिंग हिल्स, तराई और डूआर्स क्षेत्र मे चाय उद्योग को प्रभावित करने वाली गंभीर समस्याओं को पाया है। उनमें से मुख्य उन श्रमिकों के लिए प्रजा पट्टा और भूमि अधिकारों से वंचित होना है। बिष्ट ने कहा कि चाय मजदूरों का अपनी जमीन पर न केवल जीने के लिए बल्कि अपने मृत परिवार के सदस्यों को दफनाने के अधिकारों के लिए निरंतर संघर्ष करना पड़ता है। उन्होंने संसद को सूचित किया कि समिति ने सिफारिश की है कि एक विशिष्ट कानून बनाने की आवश्यकता है जो चाय श्रमिकों के अधिकारों और उनकी पैतृक भूमि और संसाधनों के स्वामित्व को मान्यता देता हो। इसलिए मैंने केंद्र सरकार से एक कानून बनाने का अनुरोध किया है जो चाय बागानों के लिए न्याय सुनिश्चित करने के लिए वन अधिकार अधिनियम (2006) की तर्ज पर वृक्षारोपण अधिकार अधिनियम के माध्यम से हमारे चाय बागान और सिनकोना गार्डन श्रमिकों के लिए प्रजा पट्टा के अधिकारों की गारंटी देगा।
भाजपा सांसद ने कहा कि पश्चिम बंगाल में तृणमूल सरकार बागान श्रमिकों को प्रजा पट्टा के अधिकार से वंचित करने की कोशिश कर सकती है और मुझे पता है कि न्याय के लिए हमारा संघर्ष लंबा होगा, लेकिन मुझे यह भी विश्वास है कि सभी के समर्थन और एकजुटता के साथ हम जीतेंगे और चाय के बागानों और सिनकोना बागानों में मेहनत करने वाली बहनों और भाइयों को उनकी जमीन का प्रजा पट्टा मिलेगा। उन्होंने कहा कि मैं आप सभी को विश्वास दिलाता हूं जब तक हमारे सभी चाय और सिनकोना बागान के परिवारों को प्रजा पट्टा नहीं दिया जाता, तब तक मैं चैन से नहीं बैठने वाला नहीं हूं।
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