टेढ़ागाछ प्रखंड क्षेत्र अंतर्गत चिल्हनियॉ पंचायत के वार्ड नंबर 11 कोठीटोला देवरी गांव के लोग आज भी मूलभूत सुविधाओं से वंचित हैं। इस गाँव के लोग आजादी के सात दशक बाद भी टापू में गुजर बसर करने पर विवश हैं। यहां के लोग एक अदद सड़क, शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा आदि मूलभूत सुविधाओं से वंचित हैं। बरसात के दिनों में यहां के लोग किसी तरह से जीवन पाल रहें हैं। यह गाँव रेतुआ नदी के किनारे अवस्थित है। यहां आने के लिए कच्ची सड़क मनरेगा से बनी थी। जिसमें कलवर्ट ध्वस्त होने से लगभग छ्ह वर्ष बीत गये, लेकिन आजतक इस गाँव के लिए सड़क नहीं बनी।
स्थानीय लोगों में भीम चौधरी ने बताया इस गाँव से पंचायत चुनाव में मुखिया, सरपंच, जिला परिषद सदस्य आदि पदों के लिए प्रत्याशियों की कोई कमी नहीं रहती है। फिर भी गॉव विकास के नाम पर शून्य परिणाम है। इस गाँव की आबादी लगभग 400 से अधिक है, लेकिन अभी गाँव तक सड़क की व्यवस्था नहीं है। गाँव के बच्चे स्कूल तक नहीं जा पाते हैं। जिसके कारण बच्चों की पढ़ाई बरसात भर छूट जाती है। ज्ञात हो कि नदियों में सुखाड़ के समय अत्यधिक बालू खनन होने से रेतुआ नदी गहरी हो गयी है। जिसके कारण नदी में कटाव काफी तीव्र गति से हो रही है। कोठीटोला देवरी गाँव रेतुआ नदी के कटाव से दो घर पहले ही बाढ़ में रेतुता नदीं की गर्भ में समा गया है। कोठीटोला देवरी गॉव में अब तक कटाव रोधी कार्य नहीं होने से ग्रामीणों में आक्रोश व्याप्त है। इस गाँव के किसानों की उपजाऊ भूमि बालू व गड्ढे में तब्दील है। स्थानीय लोगों ने जिला पदाधिकारी से कटाव रोधी कार्य करने की मांग की है। स्थानीय ग्रामीण शंभू झा ने बताया कि हम लोगों ने बीडीओ एवं जिला पदाधिकारी व विधायक एवं सांसद को कई बार आवेदन दिया है लेकिन समस्या का आज तक निदान नहीं हो पाया है। कोठी टोला देवरी गांव आज भी टापू में तब्दील है खासकर छोटे-छोटे बच्चे बरसात के दिनों में स्कूल नहीं जा पाते हैं क्योंकि चारों तरफ से गांव पानी से घिरा रहता है। बरसात भर बच्चों की पढ़ाई लिखाई बंद हो जाती है। उन्होंने बताया जनप्रतिनिधियों का भी ध्यान इधर नहीं है ना ही प्रशासन का। ग्रामीण आवेदन दे दे कर थक हार कर बैठे हुए हैं। स्थानीय ग्रामीणों में योगेंद्र पासवान, चमक लाल हरिजन, भगला पासवान, दशरथ मांझी, वीरेंन्ची पासवान, पालन झा, नारायण पासवान, शिव शंकर पासवान, लालन झा, पंकज झा, शंभू झा, भीम चौधरी, श्याम सुंदरी देवी, श्रीदेवी, धनेश्वरी देवी, गीता देवी सहित ग्रामीणों ने नए जिला पदाधिकारी का ध्यान आकृष्ट कराते हुए इस गांव की सुधि लेने की मांग की है।
देवाशीष चटर्जी, सारस न्यूज, टेढ़ागाछ।
टेढ़ागाछ प्रखंड क्षेत्र अंतर्गत चिल्हनियॉ पंचायत के वार्ड नंबर 11 कोठीटोला देवरी गांव के लोग आज भी मूलभूत सुविधाओं से वंचित हैं। इस गाँव के लोग आजादी के सात दशक बाद भी टापू में गुजर बसर करने पर विवश हैं। यहां के लोग एक अदद सड़क, शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा आदि मूलभूत सुविधाओं से वंचित हैं। बरसात के दिनों में यहां के लोग किसी तरह से जीवन पाल रहें हैं। यह गाँव रेतुआ नदी के किनारे अवस्थित है। यहां आने के लिए कच्ची सड़क मनरेगा से बनी थी। जिसमें कलवर्ट ध्वस्त होने से लगभग छ्ह वर्ष बीत गये, लेकिन आजतक इस गाँव के लिए सड़क नहीं बनी।
स्थानीय लोगों में भीम चौधरी ने बताया इस गाँव से पंचायत चुनाव में मुखिया, सरपंच, जिला परिषद सदस्य आदि पदों के लिए प्रत्याशियों की कोई कमी नहीं रहती है। फिर भी गॉव विकास के नाम पर शून्य परिणाम है। इस गाँव की आबादी लगभग 400 से अधिक है, लेकिन अभी गाँव तक सड़क की व्यवस्था नहीं है। गाँव के बच्चे स्कूल तक नहीं जा पाते हैं। जिसके कारण बच्चों की पढ़ाई बरसात भर छूट जाती है। ज्ञात हो कि नदियों में सुखाड़ के समय अत्यधिक बालू खनन होने से रेतुआ नदी गहरी हो गयी है। जिसके कारण नदी में कटाव काफी तीव्र गति से हो रही है। कोठीटोला देवरी गाँव रेतुआ नदी के कटाव से दो घर पहले ही बाढ़ में रेतुता नदीं की गर्भ में समा गया है। कोठीटोला देवरी गॉव में अब तक कटाव रोधी कार्य नहीं होने से ग्रामीणों में आक्रोश व्याप्त है। इस गाँव के किसानों की उपजाऊ भूमि बालू व गड्ढे में तब्दील है। स्थानीय लोगों ने जिला पदाधिकारी से कटाव रोधी कार्य करने की मांग की है। स्थानीय ग्रामीण शंभू झा ने बताया कि हम लोगों ने बीडीओ एवं जिला पदाधिकारी व विधायक एवं सांसद को कई बार आवेदन दिया है लेकिन समस्या का आज तक निदान नहीं हो पाया है। कोठी टोला देवरी गांव आज भी टापू में तब्दील है खासकर छोटे-छोटे बच्चे बरसात के दिनों में स्कूल नहीं जा पाते हैं क्योंकि चारों तरफ से गांव पानी से घिरा रहता है। बरसात भर बच्चों की पढ़ाई लिखाई बंद हो जाती है। उन्होंने बताया जनप्रतिनिधियों का भी ध्यान इधर नहीं है ना ही प्रशासन का। ग्रामीण आवेदन दे दे कर थक हार कर बैठे हुए हैं। स्थानीय ग्रामीणों में योगेंद्र पासवान, चमक लाल हरिजन, भगला पासवान, दशरथ मांझी, वीरेंन्ची पासवान, पालन झा, नारायण पासवान, शिव शंकर पासवान, लालन झा, पंकज झा, शंभू झा, भीम चौधरी, श्याम सुंदरी देवी, श्रीदेवी, धनेश्वरी देवी, गीता देवी सहित ग्रामीणों ने नए जिला पदाधिकारी का ध्यान आकृष्ट कराते हुए इस गांव की सुधि लेने की मांग की है।
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