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किशनगंज के मारवाड़ी कॉलेज में 16 विषयों में पीजी की पढ़ाई शुरू करने की सरकार ने दी सहमति, पीयू के कुलपति की पहल पर कॉलेज परिवार ने जताया आभार।

सारस न्यूज, किशनगंज।

पूर्णिया यूनिवर्सिटी (पीयू) के कुलपति प्रो.(डॉ.) राज नाथ यादव की पहल पर बिहार सरकार ने मारवाड़ी कॉलेज, किशनगंज में 16 विषयों में पीजी की पढ़ाई शुरू करने पर अपनी सहमति प्रदान कर दी। उच्च शिक्षा विभाग के उप सचिव अरशद फिरोज ने पूर्णियां विश्वविद्यालय, पूर्णियां के कुलसचिव के नाम मंगलवार 30 अगस्त को पत्र जारी करते हुए कहा है कि मारवाड़ी कॉलेज, किशनगंज में कला संकाय में हिंदी, अंग्रेजी, राजनीति शास्त्र, अर्थशास्त्र, संस्कृत, बांग्ला, पर्सियन, उर्दू, दर्शन शास्त्र, मनोविज्ञान व इतिहास एवं विज्ञान संकाय में भौतिकी, रसायनशास्त्र, जंतुविज्ञान, वनस्पतिशास्त्र व गणित में स्नातकोत्तर (पीजी) की पढ़ाई होगी। कहा गया है कि 30 छात्रों पर एक शिक्षक की उपलब्धता के आधार पर पढ़ाई होगी।

बताते चलें कि कुलपति प्रो.(डॉ.) राज नाथ यादव ने 15 सितम्बर, 2021 को मारवाड़ी कॉलेज, किशनगंज का निरीक्षण किया था और उसी दिन उन्होंने यहां पीजी की पढ़ाई शुरू करने पर अपनी सहमति व्यक्त की थी। उसके बाद वीसी ने एक टीम गठित की और इस टीम ने 15 मार्च, 2022 को कॉलेज का दौरा किया और अपनी सकारात्मक रिपोर्ट वीसी को सौंपी। विभिन्न कमिटी से पारित होने के बाद वीसी द्वारा अनुमोदित रिपोर्ट राज्य सरकार को भेजी गई और 30 अगस्त को राज्य सरकार ने रिपोर्ट पर अपनी मुहर लगा दी। इस खबर से कॉलेज परिवार में हर्ष का माहौल है। मारवाड़ी कॉलेज के प्रधानाचार्य प्रो.(डॉ.) संजीव कुमार ने खुशी का इजहार करते हुए कहा कि अब अल्पसंख्यक बहुल इस पिछड़े जिले के छात्रों को यहीं पीजी की पढ़ाई सुलभ होगी।

उन्होंने वीसी व राज्य सरकार के प्रति आभार प्रकट किया। हिंदी विभागाध्यक्ष डॉ. सजल प्रसाद ने कहा कि उच्च शिक्षा के मामले में सीमांचल का किशनगंज जिला काफी पिछड़ा है और मारवाड़ी कॉलेज में दो दशकों से पीजी की पढ़ाई शुरू करने की मांग लंबित थी, जो अब पूरी हुई। इसका श्रेय शिक्षाविद कुलपति प्रो.आर.एन. यादव को जाता है। अंग्रेजी विभागाध्यक्ष डॉ. गुलरेज रोशन रहमान ने कहा कि नब्बे के दशक में तीन-चार सत्र में पीजी की पढ़ाई बीएनएमयू द्वारा शुरू की गई थी। किंतु, बाद में बंद कर दी गई। अब फिर से पीजी की पढ़ाई शुरू होगी और इससे गरीब छात्र-छात्राओं को राहत मिलेगी।

वहीं कुमार साकेत, डॉ. देबाशीष डांगर, डॉ. अश्विनी कुमार, डॉ. कसीम अखतर (सभी असिस्टेंट प्रोफेसर), डॉ. श्रीकांत कर्मकार, अवधेश मुखिया, संतोष कुमार, डॉ. रमेश कुमार सिंह, डॉ. अनुज कुमार मिश्रा (सभी गेस्ट फैकल्टी) सहित प्रधान लिपिक प्रबीर कृष्ण सिन्हा, अर्णव लाहिड़ी, राजकुमार, रविकांत गुंजन, रवि आदि ने भी वीसी के प्रति आभार प्रकट किया है।

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