राष्ट्रीय पोषण अभियान अंतर्गत पोषण माह के सफल क्रियानव्यंन हेतु समेकित बाल विकास परियोजना टेढ़ागाछ के सभी आंगनबाड़ी केंद्रो पर 6 माह के बच्चों को ऊपरी आहार के रूप में खीर व हलवा खिलाकर अन्नप्राशन दिवस मनाया गया। प्रभारी सीडीपीओ बबिता कुमारी ने बताया की हर माह 19 तारीख को सभी आंगनबाड़ी केंद्रों पर 6 माह से अधिक उम्र के बच्चों को खीर खिला कर उनका अन्नप्राशन कराया जाता है। अन्नप्राशन के साथ ही बच्चों के संपूर्ण देखभाल सम्बन्धी जानकारी क्षेत्र की महिलाओं को दी जाती है। इसमें महिलाओं को सेविका द्वारा बच्चे के पोषण के लिए जरूरी आहार के बारे में जानकारी दी जाती है। घर में सूजी, गेहूं का आटा, चावल, रागी और बाजरा के साथ पानी या दूध को मिलाकर दलिया बनाकर बच्चों को खिला सकते हैं। आहार में चीनी या गुड़ भी दिया जा सकता है। आहार में वसा की आपूर्ति बढ़ाने के लिए घी या तेल का भी उपयोग किया जा सकता है। इसके अलावा अंडा, मछली, फल व हरी सब्जियां भी शिशु के स्वास्थ्य के विकास में सहायक होते हैं।
अन्नप्राशन के अवसर पर क्षेत्र की सेविका द्वारा लोगों को बच्चों के टीकाकरण की भी जानकारी दी जाती हैं। चूँकि हम सभी अवगत हैं की टीकाकरण बच्चों को गंभीर व घातक बीमारियों के विरुद्ध प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करने के लिए दी जाती है। इसलिए यह बहुत जरूरी है कि लोग अपने बच्चों को सभी प्रकार के टीके ससमय जरूर लगवाएं। वही सेविका द्वारा अन्नप्राशन दिवस के अवसर पर ग्रामीण महिला व बच्चों का वजन व लंबाई लेकर उनके स्वास्थ्य के बारे में विशेष सलाह दी जाती हैं। भारत सरकार के महत्त्वकांछी प्रोजेक्ट पोषण अभियान के तहत लोगों मे कुपोषण के प्रति जगरुकता लाना व पोषण के महत्व, साफ- सफाई, टिकाकरण, पारम्परिक भोजन, महिलाओं में अनिमिया, बच्चों को डायरिया से बचाव आदि के बारे में जागरुकता फैलाकर ही हम इन विसंगतियों से छुटकारा पा सकते हैं। मौके पर राष्ट्रीय पोषण अभियान के प्रखंड समनव्यक रोहन कुमार मंडल ने बतलाया की पोषण माह के दौरान विभागीय दिशा-निर्देश के तिथिवार अनैको गतिविधियाँ प्रस्तावित हैं, जिसके आलोक में परियोजना अंतर्गत आंगनबाड़ी सेविका द्वारा पोषक क्षेत्र के ग्रामीण व्यस्क महिला/पुरूष व बच्चों को जागरुक करने हेतु रैली निकाली जाती हैं। वही सेविका द्वारा आंगनबाड़ी केंद्र पर बच्चों व महिलाओं का वजन व लंबाई लिया जाता हैं। आंगनबाड़ी सेविका द्वारा गृह भ्रमण कर लोगों की पोषण के महत्व के बारे में विशेष जानकारी दी जाती हैं तथा बच्चों को ऊपरी आहार, स्तनपान, साफ- सफाई, व टिकाकरण हेतु विशेष रूप से बतलाया जाता हैं। ताकि पोषण अभियान के लक्ष्य की प्राप्ति की जा सकें। तभी तो हम सभी कह सकेंगे की सही पोषण देश रौशन।
देवाशीष चटर्जी, सारस न्यूज़, टेढ़ागाछ।
राष्ट्रीय पोषण अभियान अंतर्गत पोषण माह के सफल क्रियानव्यंन हेतु समेकित बाल विकास परियोजना टेढ़ागाछ के सभी आंगनबाड़ी केंद्रो पर 6 माह के बच्चों को ऊपरी आहार के रूप में खीर व हलवा खिलाकर अन्नप्राशन दिवस मनाया गया। प्रभारी सीडीपीओ बबिता कुमारी ने बताया की हर माह 19 तारीख को सभी आंगनबाड़ी केंद्रों पर 6 माह से अधिक उम्र के बच्चों को खीर खिला कर उनका अन्नप्राशन कराया जाता है। अन्नप्राशन के साथ ही बच्चों के संपूर्ण देखभाल सम्बन्धी जानकारी क्षेत्र की महिलाओं को दी जाती है। इसमें महिलाओं को सेविका द्वारा बच्चे के पोषण के लिए जरूरी आहार के बारे में जानकारी दी जाती है। घर में सूजी, गेहूं का आटा, चावल, रागी और बाजरा के साथ पानी या दूध को मिलाकर दलिया बनाकर बच्चों को खिला सकते हैं। आहार में चीनी या गुड़ भी दिया जा सकता है। आहार में वसा की आपूर्ति बढ़ाने के लिए घी या तेल का भी उपयोग किया जा सकता है। इसके अलावा अंडा, मछली, फल व हरी सब्जियां भी शिशु के स्वास्थ्य के विकास में सहायक होते हैं।
अन्नप्राशन के अवसर पर क्षेत्र की सेविका द्वारा लोगों को बच्चों के टीकाकरण की भी जानकारी दी जाती हैं। चूँकि हम सभी अवगत हैं की टीकाकरण बच्चों को गंभीर व घातक बीमारियों के विरुद्ध प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करने के लिए दी जाती है। इसलिए यह बहुत जरूरी है कि लोग अपने बच्चों को सभी प्रकार के टीके ससमय जरूर लगवाएं। वही सेविका द्वारा अन्नप्राशन दिवस के अवसर पर ग्रामीण महिला व बच्चों का वजन व लंबाई लेकर उनके स्वास्थ्य के बारे में विशेष सलाह दी जाती हैं। भारत सरकार के महत्त्वकांछी प्रोजेक्ट पोषण अभियान के तहत लोगों मे कुपोषण के प्रति जगरुकता लाना व पोषण के महत्व, साफ- सफाई, टिकाकरण, पारम्परिक भोजन, महिलाओं में अनिमिया, बच्चों को डायरिया से बचाव आदि के बारे में जागरुकता फैलाकर ही हम इन विसंगतियों से छुटकारा पा सकते हैं। मौके पर राष्ट्रीय पोषण अभियान के प्रखंड समनव्यक रोहन कुमार मंडल ने बतलाया की पोषण माह के दौरान विभागीय दिशा-निर्देश के तिथिवार अनैको गतिविधियाँ प्रस्तावित हैं, जिसके आलोक में परियोजना अंतर्गत आंगनबाड़ी सेविका द्वारा पोषक क्षेत्र के ग्रामीण व्यस्क महिला/पुरूष व बच्चों को जागरुक करने हेतु रैली निकाली जाती हैं। वही सेविका द्वारा आंगनबाड़ी केंद्र पर बच्चों व महिलाओं का वजन व लंबाई लिया जाता हैं। आंगनबाड़ी सेविका द्वारा गृह भ्रमण कर लोगों की पोषण के महत्व के बारे में विशेष जानकारी दी जाती हैं तथा बच्चों को ऊपरी आहार, स्तनपान, साफ- सफाई, व टिकाकरण हेतु विशेष रूप से बतलाया जाता हैं। ताकि पोषण अभियान के लक्ष्य की प्राप्ति की जा सकें। तभी तो हम सभी कह सकेंगे की सही पोषण देश रौशन।
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