आगामी पर्यूषण महापर्व से पूर्व तेरापंथ समाज के अनुयायी आचार्य श्री महाश्रमणजी की सुशिष्या साध्वी संगीत श्री व सहयोगी साध्वियों के सानिध्य में धर्म कर्म व निराहार तपस्याओं में जुटे हुए हैं। अकेले किशनगंज शहर में ही दो दर्जन से ज्यादा निराहार तपस्याएं हो चुकी है और कई तपस्याएं गतिमान भी है। साथ ही साध्वियों की प्रेरणा से समीपवर्ती नेपाल, बिहार, बंगाल के क्षेत्रों में भी तपस्याओं का क्रम चल रहा है। इसी क्रम में किशनगंज तेरापंथ भवन में आयोजित तप अभिनंदन कार्यक्रम में किशनगंज की वृद्धा ज्ञानवती देवी के 15 दिनों की निराहार तपस्या का अभिनंदन किया गया।
महिलामण्डल ने मंगलगीत से इस कार्यक्रम का शुभारंभ किया। उसके बाद साध्वी संगीत श्री ने अपने प्रवचन में तपस्विनी ज्ञानवती देवी के तप की अनुमोदना करते हुए कहा कि तपस्विनी के आत्मशक्ति के जागरण के कारण ही यह सम्भव हो पाया है। उन्होंने कहा कि पूर्व में हुई तपस्याओं के गीतों को सुनकर ज्ञानवती देवी में तप करने की भावना का विकास हुआ और उन्होंने एक पखवाड़े की तपस्या का लक्ष्य भी हासिल कर लिया। उन्होंने तपस्विनी को आगे बढ़ने की प्रेरणा भी दी। साध्वी संगीत श्री ने आगे कहा कि तपस्या रूपी आग में तपने वाले तपस्वी अपने कर्म रूपी रजों को भस्म कर देते हैं। उम्र के इस पड़ाव में तपस्या करना गुरुशक्ति से ही सम्भव हुआ है।
इसके बाद साध्वी कमल विभा, तेरापंथ सभाध्यक्ष विमल दफ्तरी, महासभा संरक्षक डॉ राजकरण दफ्तरी, नेपाल बिहार उपाध्यक्ष चैनरुप दुगड़, महिलामण्डल अध्यक्ष सन्तोष देवी दुगड़, दिलीप सेठिया, सन्दीप बाफना, कमल कोठारी, राजेश कोठारी, पूजा लोढा, सरिता लोढा व लोढा परिवार ने अपने वक्तव्यों व गीतों के माध्यम से तपस्विनी ज्ञानवती देवी के 15 दिनों के तप की अनुमोदना की कार्यक्रम में अशोक लोढा, सुनीता लोढा, श्रीभगवान, मनीष, अरविंद केजरीवाल, सुनीता केजरीवाल, शोभा देवी, चैनरुप भन्साली, निर्मल बैद, सरला बैद, प्रेम देवी, महेंद्र लोढा, यश, रेखा देवी, कुशल, सौरभ, ऋतु, चन्दा देवी श्यामसुखा, सुशील, जयंती सहित दर्जनों लोग उपस्थित रहे। व हीं तेरापंथ सभा, महिलामण्डल, तेरापंथ युवक परिषद, अणुव्रत समिति की ओर से तपस्विनी ज्ञानवती देवी के तप के उपलक्ष्य में तप अभिनंदन पत्र व साहित्य भेंट कर उनके तपस्या का अभिनंदन किया गया।
सारस न्यूज टीम, किशनगंज।
आगामी पर्यूषण महापर्व से पूर्व तेरापंथ समाज के अनुयायी आचार्य श्री महाश्रमणजी की सुशिष्या साध्वी संगीत श्री व सहयोगी साध्वियों के सानिध्य में धर्म कर्म व निराहार तपस्याओं में जुटे हुए हैं। अकेले किशनगंज शहर में ही दो दर्जन से ज्यादा निराहार तपस्याएं हो चुकी है और कई तपस्याएं गतिमान भी है। साथ ही साध्वियों की प्रेरणा से समीपवर्ती नेपाल, बिहार, बंगाल के क्षेत्रों में भी तपस्याओं का क्रम चल रहा है। इसी क्रम में किशनगंज तेरापंथ भवन में आयोजित तप अभिनंदन कार्यक्रम में किशनगंज की वृद्धा ज्ञानवती देवी के 15 दिनों की निराहार तपस्या का अभिनंदन किया गया।
महिलामण्डल ने मंगलगीत से इस कार्यक्रम का शुभारंभ किया। उसके बाद साध्वी संगीत श्री ने अपने प्रवचन में तपस्विनी ज्ञानवती देवी के तप की अनुमोदना करते हुए कहा कि तपस्विनी के आत्मशक्ति के जागरण के कारण ही यह सम्भव हो पाया है। उन्होंने कहा कि पूर्व में हुई तपस्याओं के गीतों को सुनकर ज्ञानवती देवी में तप करने की भावना का विकास हुआ और उन्होंने एक पखवाड़े की तपस्या का लक्ष्य भी हासिल कर लिया। उन्होंने तपस्विनी को आगे बढ़ने की प्रेरणा भी दी। साध्वी संगीत श्री ने आगे कहा कि तपस्या रूपी आग में तपने वाले तपस्वी अपने कर्म रूपी रजों को भस्म कर देते हैं। उम्र के इस पड़ाव में तपस्या करना गुरुशक्ति से ही सम्भव हुआ है।
इसके बाद साध्वी कमल विभा, तेरापंथ सभाध्यक्ष विमल दफ्तरी, महासभा संरक्षक डॉ राजकरण दफ्तरी, नेपाल बिहार उपाध्यक्ष चैनरुप दुगड़, महिलामण्डल अध्यक्ष सन्तोष देवी दुगड़, दिलीप सेठिया, सन्दीप बाफना, कमल कोठारी, राजेश कोठारी, पूजा लोढा, सरिता लोढा व लोढा परिवार ने अपने वक्तव्यों व गीतों के माध्यम से तपस्विनी ज्ञानवती देवी के 15 दिनों के तप की अनुमोदना की कार्यक्रम में अशोक लोढा, सुनीता लोढा, श्रीभगवान, मनीष, अरविंद केजरीवाल, सुनीता केजरीवाल, शोभा देवी, चैनरुप भन्साली, निर्मल बैद, सरला बैद, प्रेम देवी, महेंद्र लोढा, यश, रेखा देवी, कुशल, सौरभ, ऋतु, चन्दा देवी श्यामसुखा, सुशील, जयंती सहित दर्जनों लोग उपस्थित रहे। व हीं तेरापंथ सभा, महिलामण्डल, तेरापंथ युवक परिषद, अणुव्रत समिति की ओर से तपस्विनी ज्ञानवती देवी के तप के उपलक्ष्य में तप अभिनंदन पत्र व साहित्य भेंट कर उनके तपस्या का अभिनंदन किया गया।
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