ठाकुरगंज भारत – नेपाल सीमावर्ती क्षेत्र के कादोगांव, सोनी भट्ठा और भट्ठा चौक इन दिनों तस्करी का मुख्य अड्डा बन गया है। जहां दिन के उजाले से सूरज डूबने तक पिकअप के माध्यम से कपड़ा, चीनी जैसे कई सामानों को स्टॉक कर रात के अंधेरे में सीमा पार कराया जाता है। सुरक्षा में खड़े सीमा पर तैनात एसएसबी को शायद इस बात की सुध तक नहीं है या फिर ऐसा कहा जाए कि सीमावर्ती क्षेत्र का कादोगांव सुढीभिठ्ठा, भट्ठा चौक आदि सीमावर्ती क्षेत्र तस्करों के लिए स्वर्ग बन गया है तो गलत नहीं होगा।
प्राप्त जानकारी के अनुसार प्रखंड के तातपौआ पंचायत और बंदर झूला पंचायत के सीमावर्ती क्षेत्र पर प्रतिदिन दर्जनों पिकअप से तस्करी का कपड़ा, खाद्य, चीनी आदि घरेलू समान की आपूर्ति की जाती है। सीमावर्ती क्षेत्र पर उतारकर साइकिल और मोटरसाइकिल के सहारे सीमा पार कराया जाता है पर नेपाल सीमा की सुरक्षा में खड़े सशस्त्र सीमा बल के जवानों को खबर नहीं लगती है। इस बात पर विश्वास करना मुनासिब नहीं है। इस संबंध में एसएसबी आईजी रानीडंगा अमित कुमार से पूछने पर उन्होंने बताया कि नेपाल सीमा खुली होने के कारण तस्करों का मनोबल तो बढ़ा ही रहता है। हालांकि हमारे जवान समय-समय पर तस्करी के सामानों को जप्त किया करते हैं। पर तस्कर खुली सीमा के कारण रास्ता बदल बदल कर तस्करी को अंजाम देते हैं। एसएसबी जवानों के द्वारा लगातार कार्रवाई भी की जा रही है पिछले कई महीनों में कई तस्करों को सलाखों के पीछे भेजा गया है जो आगे भी जारी रहेगा तस्करी रोकने के लिए एसएसबी के जवान हमेशा तत्पर है।
सारस न्यूज, ठाकुरगंज।
ठाकुरगंज भारत – नेपाल सीमावर्ती क्षेत्र के कादोगांव, सोनी भट्ठा और भट्ठा चौक इन दिनों तस्करी का मुख्य अड्डा बन गया है। जहां दिन के उजाले से सूरज डूबने तक पिकअप के माध्यम से कपड़ा, चीनी जैसे कई सामानों को स्टॉक कर रात के अंधेरे में सीमा पार कराया जाता है। सुरक्षा में खड़े सीमा पर तैनात एसएसबी को शायद इस बात की सुध तक नहीं है या फिर ऐसा कहा जाए कि सीमावर्ती क्षेत्र का कादोगांव सुढीभिठ्ठा, भट्ठा चौक आदि सीमावर्ती क्षेत्र तस्करों के लिए स्वर्ग बन गया है तो गलत नहीं होगा।
प्राप्त जानकारी के अनुसार प्रखंड के तातपौआ पंचायत और बंदर झूला पंचायत के सीमावर्ती क्षेत्र पर प्रतिदिन दर्जनों पिकअप से तस्करी का कपड़ा, खाद्य, चीनी आदि घरेलू समान की आपूर्ति की जाती है। सीमावर्ती क्षेत्र पर उतारकर साइकिल और मोटरसाइकिल के सहारे सीमा पार कराया जाता है पर नेपाल सीमा की सुरक्षा में खड़े सशस्त्र सीमा बल के जवानों को खबर नहीं लगती है। इस बात पर विश्वास करना मुनासिब नहीं है। इस संबंध में एसएसबी आईजी रानीडंगा अमित कुमार से पूछने पर उन्होंने बताया कि नेपाल सीमा खुली होने के कारण तस्करों का मनोबल तो बढ़ा ही रहता है। हालांकि हमारे जवान समय-समय पर तस्करी के सामानों को जप्त किया करते हैं। पर तस्कर खुली सीमा के कारण रास्ता बदल बदल कर तस्करी को अंजाम देते हैं। एसएसबी जवानों के द्वारा लगातार कार्रवाई भी की जा रही है पिछले कई महीनों में कई तस्करों को सलाखों के पीछे भेजा गया है जो आगे भी जारी रहेगा तस्करी रोकने के लिए एसएसबी के जवान हमेशा तत्पर है।
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