सारस न्यूज टीम, किशनगंज।
23 और 24 सितंबर को बीजेपी की तरफ से सीमांचल में जनसभा का आयोजन किया जा रहा है। इसे बड़ा रूप देने के लिए गृह मंत्री अमित शाह आ रहे हैं। बीजेपी के तमाम बड़े नेता इस रैली को सफल करने में जुटे हुए हैं। अमित शाह की इतनी बड़ी रैली को देखते हुए अब महागठबंधन ने भी कमर कस लिया है।
महागठबंधन मिलकर सीमांचल में सद्भावना रैली आयोजित करेगा। इसको लेकर ललन सिंह नहीं उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव को प्रस्ताव दिया है। इस प्रस्ताव को तेजस्वी यादव ने स्वीकार किया है और अमित शाह की रैली के तुरंत बाद महागठबंधन की सद्भावना रैली सीमांचल के पूर्णिया, किशनगंज, कटिहार में की जाएगी।
ललन सिंह ने इस बात की घोषणा लखीसराय की एक सभा में की। उन्होंने बताया कि इस सद्भावना रैली का प्रस्ताव तेजस्वी यादव को दिया। इसे स्वीकार कर लिया गया है और आने वाले 23 तारीख के बाद इन जगहों पर सद्भावना रैली आयोजित की जाएगी। ललन सिंह ने कहा- जिस तरह से बीजेपी धार्मिक उन्माद फैलाकर बिहार में माहौल खराब करना चाहती है। इसी को देखते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बीजेपी का साथ छोड़ा। क्योंकि बीजेपी महंगाई, बेरोजगारी जैसे मुद्दों पर बात ना कर देश का माहौल खराब करने जैसे मुद्दों पर फोकस कर रही थी।
इस सद्भावना रैली को सफल बनाने के लिए JDU अपने नेताओं के साथ बैठक कर रहा है। 20 और 21 सितंबर को JDU की बड़ी बैठक पटना के कर्पूरी सभागार में आयोजित की गई है। इसमें सभी जिलों के जिला अध्यक्ष और पदाधिकारियों को बुलाया गया है। दो दिनों की इस बैठक में जेडीयू तय करेगा कि इस तरह से बीजेपी के मिशन बिहार को रोका जाए और उससे बड़ा जवाब दिया जाए। बताते चलें कि अमित शाह की रैली के बाद नवरात्र और दशहरा का त्यौहार है। महागठबंधन दशहरा के बाद रैली का आयोजन करेगा। JDU के सूत्रों की मानें तो इसकी तैयारी शुरू हो गई है। तारीख स्थान का चयन किया जा रहा है।