सारस न्यूज़ टीम, वेब डेस्क, सारस न्यूज़।
बिहार में नई सरकार के गठन के बाद सहयोगी दलों की सरकार के साथ बातचीत लगातार जारी है। इस बीच भाकपा (माले) ने सरकार में शामिल नहीं होने का फैसला लिया है। भाकपा (माले) के द्वारा सरकार को बाहर से समर्थन देने पर सहमति बनी है जिसके बाद इस दल ने सरकार में शामिल नहीं होने का एलान किया गया है। भाकपा माले की बैठक के बाद इन बातों पर सहमति बनी. पार्टी के महासचिव कामरेड दीपांकर भटाचार्य ने बताया कि बिहार की सत्ता से भाजपा को दूर करने की और महागठबंध्न की सरकार बनाने के लिए नीतीश कुमार को बधाई है।
माले महासचिव दीपांकर भटाचार्य ने कहा कि भाजपा शासन में जो दमनात्मक कार्य हुए हैं, हम उम्मीद करते हैं कि बिहार की नई सरकार उसके खिलाफ सकारात्मक रूख के साथ आगे बढ़ेगी। माले महासचिव ने कहा कि महाराष्ट का बदला बिहार ने लिया है. 2024 में असल मकसद पूरा होगा और बीजेपी की सरकार को बाहर करेंगे। उन्होंने ने कहा कि हम महागठबंधन में हैं और महागठबंधन में नीतीश जी और मांझी जी का स्वागत है. ये सरकार बीजेपी के खिलाफ है,जो दमनात्मक कार्य किये गए है बीजेपी द्वारा उसको खत्म करेगे।
दीपांकर ने कहा कि हमलोग नीतीश कुमार से मिलेंगे और न्यूनतम साझा कार्यक्रम बनाने की बात करेंगे जिससे अब जो सरकार बनी है इस सरकार का काम क्या होगा, इसकी जानकारी देनी चाहिए। महागठबंधन की सरकार में सभी घटक दलों के बीच आपसी बातचीत का माहौल बने और एक समन्वय समिति का निर्माण हो जिससे सरकार ठीक से चले। माले महासचिव ने कहा बीजेपी बुलडोजर राज्य चला रही है, जिसको खत्म किया जाएगा।
दीपांकर ने कहा कि हमलोग नीतीश कुमार से मिलेंगे और न्यूनतम साझा कार्यक्रम बनाने की बात करेंगे जिससे अब जो सरकार बनी है इस सरकार का काम क्या होगा, इसकी जानकारी देनी चाहिए. महागठबंधन की सरकार में सभी घटक दलों के बीच आपसी बातचीत का माहौल बने और एक समन्वय समिति का निर्माण हो जिससे सरकार ठीक से चले. माले महासचिव ने कहा बीजेपी बुलडोजर राज्य चला रही है, जिसको खत्म किया जाएगा।