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कम बहुमत होने के बावजूद भाजपा प्रत्याशी बने बिन्नाबाड़ी के प्रधान, नहीं बिके भाजपा कार्यकर्ता।

विशेष संवाददाता, सारस न्यूज़, सिलीगुड़ी।

खोरीबाड़ीः सिलीगुड़ी महकमा परिषद के खोरीबाड़ी प्रखंड के बिन्नाबाड़ी पंचायत का बोर्ड का गठन आखिरकार बुधवार को संपन्न हो गया। बिन्नाबाड़ी पंचायत का प्रधान भाजपा का बना है और उप प्रधान तृणमूल कांग्रेस का बना है। बताते चलें कि बिन्नाबाड़ी पंचायत प्रधान का एसटी सीट रिजर्व था। जबकि बिन्नाबाड़ी पंचायत के कुल 13 वार्ड में भी तृणमूल कांग्रेस पार्टी के 9 वार्ड सदस्यों ने जीत हासिल किया। वहीं भाजपा के 4 वार्ड सदस्य जीते हैं। जिसमें से दो भाजपा के एसटी सीट हैं। वहीं तृणमूल कांग्रेस की 9 सदस्यों में से एक भी एसटी नहीं जीत पाई थी। लेकिन बोर्ड पर तृणमूल कांग्रेस ने ही कब्जा किया है। इसके बावजूद तृणमूल का प्रधान नहीं बनना तृणमूल नेताओं व कार्यकर्ताओं को एक बड़ी दुविधा में डाल दिया था और 25 जुलाई को बिन्नाबाड़ी का बोर्ड गठन होने वाला था , लेकिन इस दिन तृणमूल के नहीं आने से बोर्ड घटन प्रक्रिया नहीं हो सका था।

भाजपा कार्यकर्ताओं का कहना था कि टीएमसी भाजपा को प्रधान बनना नहीं चाहती है। जोकि एसटी सीट प्रधान के लिए पहले से ही आरक्षित है। बावजूद तृणमूल नहीं चाहती है कि एसटी प्रधान बने क्योंकि एसटी भाजपा के सदस्य हैं। इसलिए तृणमूल नहीं चाहती है, कि भाजपा का प्रधान बने। जिसके बाद बुधवार को जब बोर्ड का गठन किया गया तो भाजपा के अलाकसू लाकड़ा प्रधान निर्वाचित हुए और तृणमूल के प्रमोद प्रसाद को उपप्रधान चुने गए। इसे लेकर कोई अप्रिय घटना न घटे इलाके में पुलिस की कड़ी सुरक्षा के बीच 144 धारा लगाया गया था। नवनिर्वाचित प्रधान ने कहा लोगों के लिए काम करूंगा। पार्टी के निर्देशों का पालन करते हुए लोगों के फैसले का समर्थन उन्होंने किया है। वहीं, प्रखंड तृणमूल अध्यक्ष मुकुल सरकार ने कहा कि चूंकि अनुसूचित जनजाति के उम्मीदवार उनका कोई जीत नहीं पाया था, इसलिए प्रधान भाजपा का बना है। हम बिना किसी अव्यवस्था के जनमत के साथ काम करेंगे। वहीं इस संबंध में भाजपा जिलाध्यक्ष व माटीगाड़ा-नक्सलबाड़ी के विधायक आनंदमय बर्मन ने कहा कि सिलीगुड़ी महकमा परिषद के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है कि भाजपा प्रधान चुने गए है। उन्होंने कहा कि उनके दो अनुसूचित जनजाति के भाजपा के सदस्य जीते थे और तृणमूल के एक भी एसटी नहीं जीती थी। जिसके कारण तृणमूल में उन्हें डरा धमकाकर उन्हें तृणमूल में शामिल करने की कोशिश की गई लेकिन हमने ऐसा नहीं हाेने दिया।


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