बीजेपी एमएलसी देवेश कुमार के शराब पीने की पुष्टि हुई है। सात जुलाई को पटना में एक सड़क दुर्घटना के मामले में एमएलसी देवेश कुमार को थाना लाया गया था। उस वक्त देवेश कुमार पर शराब पीने का आरोप लगा था लेकिन उन्होंने ब्रेथ एनलाइजर से टेस्ट कराने से इनकार कर दिया था। थाने पर ब्लड सैंपल लिया गया था। पटना एसएसपी मानवजीत सिंह ढिल्लों ने प्रेस रिलीज जारी कर इसकी जानकारी दी है कि ब्लड रिपोर्ट में शराब पीने की पुष्टि हुई है।
एसएसपी मानवजीत सिंह ढिल्लों ने बताया कि सात जुलाई को बीजेपी एमएलसी देवेश कुमार के मित्र डॉक्टर संजय चौधरी की गाड़ी अटल पथ पर दूसरी गाड़ी से टकरा गई थी। इसके बाद वो रात में ही मामले को शांत कराने के लिए पहुंचे थे। इस पर वहां कुछ युवकों से उनकी कहा सुनी हो गई। युवकों ने वीडियो बनाया और देवेश कुमार से कहा था कि आपने शराब पी रखी है। इसके बाद वीडियो काफी वायरल हुआ और मामला सामने आया।
बता दें कि जब यह मामला सामने आया तो देवेश कुमार ने प्रेस को कहा था कि उन्होंने शराब नहीं पी थी। ब्रेथ एनालाइजर से जांच उन्होंने इसलिए नहीं कराई थी क्योंकि अभी कोरोना का टाइम है। उन्हें पहले भी तीन बार कोरोना हो चुका है। ब्रेथ एनालाइजर से जांच दिल्ली में भी नहीं होती है। इससे कोरोना का इंफेक्शन होने का खतरा रहता है। हालांकि उन्होंने यह बात जरूर कही थी कि पुलिस के साथ वो खुद पीएमसीएच गए थे खून और पेशाब का सैंपल दिया था। प्रारंभिक जांच में शराब के सेवन की पुष्टि नहीं हुई है। सात जुलाई की रात जब अटल पथ पर घटना हुई तो डॉ संजय चौधरी ने बीच बचाव के लिए अपने मित्र और बीजेपी एमएलसी देवेश कुमार को फोन कर बुलाया था। इसके बाद घटनास्थल पर देवेश कुमार अपने बॉडीगार्ड के साथ पहुंचे थे। उनके मित्र संजय चौधरी ने जिस गाड़ी में टक्कर मारी थी उसमें सवार 4-5 युवकों से देवेश कुमार की बहस हो गई। इस दौरान एक युवक ने बीजेपी एमएलसी का वीडियो बना लिया था।
पुलिस ने बताया कि इस मामले में देवेश कुमार ने सोमवार को पटना में विशेष अदालत (उत्पाद) में आत्मसमर्पण कर दिया था जिसके बाद उन्हें जमानत पर रिहा कर दिया गया। इस मामले में उनके विरूद्ध आरोप पत्र (चार्जशीट) दायर कर दिया गया है। इस बीच बीजेपी के एमएलसी ने पत्रकारों से कहा कि मैंने कभी शराब को हाथ तक नहीं लगाया है, और निश्चित रूप से घटना के दिन नशे में नहीं था। उनके खिलाफ आई जांच रिपोर्ट राजनीति से प्रेरित है।
सारस न्यूज टीम, पटना।
बीजेपी एमएलसी देवेश कुमार के शराब पीने की पुष्टि हुई है। सात जुलाई को पटना में एक सड़क दुर्घटना के मामले में एमएलसी देवेश कुमार को थाना लाया गया था। उस वक्त देवेश कुमार पर शराब पीने का आरोप लगा था लेकिन उन्होंने ब्रेथ एनलाइजर से टेस्ट कराने से इनकार कर दिया था। थाने पर ब्लड सैंपल लिया गया था। पटना एसएसपी मानवजीत सिंह ढिल्लों ने प्रेस रिलीज जारी कर इसकी जानकारी दी है कि ब्लड रिपोर्ट में शराब पीने की पुष्टि हुई है।
एसएसपी मानवजीत सिंह ढिल्लों ने बताया कि सात जुलाई को बीजेपी एमएलसी देवेश कुमार के मित्र डॉक्टर संजय चौधरी की गाड़ी अटल पथ पर दूसरी गाड़ी से टकरा गई थी। इसके बाद वो रात में ही मामले को शांत कराने के लिए पहुंचे थे। इस पर वहां कुछ युवकों से उनकी कहा सुनी हो गई। युवकों ने वीडियो बनाया और देवेश कुमार से कहा था कि आपने शराब पी रखी है। इसके बाद वीडियो काफी वायरल हुआ और मामला सामने आया।
बता दें कि जब यह मामला सामने आया तो देवेश कुमार ने प्रेस को कहा था कि उन्होंने शराब नहीं पी थी। ब्रेथ एनालाइजर से जांच उन्होंने इसलिए नहीं कराई थी क्योंकि अभी कोरोना का टाइम है। उन्हें पहले भी तीन बार कोरोना हो चुका है। ब्रेथ एनालाइजर से जांच दिल्ली में भी नहीं होती है। इससे कोरोना का इंफेक्शन होने का खतरा रहता है। हालांकि उन्होंने यह बात जरूर कही थी कि पुलिस के साथ वो खुद पीएमसीएच गए थे खून और पेशाब का सैंपल दिया था। प्रारंभिक जांच में शराब के सेवन की पुष्टि नहीं हुई है। सात जुलाई की रात जब अटल पथ पर घटना हुई तो डॉ संजय चौधरी ने बीच बचाव के लिए अपने मित्र और बीजेपी एमएलसी देवेश कुमार को फोन कर बुलाया था। इसके बाद घटनास्थल पर देवेश कुमार अपने बॉडीगार्ड के साथ पहुंचे थे। उनके मित्र संजय चौधरी ने जिस गाड़ी में टक्कर मारी थी उसमें सवार 4-5 युवकों से देवेश कुमार की बहस हो गई। इस दौरान एक युवक ने बीजेपी एमएलसी का वीडियो बना लिया था।
पुलिस ने बताया कि इस मामले में देवेश कुमार ने सोमवार को पटना में विशेष अदालत (उत्पाद) में आत्मसमर्पण कर दिया था जिसके बाद उन्हें जमानत पर रिहा कर दिया गया। इस मामले में उनके विरूद्ध आरोप पत्र (चार्जशीट) दायर कर दिया गया है। इस बीच बीजेपी के एमएलसी ने पत्रकारों से कहा कि मैंने कभी शराब को हाथ तक नहीं लगाया है, और निश्चित रूप से घटना के दिन नशे में नहीं था। उनके खिलाफ आई जांच रिपोर्ट राजनीति से प्रेरित है।
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