चंदन मंडल, सारस न्यूज़, नक्सलबाड़ी।
ए भाई जरा देख के चलो, आगे ही नहीं पीछे भी, दाएं ही नहीं, बाएं भी.. बहुत गड्ढे हैं इन राहों पर। मेरा नाम जोकर (राजकपूर की फिल्म) का यह वर्षों पुराना गाना नक्सलबाडी़ रेलवे स्टेशन के प्रेम नगर की सड़क पर सन 2022 में भी सटीक बैठता है। क्योंकि यहां पर सावधानी हटी दुर्घटना घटी के हालात हैं, और लोगों की जान पर बन आती हैं, मगर संबंधित विभाग आंखें मूंदे हुए हैं। अभी बारिश के दिनों में जलजमाव की समस्या से जूझे रहे लोगों के लिए अब सड़कों में बने गड्ढे परेशानी का सबब बन रहे हैं। नेता इन गड्ढों के जरिये भले ही सियासत कर रहे हैं, लेकिन आम लोग और वाहन चालक सड़कों में बने गड्ढों से दुर्घटना की आंशका भी है।
स्थानीय लोगों ने बताया कि थोड़ी बारिश होने पर भी पानी सड़क पर जमा हो जाता है। सड़क पर जब पानी भर जाता है तो उसमें बने गड्ढे नहीं दिखते हैं। ऐसे में पैदल यात्री और वाहन चालक इन गड्ढों में गिरकर चोटिल हो सकते हैं। स्थानीय लोगों के अनुसार, इस समस्या के समाधान के लिए कोई संबंधित विभाग के अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों सुध लेने नहीं पहुंचे हैं। सड़कों में बने गड्ढों को नहीं भरा जा रहा है। स्थानीय लोगों ने बताया कि नक्सलबाडी़ रेलवे स्टेशन के करीब प्रेम नगर में एक रेलवे का ही रास्ता है । सबसे बड़ी बात यह है कि करीब 20 वर्ष से अधिक समय से बदहाल स्थिति में पड़ी हुई है। बावजूद आजतक एक बार भी इस सड़क की मरम्मत नहीं की गयी। जबकि ट्रेन पकड़ने तथा स्टेशन आने – जाने के लिए वही एक मात्र माध्यम है।
इसपर रेलवे विभाग व स्थानीय नेता कोई ठोस कदम उठाने में असमर्थ हैं । बताते चलें कि कि नक्सलबाडी़ रेलवे स्टेशन से दिल्ली ,राजेन्द्रनगर, कटिहार सिलीगुडी़ इंटरसिटी समेत करीब दस ट्रेनें रोज चलती है ऐसे में सड़क की जर्जर हालत से लोगों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। सिलीगुडी़ – आलुआबाडी़ तक रेलवे को इलेक्ट्रॉनिक करने का काम चल रहा है। साथ ही डबल लाइन करने की बात हो रही है। सड़क पर इतने बड़े गड्ढे है कि एक दिन बरसात के बाद एक हफ्ते तक गड्ढों में जलजमाव होता रहता है। इस संबंध में सिलीगुड़ी महकमा परिषद के सभाधिपति अरुण घोष ने कहा कि प्रेमनगर का यह सड़क रेलवे के अंतर्गत आता है। रेलवे विभाग को इस सड़क की मरम्मत करनी चाहिए थी। अगर रेलवे एनओसी देगा तो सड़क का मरम्मत किया जायेगा। वहीं इस संबंध में रेल विभाग के अधिकारीक सूत्रों ने बताया कि इस सड़क की समस्या को लेकर स्टेशन के आसपास इलाके के लोगों लिखित देने के लिए बोला गया है लेकिन स्थानीय लोगों ने अभी तक लिखकर नहीं दिया है। अगर स्थानीय लोग नक्सलबाड़ी स्टेशन में लिखित रूप में शिकायत करें तो लोग हमलोग रेलवे के वरीय अधिकारियों के पास फॉरवर्ड कर देंगे।
बहरहाल, यदि आप नक्सलबाडी़ रेलवे स्टेशन के प्रेम नगर की सड़क पर हैं तो आप भी मेरी तरह यह गाना गुनगुना कर आसानी से सड़क पार कर सकते हैं। आइये मेरे साथ गाइये – ए भाई जरा देख के चलो, आगे ही नहीं पीछे भी, दाएं ही नहीं, बाएं भी…..
