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आगामी 30 अगस्त को मनाया जाएगा हरतालिका तीज व्रत, सौभाग्य को अक्षुण बनाए रखने को महिलाएं रखेगी यह व्रत।

सारस न्यूज, किशनगंज।

हिंदू धर्म के प्रमुख त्योहारों में एक भाद्रपद की शुक्लपक्ष की तृतीया को हरतालिका तीज मनाने की रीत है। उत्‍तर भारत की महिलाएं तीज को पूरे दिन व्रत रखकर शिव-पार्वती की पूजा करती हैं। यह व्रत महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र के लिए करती हैं। पंजाब और हरियाणा में प्रचलित करवा चौथ से इसकी तुलना कर सकते हैं। 
हरतालिका तीज व्रत इस महीने की 30 तारीख दिन मंगलवार को है। इस दिन महिलाएं पूरे दिन निराहार और निर्जला रहकर अपने सौभाग्य को अक्षुण बनाए रखने को भगवान शिव एवं माता पार्वती की उपासना करती हैं।
उच्च विद्यालय ठाकुरगंज के संस्कृत भाषा के सेवानिवृत शिक्षक सह पुरोहित उदयानंद झा का कहना है कि इस वर्ष हरितालिका तीज की तिथि को लेकर कोई संशय नहीं है। भादो शुक्लपक्ष की तृतीया तिथि का आगमन सोमवार की दोपहर 2:38 बजे हो रहा है, जो अगले दिन मंगलवार को 2:32 बजे तक रह रही है। जबकि, हस्त नक्षत्र का आगमन सोमवार की रात 11:30 बजे हो रहा है। लेकिन यह मंगलवार को रात्रि 11:53 बजे तक रह रहा है। शास्त्रों के अनुसार गोधुली बेला में जब हस्त नक्षत्र विद्यमान हो तो इस व्रत को अत्यंत ही फलदायी माना गया है। दोनों ही कारणों से (उदय व्यापिनी तृतीया तिथि एवं हस्त नक्षत्र) मंगलवार को तीज व्रत मनाना अति शुभकर होगा।

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार भादो महीने के शुक्लपक्ष की तृतीया को ही माता पार्वती ने भगवान शिव की प्राप्ति हेतु उनकी आराधना की थी। तब भगवान शिव ने माता पार्वती के इस कठोर तप को देखकर उन्हें दर्शन दिए और पार्वती जी की इच्छानुसार उन्हें अंगीकार किया। आचार्य ने कहा कि इस दिन चंद्रमा को देखना निषिद्ध है और पञ्चांग रुपेण चंद्रास्त रात्रि 8:16 बजे होगा। 

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