सारस न्यूज टीम, दिघलबैंक।
उच्च विद्यालय सिंधिया के जिस स्कूल में बच्चे नियमित उपस्थिति देने में कतराते थे। वहां एक शिक्षिका गुड्डी कुमारी ने कलात्मक और सृजनात्मक नवाचार शुरू कर दिशा ही बदल दी। शिक्षिका ने बच्चों को रोल-प्ले से कलात्मक शिक्षा देनी शुरू की और आधुनिक शिक्षा के लिए कई प्रयास किए। शिक्षिका के इस नवाचार से बच्चों में रचनात्मकता के साथ नियमित स्कूल आने की ललक जगी है। जिले के उच्च विद्यालय सिंधिया की शिक्षिका ने अपने दम पर शिक्षा की नई राह बच्चों में दिखाई। बच्चों के लिए अब यह शिक्षिका रोल मॉडल बन चुकीं हैं। जिले के उच्च विद्यालय सिंधिया में कहानी, कविता व नई-नई विधाओं से शिक्षा देने की शुरुआत करने वाली शिक्षिका गुड्डी कुमारी क्षेत्र ही नहीं जिले की उन शिक्षक-शिक्षिकाओं के लिए प्रेरणा हैं।
जो स्कूल सिर्फ नौकरी के उद्देश्य से जाते हैं। शिक्षिका गुड्डी कुमारी ने स्कूल में कलात्मक एवं सृजनात्मक गतिविधियों से पढ़ाई शुरू कराई। इससे बच्चों में उत्साह आया और पहले जहां घर-घर सूचना भेजकर बच्चों को स्कूल बुलाया जाता था। वहीं अब बच्चे रोज उत्साह से स्कूल पहुंचने लगे हैं। शिक्षिका ने बच्चों को प्ले-रोल से अलग-अलग टॉपिक देकर पढ़ाई कराना शुरू किया तो उनमें और रुचि जागृत होने लगी। रोज पढ़ाई के लिए नए-नए प्रयोग भी शिक्षिका द्वारा किए जाते रहे हैं।
शिक्षिका को मिल चुका है कई सम्मानकविता, लिखने की शौकीन शिक्षिका गुड्डी कुमारी को कई बार राज्य स्तर पर भी इन्हें सम्मानित किया गया है। गुड्डी कुमारी ने बताया कि स्कूल के बच्चे रोल-प्ले से दी जाने वाली शिक्षा से ज्यादा प्रभावित हैं। खेल-खेल में शिक्षा बच्चों के लिए काफी फायदेमंद रही है। पुस्तक में किसी किसान की कहानी को पढ़कर सुनाने से बेहतर मैंने बच्चों को ही किसान और अन्य पात्र बनाना शुरू किया।
अपने-अपने किरदार में बच्चे जब इन कहानियों को पढ़ते हैं तो उनमें अलग भावना जागृत होती है। किसान बनने वाला बच्चा किसान की पीड़ा को समझता है। शिक्षिका का कहना है कि बच्चों के इसी उत्साह को देख मैंने हर रोज नया करने की कोशिश की हैं।