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टेढ़ागाछ में नदी कटाव से विस्थापित परिवारों ने प्रशासन पर उपेक्षा का लगाया आरोप।

देवाशीष चटर्जी, सारस न्यूज, टेढ़ागाछ।

टेढ़ागाछ प्रखंड के मटियारी पंचायत स्थित डुमरिया गांव कनकई नदी के कटाव से विलीन हो चुका है। प्रखंड होकर बहने वाली कनकई व रेतुआ नदी उफान पर है। घरों का कटना बदस्तूर जारी है। लोग कटाव के डर से घर को खाली कर सुरक्षित स्थानों पर जाने को मजबूर हैं। इनकी सुधि लेने वाला कोई नहीं है। कटाव पिड़ीत परिवार का आशियाना कनकई नदी के गर्भ में समा जाने के कारण लोग वैशाटोली मदरसा, डोम सड़क, स्कूलों में अस्थाई रूप से जैसे तैसे रहने को मजबूर हैं।

कनकई नदी के कटाव से अर्जुन महतो, उमेश महतो, ब्रह्मदेव महतो, राजकुमार महतो, बाबूलाल महतो, जय लाल महतो, शत्रुघ्न महतो, कल्लू महतो, वकील महतो, सूरज महतो, विनोद महतो, गोवर्धन महतो, शोभा देवी, सुशीला देवी, अतवारी महतो, जितेंद्र महतो, लालजी महतो, जीवछ महतो, आदि लगभग चालीस परिवार बेघर हो गए हैं। अब तक प्रशासन के तरफ से केवल चौंतीस परिवारों को हीं प्लास्टिक वितरण किया गया है। मदरसा, डोम सड़क, स्कूलों में रह रहे विस्थापित परिवार प्रशासन से मुआवजा राशि, रहने के लिए जमीन, एवं इंदिरा आवास योजना की मांग कर रहे हैं। राजस्व कर्मचारी तारिक अहमद ने बताया कि कनकई नदी से अभी तक कुल तैंतीस परिवार विस्थापित हुए हैं। जिन्हें अस्थाई रूप से रहने के लिए तत्काल प्लास्टिक वितरण किया गया है और अंचलाधिकारी को इसकी सूची सुपूर्द कर दी गई है। कनकई नदी के कटाव के जद में आए डुमरिया गांव के लोग नदी में पानी आने से भय के साए में जीने को मजबूर हैं। पानी टंकी एवं प्राथमिक विद्यालय डुमरिया भी कनकई नदी के कटाव के जद में आ चुका है। यहां लोग जिला पदाधिकारी एवं आपदा विभाग से पानी टंकी, विद्यालय एवं घरों को बचाने के लिए कटाव रोधी कार्य कराने की मांग कर रहे हैं। वहां के लोगों का कहना है कि विभाग के तरफ से दर्जनों घर कट जाने के वावजूद आज तक यहां कोई कटाव रोधी कार्य नहीं किया गया जो विभाग के उदासीन रवैया को उजागर करता है।

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