विजय गुप्ता, सारस न्यूज, गलगलिया।
नेपाल की धरती पर भारतीय चालकों के साथ दुर्व्यवहार करने के विरोध में नेपाली नंबर प्लेट वाले वाहनों को पानीटंकी पर रोक दिया गया। भारतीय चालकों द्वारा नेपाली वाहनों की आवाजाही में रुकावट के कारण दर्जनों वाहनों को 02 घंटे के लिए भारतीय भूमि में रोकने से सीमा प्रभावित हुआ और जाम की स्थिति उत्पन्न हो गई। पुलिस के अनुसार, सिलीगुड़ी से ईंधन ले जा रहे करीब 60 से अधिक ट्रकों को खोरीबाड़ी थाना क्षेत्र के पानीटंकी बॉर्डर पर रोका गया और नेपाल में प्रवेश करने नही दिया गया।
किशनगंज जिले से सटे नेपाल झापा जिला के डीएसपी वसंत पाठक ने बताया कि आक्रोशित भारतीय चालकों ने नेपाली नंबर प्लेट वाले मालवाहक वाहनों को शाम सात बजे से रात नौ बजे तक नेपाल में प्रवेश करने से रोक दिया। बताया कि नेपाल और भारतीय पुलिस के संयुक्त प्रयास के बाद चालकों ने विरोध को वापस लेने के लिए सहमत हुए।
डीएसपी पाठक ने बताया कि बाधा हटाकर क्रासिंग दोबारा खोली जाने के बाद यातायात सामान्य हुई। पुलिस के अनुसार, नेपाल के क्षेत्र में एक अधिकारी द्वारा भारतीय चालकों के साथ दुर्व्यवहार करने और बिना किसी कारण के पकड़े गए वाहनों को छोड़ने की मांग करते हुए विरोध किया गया था। नेपाल में प्रवेश करने वाले चालकों के साथ दुर्व्यवहार को लेकर नेपाल प्रशासन का ध्यान आकृष्ट कर बताया गया कि राजस्व जांच कार्यालय, इटहरी के प्रधान तीर्थ राज खनाल पर भारतीय चालकों को पीटने और गाली देने का आरोप लगाया गया है।
भारतीय चालकों के अनुसार तीर्थराज खनाल ने पिछले गुरुवार शाम करीब सात बजे नेपाल के पूर्व-पश्चिम राजमार्ग पर इटहरी के राजस्व कार्यालय के सामने दो भारतीय पिकअप वैन जिसका नंबर WB73E 9036 और WB74G1427 को सादे पोशाक में हाथ के इशारे से रोकने का इशारा किया। लेकिन पश्चिम से पूर्व की ओर जा रहे पिकअप चालकों ने गाड़ी नही रोकी। खनाल ने तुरंत अपने ऑफिस की गाड़ी बुलाई और दोनों पिकअप का पीछा किया। उन्होंने दोनों पिकअप को अपने नियंत्रण में लेने के लिए झापा और मोरंग की पुलिस से भी मदद ली।
मोरंग के बेलबाड़ी में यातायात पुलिस ने दोनों पिकअप को पकड़ा तो पिकअप खाली थी। पिकअप चालकों से जब पुलिस आवश्यक पूछताछ कर रही थी तभी राजस्व प्रमुख खनाल भी वहां पहुंच गए और पिकअप नंबर WB73E9036 के भारतीय चालक नारायण मोडक के साथ मारपीट व बदसलूकी की। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार चालक से मार पीट शुरू करने के बाद दूसरे वाहन का चालक मौके से फरार हो गया। खनाल ने दोनों पिकअप को अपने कब्जे में लेकर दो दिन तक राजस्व कार्यालय में रखा। इस घटना के बाद पीड़ित भारतीय चालक आक्रोशित होकर पानीटंकी बॉर्डर पर विरोध प्रदर्शन कर नेपाल के उक्त वाहनों को रोक दिए। विरोध के बाद बेवजह पकड़े गए खाली पिकअप को ऊपर से छोड़ने का आदेश आया तब आवागमन सामान्य हुई। वहीं पीड़ित चालक नारायण मोडक ने कहा कि सादे पोशाक में अधिकारी द्वारा रोकने पर उसे लगा कि कोई पैदल यात्री है जो लिफ्ट माँग रहा है और उसने वाहन नही रोका। उसे नहीं पता था कि वह सरकारी एजेंसी का अधिकारी है। कुछ दिन पूर्व भी खनाल के द्वरा मोरंग के बेलबाड़ी भवानी से सब्जियों और फलों से लदे 04 भारतीय वाहनों को अपने कब्जे में लिया गया था। इस दौरान भी खनाल पर वाहन के चालक को गाली देने और थप्पड़ मारने का आरोप लगाया गया था। कार्यालय के एक कर्मचारी का कहना है कि कार्यालय में ग्राहकों को गाली-गलौज के साथ परेशान करने का काम भी खनाल द्वारा किया जा रहा।