बिहार पुलिस मुख्यालय ने राज्य से सटे भारत-नेपाल सीमा पर सख्ती बढ़ाने का निर्देश दिया है। इस दिशा में सीमावर्ती जिलों में नए थाने भी खोले जा सकते हैं। पुलिस मुख्यालय ने अतिरिक्त थाना या ओपी स्थापित किए जाने को लेकर प्रस्ताव मांगा है।
मंगलवार को पुलिस मुख्यालय में डीजीपी एस के सिंघल की अध्यक्षता में विधि-व्यवस्था को लेकर हुई बैठक में पुलिस अधिकारियों को इससे जुड़ा निर्देश दिया गया। विशेष शाखा के एडीजी सुनील कुमार ने कहा कि यह अंतरराष्ट्रीय सीमा काफी संवेदनशील है। भारत-नेपाल के बीच आवागमन की सुविधा सहज होने के कारण इसका फायदा तस्कर और अपराधी भी खूब उठाते हैं। बार्डर एरिया डेवलपमेंट प्रोग्राम (बीएडीपी) के अधीन भारत-नेपाल सीमा पर अवस्थित थानों तथा ओपी को आवश्यकतानुसार कार्रवाई करनी चाहिए। वर्तमान में भारत-नेपाल सीमा पर 55 थाने हैं। यदि संवेदनशीलता तथा आवश्यकतानुसार किसी जिले में भारत- नेपाल सीमा पर अतिरिक्त थाना या ओपी स्थापित किए जाने की आवश्यकता लगती है, तो संबंधित जिले के पुलिस अधीक्षक प्रस्ताव समर्पित कर सकते हैं।
राज्य के क्षेत्र व जिलों के वरीय पुलिस अधिकारियों के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग से की जा रही बैठक में डीजीपी ने अफसरों को टास्क दिया कि प्रत्येक पदाधिकारी व पुलिसकर्मी को योग्यता के अनुसार काम पर लगाया जाए। कोई खाली नहीं बैठना चाहिए। गंभीर आपराधिक कांडों में की गई कार्रवाई का रोज मुख्यालय स्तर से अनुश्रवण किया जाए। मुख्यालय के द्वारा सभी क्षेत्र व जिलों के काम की समीक्षा की जाएगी। उन्होंने पिछले दिनों जिला स्तर पर की गई कार्रवाई में सफलता पर सभी को बधाई दी। सीआइडी के एडीजी जितेंद्र कुमार ने कुछ थानों में हत्या, डकैती, लूट, रंगदारी तथा डकैती के मामलों में वृद्धि पर चिंता जताई। उन्होंने पिछले साल अप्रैल से जून माह में हुए अपराध की तुलना करते हुए जिलों के एसपी से अपने-अपने क्षेत्र में इन मामलों का विश्लेषण और समीक्षा कर उचित कार्रवाई करने का निर्देश दिया। संबंधित थाना से जवाब-तलब कर कारण जानने को भी कहा गया। एडीजी मुख्यालय जितेंद्र सिंह गंगवार ने हत्या, डकैती, लूट तथा रंगदारी के कांडों की जांच पूरी कर अभियुक्तों की सूची बनाकर गिरफ्तरी करने का टास्क जिलों को दिया। आने वाले पर्व-त्योहार को लेकर भी अपराधियों की गिरफ्तारी करने का निर्देश दिया गया।
सारस न्यूज टीम, पटना।
बिहार पुलिस मुख्यालय ने राज्य से सटे भारत-नेपाल सीमा पर सख्ती बढ़ाने का निर्देश दिया है। इस दिशा में सीमावर्ती जिलों में नए थाने भी खोले जा सकते हैं। पुलिस मुख्यालय ने अतिरिक्त थाना या ओपी स्थापित किए जाने को लेकर प्रस्ताव मांगा है।
मंगलवार को पुलिस मुख्यालय में डीजीपी एस के सिंघल की अध्यक्षता में विधि-व्यवस्था को लेकर हुई बैठक में पुलिस अधिकारियों को इससे जुड़ा निर्देश दिया गया। विशेष शाखा के एडीजी सुनील कुमार ने कहा कि यह अंतरराष्ट्रीय सीमा काफी संवेदनशील है। भारत-नेपाल के बीच आवागमन की सुविधा सहज होने के कारण इसका फायदा तस्कर और अपराधी भी खूब उठाते हैं। बार्डर एरिया डेवलपमेंट प्रोग्राम (बीएडीपी) के अधीन भारत-नेपाल सीमा पर अवस्थित थानों तथा ओपी को आवश्यकतानुसार कार्रवाई करनी चाहिए। वर्तमान में भारत-नेपाल सीमा पर 55 थाने हैं। यदि संवेदनशीलता तथा आवश्यकतानुसार किसी जिले में भारत- नेपाल सीमा पर अतिरिक्त थाना या ओपी स्थापित किए जाने की आवश्यकता लगती है, तो संबंधित जिले के पुलिस अधीक्षक प्रस्ताव समर्पित कर सकते हैं।
राज्य के क्षेत्र व जिलों के वरीय पुलिस अधिकारियों के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग से की जा रही बैठक में डीजीपी ने अफसरों को टास्क दिया कि प्रत्येक पदाधिकारी व पुलिसकर्मी को योग्यता के अनुसार काम पर लगाया जाए। कोई खाली नहीं बैठना चाहिए। गंभीर आपराधिक कांडों में की गई कार्रवाई का रोज मुख्यालय स्तर से अनुश्रवण किया जाए। मुख्यालय के द्वारा सभी क्षेत्र व जिलों के काम की समीक्षा की जाएगी। उन्होंने पिछले दिनों जिला स्तर पर की गई कार्रवाई में सफलता पर सभी को बधाई दी। सीआइडी के एडीजी जितेंद्र कुमार ने कुछ थानों में हत्या, डकैती, लूट, रंगदारी तथा डकैती के मामलों में वृद्धि पर चिंता जताई। उन्होंने पिछले साल अप्रैल से जून माह में हुए अपराध की तुलना करते हुए जिलों के एसपी से अपने-अपने क्षेत्र में इन मामलों का विश्लेषण और समीक्षा कर उचित कार्रवाई करने का निर्देश दिया। संबंधित थाना से जवाब-तलब कर कारण जानने को भी कहा गया। एडीजी मुख्यालय जितेंद्र सिंह गंगवार ने हत्या, डकैती, लूट तथा रंगदारी के कांडों की जांच पूरी कर अभियुक्तों की सूची बनाकर गिरफ्तरी करने का टास्क जिलों को दिया। आने वाले पर्व-त्योहार को लेकर भी अपराधियों की गिरफ्तारी करने का निर्देश दिया गया।
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